उत्तरकाशी जिला उत्तराखण्ड के गढ़वाल मण्डल के अंतर्गत एक जिला है, उत्तरकाशी जिले का मुख्यालय उत्तरकाशी नगर है, हिंदुयो के पूज्य और पवित्र नदिया गंगा और यमुना का उद्गम स्थल उत्तरकाशी में ही है, जिले में ६ तहसीलें और ३ विधान सभा क्षेत्र है।
उत्तरकाशी जिले का क्षेत्रफल ८०१६ वर्ग किलोमीटर है और २०११ की जनगणना के अनुसार उत्तरकाशी की जनसँख्या ३२९६८६ और जनसँख्या घनत्व ४१ व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है, उत्तरकाशी की साक्षरता ७६% है और महिला पुरुष अनुपात ९५९ महिलाये प्रति १००० पुरुषो पर है, और २००१ से २०११ के बीच जनसँख्या विकास दर १२% रही है।
उत्तरकाशी भारत में कहाँ पर है
उत्तरकाशी उत्तरखंड के उत्तरी भाग में है इसके अक्षांस और देशांतर क्रमशः ३० डिग्री ७३ मिनट उत्तर से ७८ डिग्री ४५ मिनट पूर्व तक है, समुद्रतल से उत्तरकाशी की ऊंचाई ११६५ मीटर है और देहरादून से उत्तरकाशी १४४ किलोमीटर उत्तर में है और दिल्ली से भी २९० किलोमीटर उत्तर में है।
उत्तरकाशी के पडोसी जिले
उत्तरकाशी के उत्तर में हिमाचल प्रदेश के किन्नौर और शिमला जिले है, उत्तर पूर्व में चीन है, पूर्व में चमोली और दक्षिण पश्चिम में रुद्रप्रयाग है, दक्षिण में टेहरी गढ़वाल है, पश्चिम में देहरादून है।
Information about Uttarkashi in Hindi
नाम | उत्तरकाशी |
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राज्य | उत्तराखंड |
क्षेत्र | 7520 वर्ग किलोमीटर |
उत्तरकाशी की जनसंख्या | 32 9 686 |
अक्षांश और देशांतर | 30.9287 डिग्री सेल्सियस, 78.4752 डिग्री ई |
उत्तरकाशी का एसटीडी कोड | 1374 |
उत्तरकाशी की पिन कोड | 24 9 1 3 |
जिला मजिस्ट्रेट (डीएम कलेक्टर) | श्री के के पंत |
पुलिस अधीक्षक (एसपी / एसएसपी) | श्री मुक्ता मोहसीन |
मुख्य विकास अधिकारी | श्री सतेश चंद्री |
मुख्य चिकित्सा अधिकारी | बनाम किशन सिंह |
संसद के सदस्य | श्रीमती माला राज लक्ष्मी शाह |
विधायक | विजय पाल सजवान |
उपखंडों की संख्या | |
तहसील की संख्या | 6 |
गांवों की संख्या | 710 |
रेलवे स्टेशन | ऋषिकेश / हरिद्वार में निकटतम रेलवे स्टेशन |
बस स्टेशन | Uttarkashi में बस सेवा |
उत्तरकाशी में एयर पोर्ट | भरकोट हवाई अड्डा |
तटस्थ में होटल की संख्या | 75 |
डिग्री कॉलेजों की संख्या | 1 |
अंतर कॉलेजों की संख्या | 1 |
मेडिकल कॉलेजों की संख्या | 6 |
इंजीनियरिंग कॉलेजों की संख्या | अटल बिहारी वाजपेयी, सरकारी। इंस्टीट्यूट |
कम्प्यूटर केन्द्रों में संपर्किका | 6 |
उत्तरकाशी में मॉल | 15 |
उत्तरकाशी में अस्पताल | 1 |
उत्तराकाशी में विवाह हॉल | 2 |
नदी (ओं) | भागीरथी |
उच्च मार्ग | राष्ट्रीय राजमार्ग 108 |
ऊंचाई | 1,158 मी (3,79 9 फीट) |
घनत्व | 41 / किमी 2 (110 / वर्ग मील) |
आधिकारिक वेबसाइट | Http://uttarkashi.nic.in/ |
साक्षरता दर | 78% |
बैंक | स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, यू.के.जी.बी. |
प्रसिद्ध नेता (ओं) | महर्षि महेश योगी |
राजनीतिक दलों | कांग्रेस, भाजपा, बसपा, राकांपा, सपा |
आरटीओ कोड | यूके 10 |
आधार कार्ड केंद्र | 1 1 |
स्थानीय परिवहन | गाड़ियों, बस, कार और उड़ान |
मीडिया | नया माध्यम |
विकास | 11.8 9% |
यात्रा स्थलों | गंगोत्री ग्लेशियर, गंगोत्री नेशनल पार्क, दयारा बुगैल, नचिकेता ताल, दुर्योधन मंदिर, शक्ति मंदिर, कुटीती देवी मंदिर, एकदश रुद्र मंदिर, विश्वनाथ मंदिर |
आयुक्त | श्री जी.के. श्रीवास्तव |
उत्तरकाशी़ का नक्शा मानचित्र मैप
गूगल मैप द्वारा निर्मित उत्तरकाशी़ का मानचित्र, इस नक़्शे में उत्तरकाशी़ के महत्वपूर्ण स्थानों को दिखाया गया है
उत्तरकाशी़ जिले में कितनी तहसील है
उत्तरकाशी में ६ तहसीलें है जिनके नाम 1. भटवारी 2. चिन्यालीसौर 3. डूंडा 4. मोरी 5. पुरौला और 6. राजगढ़ी, इन ६ तहसीलो में राजगढ़ी तहसील सबसे बड़ी और पुरौला तहसील सबसे छोटी तहसील है।
उत्तरकाशी़ जिले में विधान सभा की सीटें
उत्तरकाशी में ३ विधानसभा क्षेत्र है, इन विधान सभा सीटों के नाम पुरुला (एससी), यमुनोत्री और गंगोत्री है।
उत्तरकाशी़ जिले में कितने गांव है
उत्तरकाशी में ६८७ गांव है जो की ६ तहसीलों में विभाजित है गांवों की संख्या तहसील के नाम के अनुसार 1. भटवारी तहसील में ९९ गांव, 2. चिन्यालीसौर में भी ९९ गांव है, 3. डूंडा तहसील में १२४ गांव है, 4. मोरी में ९८ गांव है 5. पुरौला तहसील में ८२ गांव है और 6. राजगढ़ी में १८५ गांव है।
History of Uttarkashi in Hindi
उत्तरकाशी का इतिहास, उत्तरकाशी जिला २४ फरबरी १९६० को बनाया या, इसे रवाईं और पूर्वी टेहरी गढ़वाल ज़िले से मिलकर बनाया गया था, उत्तरकाशी का इतिहास बिना दिल्ली को जोड़े अधूरा है, यहाँ पर पहले गढ़वाल राजाओ का राज्य था जिसे पाल राजाओ ने दिल्ली के बहलोल लोधी के साथ मिलकर गढ़वाल राजाओ से छीन लिया था, १८०३ में नेपाली और गोरखाओ ने मिलकर गढ़वाल को जीत लिया और अमर सिंह ठप को यहाँ का गवर्नर बना दिया, गोरखाओ का अंग्रेजो से सामना १८१४ में हुआ, १८१५ में अंग्रेजो ने गोरखाओ से गढ़वाल को खली करना दिया, पहले उत्तर कशी गढ़वाल का ही हिस्सा था, इसलिए उत्तरकाशी के इतिहास में गढ़वाल का जिक्र जरुरी था, यह २००० से पहले उत्तर प्रदेश का एक जिला था, पर जब उत्तरांचल राज्य का गठन हुआ ता ये जिला भी प्रकाश में आया।