त्रिपुरा भारत के राज्यों में उत्तर पूर्वी भाग का एक समृध्द राज्य है, कहते है कभी यहाँ पर त्रिपुरा सुर का भगवान शिवजी द्वारा वध हुआ था इसीकारण इसका भूभाग का नाम त्रिपुरा पड़ गया उसके पहले इसका नाम किरात देश था जो की यहाँ की आदिवासी जनजाति है, यह भारत के राज्यों में गोवा और सिक्किम के बाद क्षेत्रफल के आधार पर तीसरा छोटा राज्य है, 15 अक्टूबर 1949 में त्रिपुरा की रानी कंचन प्रभा देवी भारतीय संघ में विलय पत्र पर हस्ताक्षर किये थे जिसके अनुसार यह भारत का सी प्रकार का राज्य बना, इसके बाद राजनैतिक कारणों के चलते इसे १ नवंबर १९५६ को एक केंद्र शासित राज्य बनाया गए और फिर २१ जनवरी १९७२ इसे पूर्ण राज्य प्राप्त हुआ।
वर्तमान में त्रिपुरा में जिलों की संख्या ८ है, १ राज्य सभा और २ लोक सभा है साथ ही यहाँ की एक सदनीय विधनसभा में ६० सीट है।
त्रिपुरा के पडोसी राज्य
त्रिपुरा के उत्तर पूर्व में असम है और पूर्व में मिजोरम है, इसके आलावा यह सभी तरफ से बांग्लादेश से घिरा हुआ है।
त्रिपुरा के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य
राज्य | त्रिपुरा (Tripura) |
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राज्यपाल | श्री सत्यदेव नारायण आर्य (७ जुलाई २०२१, १९वे) |
मुख्यमंत्री | बिप्लब कुमार देब (बीजेपी) |
उप मुख्यमंत्री | जिष्णु देब बर्मन (भाजपा) |
आधिकारिक वेबसाइट | http://tripura.gov.in/ |
स्थापना का दिन | 21 जनवरी 1972 |
क्षेत्रफल | 10,486 वर्ग किमी |
घनत्व | 350 प्रति वर्ग किमी |
जनसंख्या (2011) | 3,673,917 |
पुरुषों की जनसंख्या (2011) | 1,874,376 |
महिलाओं की जनसंख्या (2011) | 1,799,541 |
शहरी जनसंख्या % में (2011) | 26.17% |
जिले | 8 |
राजधानी | अगरतला |
उच्च न्यायलय | त्रिपुरा उच्च न्यायालय |
जनसँख्या में स्थान [भारत में ] | 22nd |
क्षेत्रफल में स्थान [भारत में ] | 3rd |
धर्म | हिन्दू, मुस्लिम, क्रिश्चियन, बुद्धिज़्म, सिख धर्म, अन्य धर्म |
नदियाँ | बुरिमा, गोमती, खोवाई, धलाई, मुहूरी, फेनी, जूरी मनु और लोंगई |
वन एवं राष्ट्रीय उद्यान | क्लॉउडेड लेपर्ड राष्ट्रीय उद्यान, सिपाहिज़ोल, गुमटी, रोवा और तृष्णा वन्यजीव अभयारण्य, बाइसन राष्ट्रीय उद्यान, तृष्णा वन्यजीव अभयारण्य, राजबारी नेशनल पार्क |
भाषाएँ | हिंदी, मोग, ओड़िया, बिष्णुप्रिया मणिपुरी, मणिपुरी, हलम, कूकी, बंगाली, गारो एंड चकमा, अंग्रेजी |
पड़ोसी राज्य | असम, मिजोरम |
राजकीय पशु | फायरे का लंगूर |
राजकीय पक्षी | ग्रीन इंपीरियल कबूतर |
राजकीय वृक्ष | अगर |
राजकीय फूल | नागेश्वर |
नृत्य | गरिया, होज़ा गिरी, धमैल |
खेल | थवगमदाग |
नेट राज्य घरेलू उत्पाद (2013-2014) | 27,000 करोड़ रुपया |
साक्षरता दर (2011) | 87.22% |
1000 पुरुषों पर महिलायें | 960 |
सदन व्यवस्था | एक सदनीय |
विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र | 60 |
विधान परिषद् सीटे | NA |
संसदीय निर्वाचन क्षेत्र | 2 |
राज्य सभा सीटे | 1 |
त्रिपुरा का नक्शा
गूगल मैप की सहायता से बना हुआ Tripura Ka Naksha
त्रिपुरा का इतिहास
ऐसा कहा जाता है कि राजा त्रिपुर, जो ययाति वंश का 39 वाँ राजा था के नाम पर इस राज्य का नाम त्रिपुरा पड़ा। एक मत के मुताबिक स्थानीय देवी त्रिपुर सुन्दरी के नाम पर यहाँ का नाम त्रिपुरा पड़ा। त्रिपुरा भारत का एक राज्य है। अगरतला त्रिपुरा की राजधानी है। बंगाली और त्रिपुरी भाषा कोक बोरोक यहाँ की मुख्य भाषाये है। त्रिपुरा का बडा पुराना और लंबा इतिहास है। इसकी अपनी अनोखी जनजातीय संस्कृति तथा दिलचस्प लोकगाथाएं है। इसके इतिहास को त्रिपुरा नरेश के बारे में ‘राजमाला’ गाथाओं तथा मुसलमान इतिहासकारों के वर्णनों से जाना जा सकता है। महाभारत और पुराणों में भी त्रिपुरा का उल्लेख मिलता है। राजमाला के अनुसार त्रिपुरा के शासकों को ‘फा’ उपनाम से पुकारा जाता था जिसका अर्थ ‘पिता’ होता है।त्रिपुरा के शासकों को मुगलों के बार-बार आक्रमण का भी सामना करना पडा जिसमें आक्रमणकारियों को कमोबेश सफलता मिलती रहती थी। कई लड़ाइयों में त्रिपुरा के शासकों ने बंगाल के सुल्तानों कों हराया।
त्रिपुरा के महत्वपूर्ण पर्यटन केंद्र :-
वेस्ट – साउथ त्रिपुरा टूरिज्म वृत्त
अगरतला,
कमल सागर
सेफाजाला
नील महल
उदयपुर
पिलक
महामुनि।
वेस्ट – नॉर्थ त्रिपुरा टूरिज्म वृत्त
अगरतला,
उनोकोटि
जामपुई हिल
त्रिपुर सुंदरी मंदिर-त्रिपुरा सुन्दरी-तलवाडा ग्राम से 5 किलोमीटर दूर स्थित भव्य प्राचीन त्रिपुरा सुन्दरी का मंदिर हैं, जिसमें सिंह पर सवार भगवती अष्टादश भुजा की मूर्ति स्थित हैं। मूर्ति की भुजाओं में अठारह प्रकार के आयुध हैं। इस मंदिर की गिनती प्राचीन शक्तिपीठों में होती हैं। मंदिर में खण्डित मूर्तियों का संग्रहालय भी बना हुआ हैं मंदिर में प्रतिदिन दर्शनार्थियों का तांता लगा रहता हैं। प्रतिवर्ष नवरात्रा में यहाँ भारी मेला भी लगता हैं।
पर्यटन समारोह-
आरेंज एंड टूरिज्म फेस्टिवल वांगमुन
उनोकेटि टूरिज्म फेस्टिवल
नीरमहल टूरिज्म फेस्टिवल
पिलक टुरिज्म फेस्टिवल।