सिक्किम

सिक्किम जिसे अंग्रेजो ने सिखिम भी कहा था, नेपाल और चीन की सीमाओं को स्पर्श करता हुआ भारत देश के पूर्वोत्तर में बसा हुआ एक पर्वतीय राज्य है, किसी समय सिक्किम खासकर भारत में अंग्रेजो से स्वतंत्र होने से पहले यह ग्वाल राजतन्त्र द्वारा शासित राज्य है, लेकिन १९४७ में जनमत के बाद यह भारत में शामिल हो गया था, दुनिआ की सबसे ऊँची चोटी कंचनजंगा इसी प्रदेश में नेपाल की सीमा को स्पर्श करती हुयी है, पश्चिम बंगाल राज्य इसके दक्षिण में है, ‘सिक्किम’ शब्द का अर्थ सु (अर्थात “नवीन”) तथा ख्यिम (अर्थात “महल” अथवा “घर” – जो कि प्रदेश के पहले राजा फुन्त्सोक नामग्याल के द्वारा बनाये गये महल का संकेतक है) को जोड़कर बना है। तिब्बती भाषा में सिक्किम को “चावल की घाटी” कहा जाता है, सिक्किम में चार जिले है।

सिक्किम के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य

राज्य सिक्किम
राज्यपाल Shri Lakshman Prasad Acharya
मुख्यमंत्री Shri PS Golay
उप मुख्यमंत्री NA
आधिकारिक वेबसाइट http://www.sikkim.gov.in
स्थापना का दिन 15 मई 1975
क्षेत्रफल 7,096 वर्ग किमी
घनत्व 86 प्रति वर्ग किमी
जनसंख्या (2011) 610,577
पुरुषों की जनसंख्या (2011) 321,661
महिलाओं की जनसंख्या (2011) 288,916
शहरी जनसंख्या % में (2011) NA
जिले 4
राजधानी गंगटोक
उच्च न्यायलय NA
जनसँख्या में स्थान [भारत में ] 29th
क्षेत्रफल में स्थान [भारत में ] 29th
धर्म हिन्दू, मुस्लिम, क्रिश्चियन, बौद्ध, Others
नदियाँ तीस्ता, चोलामु, रंगीत
वन एवं राष्ट्रीय उद्यान NA
भाषाएँ नेपाली, लिम्बु, माझी, मझवार, सिक्किम, शेरपा, तमांग, तिब्बती, अंग्रेजी, हिंदी आदि
पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल
राजकीय पशु लाल पांडा
राजकीय पक्षी रक्त मनाल
राजकीय वृक्ष बुरांस
राजकीय फूल नोबल आर्किड
राजकीय नृत्य NA
राजकीय खेल NA
नेट राज्य घरेलू उत्पाद (2013-2014) 12,000 करोड़ रुपया
साक्षरता दर (2011) 82.30%
1000 पुरुषों पर महिलायें 889
सदन व्यवस्था एक सदनीय
विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र 32
विधान परिषद् सीटे NA
संसदीय निर्वाचन क्षेत्र 1
राज्य सभा सीटे 1

सिक्किम का नक्शा

गूगल मैप द्वारा निर्मित सिक्किम का नक्शा

सिक्किम से लोकसभा सदस्यों की लिस्ट

क्रम संख्या लोकसभा क्षेत्र नाम पार्टी
1 सिक्किम प्रेम दास राइ सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट

सिक्किम से राज्यसभा सदस्यों की सूची

क्रम संख्या नाम पार्टी नियुक्ति तिथि कार्यकाल पूर्ण होने की तिथि
1 हिशे लाचुंग्पा सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट 24-Feb-12 23-Feb-18

सिक्किम का इतिहास

‘सिक्किम’ शब्द का सर्वमान्य स्रोत लिम्बू भाषा के शब्दों सु  तथा ख्यिम  को जोड़कर बना है। सिक्किम नामग्याल राजतन्त्र द्वारा शासित एक स्वतन्त्र राज्य था, बौद्ध भिक्षु गुरु रिन्पोचे  का ८वीं सदी में सिक्किम दौरा यहाँ से सम्बन्धित सबसे प्राचीन विवरण है। अभिलेखित है कि उन्होंने बौद्ध धर्म का प्रचार किया, सिक्किम को आशीष दिया तथा कुछ सदियों पश्चात आने वाले राज्य की भविष्यवाणी की।

मान्यता के अनुसार १४वीं सदी में ख्ये बुम्सा, पूर्वी तिब्बत में खाम के मिन्यक महल के एक राजकुमार को एक रात दैवीय दृष्टि के अनुसार दक्षिण की ओर जाने का आदेश मिला। इनके ही वंशजों ने सिक्किम में राजतन्त्र की स्थापना की। सन १७०० में भूटान में चोग्याल की अर्ध-बहन, जिसे राज-गद्दी से वंचित कर दिया गया था, द्वारा सिक्किम पर आक्रमण हुआ। तिब्बतियों की सहयता से चोग्याल को राज-गद्दी पुनः सौंप दी गयी। १७१७ तथा १७३३ के बीच सिक्किम को नेपाल तथा भूटान के अनेक आक्रमणों का सामना करना पड़ा जिसके कारण रबदेन्त्से का अन्तत:पतन हो गया।

1791 में चीन ने सिक्किम की मदद के लिये और तिब्बत को गोरखा से बचाने के लिये अपनी सेना भेज दी थी। नेपाल की हार के पश्चात, सिक्किम किंग वंश का भाग बन गया। पड़ोसी देश भारत में ब्रतानी राज आने के बाद सिक्किम ने अपने प्रमुख दुश्मन नेपाल के विरुद्ध उससे हाथ मिला लिया। नेपाल ने सिक्किम पर आक्रमण किया एवं तराई समेत काफी सारे क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया। इसकी वज़ह से ईस्ट इंडिया कम्पनी ने नेपाल पर चढ़ाई की जिसका परिणाम १८१४ का गोरखा युद्ध रहा। कंचनजंगा यहाँ की सबसे ऊंची चोटी है।

सिक्किम की भाषा

सिक्किम की वैसे तो बहुत सी भाषाएँ है जैसे अंग्रेजी, नेपाली, लेप्चा, भूटिया, गुरूङ, लेपचा, लिंबू, मगर, मुखिया, नेपालभाषा, राई, शेर्पा, तामाङ, तथा हिन्दी आधिकारिक भाषाएँ हैं, लेकिन सबसे ज्यादा यहाँ पर अंग्रेजी भाषा ही बोली जाती है।

सिक्किम के धर्म

सिक्किम पूर्वोत्तर का राज्य है, यहाँ पर हिन्दू और बौद्ध धर्म ही है, वैसे तो मुस्लिम और ईसाई भी है, लेकिन यहाँ पर बौद्ध धर्म की बज्रयान बौद्ध शाखा है और यही धर्म यहाँ का सबसे प्रमुख धर्म है।

सिक्किम भारत का राज्य कब बना

१९४७ में जब पूरा भारत स्वतंत्र हुआ उस समय सिक्किम ने भारत में बिलाय के प्रश्न पर अपनी असहमति प्रकट की और विलय अस्वीकार किया जिसको तत्कालीन भारत के प्रधान मंत्री ने मान लिया और सिक्किम को विशेष एवं संरक्षित राज्य की मान्यता देदी और इस प्रकार सिक्किम में १९७५ तक चोग्याल वंश का राज तंत्र था और ये राजतन्त्र जन आकांशाओ पर ठीक नहीं उत्तर रही थी इसलिए १९७३ में राजभवन के सामने बहुत भयंकर दंगे हुए इसके बाद भारत सरकार ने संज्ञान लिया और सिक्किम की ९७.५ प्रतिशत जनता के समर्थन के बाद १६ मई १९७५ मे सिक्किम औपचारिक रूप से भारतीय गणराज्य का २२वां प्रदेश बना और सिक्किम मे एकाधिपत्य अर्थात चोग्याल वंश के शासन का अंत हुआ।
चोग्याल वंश को कुछ लोग नाम्ग्याल राजवंश भी कहते है।

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