साहिबगंज झारखंड

साहिबगंज जिला झारखंड के जिलों में एक जिला है, साहिबगंज जिला, संथाल परगना मंडल के अंतर्गत आता है और इसका मुख्यालय साहिबगंज में है, जिले में 2 उपमंडल है, 9 उप खंड और 3 विधान सभा क्षेत्र जो की राजमहल लोकसभा क्षेत्र में आता है, 1819 ग्राम है और 166 ग्राम पंचायते है।

साहिबगंज जिला

साहिबगंज जिले का क्षेत्रफल 1,601 वर्ग किलोमीटर है, और २०११ की जनगणना के अनुसार साहिबगंज की जनसँख्या 1150567 और जनसँख्या घनत्व 719/km2 व्यक्ति [प्रति वर्ग किलोमीटर] है, साहिबगंज की साक्षरता 53.73% है, महिला पुरुष अनुपात यहाँ पर 948 महिलाये प्रति १००० पुरुषो पर है, जिले की जनसँख्या विकासदर २००१ से २०११ के बीच 23.96 % रहा है।

साहिबगंज भारत में कहाँ पर है

साहिबगंज जिला भारत के राज्यो में पूर्व की तरफ की अंदर की तरफ स्थित झारखंड राज्य में है, साहिबगंज जिला झारखंड के उत्तर पूर्वी का भाग का जिला है इसीलिए इसके उत्तर पश्चिम से उत्तर में बिहार राज्य, पूर्व से दक्षिण पूर्व में पश्चिम बंगाल है और साहिबगंज 25.25° उत्तर 87.65° पूर्व के बीच स्थित है, साहिबगंज की समुद्रतल से ऊंचाई 16 मीटर है, साहिबगंज रांची से 436 किलोमीटर उत्तर पूर्व की तरफ है और देश की राजधानी दिल्ली से 1397 किलोमीटर दक्षिण पूर्व की तरफ ही है।

साहिबगंज के पडोसी जिले

साहिबगंज के उत्तर से पश्चिमोत्तर में बिहार के जिले है जो की कटिहार जिला और भागलपुर जिला है, पश्चिम में गोड्डा जिला है, दक्षिण में पाकुर जिला है, दक्षिण पूर्व से पूर्व तक पश्चिम बंगाल के जिले है जो की मुर्शिदाबाद जिला और मालदा जिला है ।

Information about Sahibganj in Hindi

नाम साहिबगंज
मुख्यालय साहिबगंज
प्रशासनिक प्रभाग संथाल परगना मंडल
राज्य झारखंड
क्षेत्रफल 1,661 किमी2 (618 वर्ग मील)
जनसंख्या (2011) 1150567
पुरुष महिला अनुपात 948
विकास 23.96%
साक्षरता दर 53.73%
जनसंख्या घनत्व 719 / किमी 2 (1860 / वर्ग मील)
ऊंचाई 16 मीटर (52 फीट)
अक्षांश और देशांतर 25.25° उत्तर 87.65° पूर्व
एसटीडी कोड 06436′
पिन कोड 816109
संसद के सदस्य 1
विधायक 3
उप मंडल की संख्या 2
खंडों की संख्या 9
गांवों की संख्या 1819
रेलवे स्टेशन साहिबगंज रेलवे स्टेशन
बस स्टेशन हाँ
एयर पोर्ट सिलीगुड़ी हवाई अड्डा, (173 किमी)
डिग्री कॉलेजों की संख्या 4
अंतर कॉलेजों की संख्या 36
प्राथमिक विद्यालय (पूर्व-प्राथमिक को शामिल करना) 858
मध्य विद्यालय 278
अस्पताल 3
नदी (ओं) गंगा नदी
उच्च मार्ग NH-27
आधिकारिक वेबसाइट http://sahibganj.nic.in
बैंक 9
प्रसिद्ध नेता (ओं) NA
आरटीओ कोड JH 18
स्थानीय परिवहन बस, टैक्सी आदि

साहिबगंज का नक्शा मानचित्र मैप

गूगल मैप द्वारा निर्मित साहिबगंज का मानचित्र, इस नक़्शे में साहिबगंज के महत्वपूर्ण स्थानों को दिखाया साहिबगंज है

साहिबगंज जिले में कितनी तहसील है

साहिबगंज जिले में प्रशासनिक विभाजन तहसील के बजाये 9 ब्लॉक में किया गया है, इसका मुख्य अधिकारी भी ब्लॉक विकास अधिकारी होता है, इन ब्लॉक का नाम बरहैत, बरहरवा, साहबगंज, बोरियो, मंड्रो, पटना, राजमहल, तलहहरी और उधवा है।

साहिबगंज जिले में विधान सभा और लोकसभा की सीटें

साहिबगंज जिले में 3 विधान सभा क्षेत्र है, जिनके नाम पोरेयहाट, गोदादा और महागामा जो की राजमहल लोक सभा क्षेत्र के अंतर्गत आती हैं।

साहिबगंज जिले में कितने गांव है

साहिबगंज जिले में 166 पंचायतों के अंदर आने वाले 1819 गांव, इन 1819 गांवों में से 1307 में चिरौगी और 507 गैर – चिरगी गांव हैं, ग्राम पंचायतो के ऊपर खंड होती है, जो की जिले में 9 है।

साहिबगंज का इतिहास

साहिबगंज का इतिहास राजमहल और तेलीगढ़ी किले के आस पास घूमती हुयी नजर आती है, यहाँ पर मॉल पहरिअ जनजाति का अधिकार था इस क्षेत्र को मेगस्थनीज ने माली के नाम से सम्बोधित किया था, इसके बाद ३०२ इसा पूर्व सेलुकस निकेटर ने राजमहल की पहाड़ियों पर अधिकार कर लिया और ये अधिकार काफी समय तक बना रहा, यहाँ तक की जब ६४५ ईस्वी चीनी यात्री ह्वेनसांग भारत आया तब भी वह पर ग्रीक राज था।

अंग्रेजो के अधिकार करने क बाद १७५७ में प्लासी की लड़ाई के बाद बंगाल के नबाब सिराजु उद दौल्ला को यही से गिरफ्तार किया गया था। साहिबगंज के इतिहास में बहुत से काम हुए जैसे संथालो ने १८५४-५५ में सिदो और कनु के नेतृत्व में विद्रोह किया था वे दोनों इस भूभाग के थे, उस समय साहिबगंज संथाल जिला का भाग था इसलिए साहिबगंज का इतिहास संथाल जिले के इतिहास का ही अंग था।

संथालो के विद्रोह

संथालो ने १८५४-५५ में सिदो और कनु के नेतृत्व में विद्रोह किया था, संथालो ने स्थानीय जमींदारों और कुछ अंग्रेजी अधिकारियो के विरुद्ध शिकायत करने की सोची परन्तु उनको सुना नहीं गया, जिससे इनके मन में एक भय उत्पन्न हुआ की गैर आदिवासी लोग उनकी परम्पराओ को नष्ट करके उनकी भूमि को हथियाना चाहते है, उस समय बिहार और झारखण्ड अलग नहीं थे, इसलिए संथालो का विद्रोह जो की १८४५ से १८५५ तक चला उसके कारन संथाल के अलाबा बीरभूम और भागलपुर भी प्रभावित हुए थे, परन्तु इस विद्रोह को अंग्रेजो ने बड़ी ही निर्दयता के साथ कुछल दिया था।

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