जोधपुऱ राजस्थान

जोधपुर जिला राजस्थान के जोधपुर मण्डल का एक जिला है, जिले का मुख्यालय जोधपुर नगर में ही है, जोधपुर की स्थापना राव जोधा ने की थी राजस्थान के ३३ जिलों में जोधपुर सबसे ज्यादा जनसँख्या के जिलो में दूसरे नम्बर पर है।

[Read Mehrangarh Fort History in Hindi]
जोधपुर जिले का क्षेत्रफल २२८५० वर्ग किलोमीटर है, और २०११ की जनगणना के अनुसार जोधपुर की जनसँख्या ३६८७१६५ और जनसँख्या घनत्व १६१ व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है, जोधपुर की साक्षरता ६७% है, यहाँ पर ९१५ महिलाये है १००० पुरषो पर और २००१ से २०११ के बीच जनसँख्या विकास दर २८% है।

जोधपुर भारत में कहाँ पर है

जोधपुर भारत के राज्य राजस्थान के लगभग मध्य भाग में स्थित है जोधपुर के सक्शन्स और देशांतर क्रमशः २६ डिग्री २८ मिनट उत्तर से ७३ डिग्री २ मिनट पूर्व तक है, समुद्रतल से जोधपुर की ऊंचाई २३१ मीटर है और जयपुर से जोधपुर ३५५ किलोमीटर पश्चिम की तरफ है, और दिल्ली से ६०५ किलोमीटर दक्षिण पश्चिम की तरफ है।

जोधपुर के पडोसी जिले

जोधपुर जिले के उत्तर में बीकानेर जिला है, पूर्व में नागौर, दक्षिण पूर्व में पाली जिला है, पश्चिम में जैसलमेर और दक्षिण पश्चिम में बाड़मेर जिला है।

Information about Jodhpur in Hindi

नाम जोधपुर
राज्य राजस्थान
क्षेत्र 78.6 किमी 2 (30.3 वर्ग मील)
जोधपुर की जनसंख्या 1,033,918
अक्षांश और देशांतर 26.238 9 डिग्री नं, 73.0243 डिग्री ई
जोधपुर का एसटीडी कोड 2931
जोधपुर पिन कोड 342001
जिला मजिस्ट्रेट (डीएम कलेक्टर) डॉ प्रीतम बी। यशवंत (आईएएस)
पुलिस अधीक्षक (एसपी / एसएसपी) हरेंद्र कुमार
मुख्य विकास अधिकारी श्री दिनेश सिंह
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अशोक सिंह,
संसद के सदस्य गजेंद्रसिंग शेखावत
विधायक श्री कैलाश भंसाली,
उपखंडों की संख्या
तहसील की संख्या 7
गांवों की संख्या 1846
रेलवे स्टेशन जोधपुर रेलवे स्टेशन
बस स्टेशन राय का बाग सेंट्रल बस स्टेशन
जोधपुर में एयर पोर्ट जोधपुर हवाई अड्डा
जोधपुर में होटल की संख्या 150
डिग्री कॉलेजों की संख्या 3
अंतर कॉलेजों की संख्या 128
मेडिकल कॉलेजों की संख्या 7
इंजीनियरिंग कॉलेजों की संख्या 28
जोधपुर में कंप्यूटर केंद्र 210
जोधपुर में मॉल 4
जोधपुर में अस्पताल 230
जोधपुर में मैरेज हॉल 150
नदी (ओं) लूनी नदी और मिथरी नदी
उच्च मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग 65
ऊंचाई 231 मीटर
घनत्व 13,000 / किमी 2 (34,000 / वर्ग मील)
आधिकारिक वेबसाइट Http://www.jodhpur.rajasthan.gov.in/content/raj/jodhpur/en/home.html
साक्षरता दर 81.56%
बैंक सहकारी बैंक, इलाहाबाद बैंक, इंडियन बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, एसबीआई, कैनरा बैंक, आई.डी.बी.आई बैंक, यस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, यूको बैंक, एक्सिस बैंक, विजया बैंक, पंजाब नेशनल बैंक
प्रसिद्ध नेता (ओं) दीपेंद्र सिंह शेखावत
राजनीतिक दलों भाजपा, बसपा, सीपीआई, कांग्रेस
आरटीओ कोड आरजे 1 9
आधार कार्ड केंद्र 3
स्थानीय परिवहन टैक्सी, कार, बस, ट्रेन, हवाई अड्डे
मीडिया समाचार पत्र, ग्रामीण / शहरी होने के रेडियो, ट्रांजिस्टर, मीडिया, टेलीविजन
विकास 27.74%
यात्रा स्थलों चामुंडा माता मंदिर, राज रांधोडजी मंदिर, अचल नाथ शिवालय, सिध्दन्त शिव मंदिर, रसिक बिहारी मंदिर, गणेश मंदिर, बाबा रामदेव टाइम्पल, मसुरियाहल, शिवमटाल, शिवसागर, मटाकथन, उदयमंदिरिश्तेरिया, कुंजबिहारी टाइम्पल, दौजी टाइम्प्ले, हाथी रामका ओडा, रावण टेंपल, मंदोरे गार्डेंस, केलानालेक, शास्त्रीक्रिंक, मसुरिया , राव जोधदासर्ट रॉकपार्क, साइंसपेर्क, उम्मार्ड गार्डन, चोकेलवबाग, माचियासाफारीपार्क
आयुक्त श्री अशोक राठौर

 

जोधपुऱ का नक्शा मानचित्र मैप


गूगल मैप द्वारा निर्मित जोधपुऱ का मानचित्र, इस नक़्शे में जोधपुऱ के महत्वपूर्ण स्थानों को दिखाया गया है

जोधपुऱ जिले में कितनी तहसील है

जोधपुर जिले में ७ तहसीलें है, इन तहसीलों के नाम 1. भोपालगढ़ 2. बिलार 3. जोधपुर 4. लूनी 5. ओसियां 6. फलोदी 7. शेरगढ़, इन सात तहसीलों में ग्रामो की संख्या के आधार पर फलोदी तहसील सबसे बड़ी तहसील है और बिलार तहसील सबसे छोटी तहसील है।

जोधपुऱ जिले में विधान सभा की सीटें

जोधपुर जिले में ९ विधान सभा क्षेत्र है इन विधान सभा सीटों के नाम 1. लोहारत 2. शेरगढ़ 3. ओसियन 4. भोपालगढ़ (एससी) 5. सरदारपुरा 6. जोधपुर 7. सूरसागर 8. लुनी 9. बिलाारा (एससी), इन ९ विधान सभा क्षेत्रो में २ विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जाती के लोगो की है।

जोधपुऱ जिले में कितने गांव है

जोधपुर जिले में १७६५ गांव है जो की जिले की ७ तहसीलों के अंदर आते है, ग्रामो की संख्या तहसील के नाम के साथ इस प्रकार से है 1. भोपालगढ़ तहसील में १५७ गांव है, 2. बिलार में १०३ गांव है, 3. जोधपुर तहसील में १३९ गांव है 4. लूनी में १६९ गांव है, 5. ओसियां तहसील में २४९ गांव है 6. फलोदी में ४७६ गांव है और 7. शेरगढ़ तहसील में ४७२ गांव है।

History of Jodhpur in Hindi

रामायण के अनुसार जोधपुर चौथी शताब्दी इस स्थान पर अभीर लोग राज्य करते थे,इसके बाद आर्य लोग इस क्षेत्र में आये और राज्य किया। ११vi सदी में यह गुजरात के प्रसिद्द गुर्जर प्रतिहार वंश के शासको के अधीन रहा, सन १४५९ में राव जोधा ने इस राज्य की स्थपना की जो की राठौर वंश के राजपूत प्रमुख थे।

राव जोधा ने आसपास के सभी राज्यो को जीत कर मारवाड़ राज्य के अधीन कर लिया, राव जोधा मंडोर गांव के मूल निवासी थे, इस कारन काफी समय तक ये गांव इस राज्य की राजधानी रहा, जोधपुर दिल्ली गुजरात के तरफ आने जाने वाले रिश्ते पर स्थित है।

१५४० से १५५६ जब अफगान लोगो ने ज्यादतर उत्तरी भारत के राज्यो को जीत लिया था तब इस क्षेत्र में हेमू नामक वीर ने अपना क्षेत्र विस्तार शेर शाह सूरी को राजस्थानी सामान की बिक्री करके शुरू किया।

हेमू ने कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया और बाद में अफ़ग़ान सेना का प्रधान मंत्री और सेनापति बन गया, उसको पंजाब और बंगाल का भी कार्यभार दिया गया, और बाद में उसे राजस्थान का गवर्नर बनाया गया।

आज़ादी के बाद जोधपुर रियासत के प्रमुख हनवंत सिंह अपना अलग से राज्य स्थापित करना चाहते थे पर तत्कालीन गृहमंत्री बल्लभ भाई पटेल ने उनको महत्वपूर्ण राज्य का स्थान प्रदान किया तब ये रियासत भारत संघ में शामिल हुआ।

जोधपुर का इतिहास

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जोधपुर भारत के राज्य राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा नगर है। इसे राजस्थान का दूसरा “महानगर ” घोषित कर दिया गया था। यह यहां के ऐतिहासिक रजवाड़े मारवाड़ की इसी नाम की राजधानी भी हुआ करता था। जोधपुर थार के रेगिस्तान के बीच अपने ढेरों शानदार महलों, दुर्गों और मन्दिरों वाला प्रसिद्ध पर्यटन स्थल भी है। इसे “सूर्य नगरी” भी कहा जाता है। यहां स्थित मेहरानगढ़ दुर्ग को घेरे हुए हजारों नीले मकानों के कारण इसे “नीली नगरी” के नाम से भी जाना जाता था।  ये नगर पर्यटकों के लिये राज्य भर में भ्रमण के लिये उपयुक्त आधार केन्द्र का कार्य करता है। जोधपुर शहर के लोग बहुत मिलनसार होते है, ये सदैव दुसरों की मदद के लिये ततपर रहते है,  कलात्मक रूप से बनी हुई रंगबिरंगी पोशाकें पहने हुए लोगों को देखकर प्रतीत होता हैं कि जोधपुर की जीवनशैली असाधारण रूप से सम्मोहित करने वाली है। औरतें घेरदार लहंगा और आगे व पीछे के हिस्सों को ढकने वाली तीन चौथाई लंबाई की बांह वाली नितम्ब स्थल तक की जैकेट पहनती हैं। पुरूषों द्वारा पहनी हुई रंगीन पगड़ियाँ शहर में ओर भी रंग बिखेर देती हैं। आमतौर से पहने जाने वाली ढ़ीली ढ़ाली और कसी, घुड़सवारी की पैंट जोधपुरी ने यहीं से अपना नाम पाया। जोधपुर के कपदो मैं जोधपुरी कोट पुरे भारत मे प्रसिद्ध है,

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