हनुमानगढ़ जिला राजस्थान के बीकानेर मण्डल के अंतर्गत आता है, हनुमानगढ़ जिला राजस्थान के जिलों में ३१वे नम्बर का जिला है जो की १२ जुलाई १९९४ में बना, हनुमानगढ़ जिला पहले श्री गंगानगर जिले की एक तहसील हुआ करती थी, उसी ने निकल कर इसे जिला बनाया गया है। [Hanumangarh Fort History in Hindi]
राजस्थान का हनुमानगढ़ जिला कब बना
हनुमानगढ़ जिले का क्षेत्रफल १२६४५ वर्ग किलोमीटर है,२०११ की जनगणना के अनुसार हनुमानगढ़ की जनसँख्या 1779650 है aur जनसँख्या घनत्व १८४ व्यक्ति प्रति वर्ग किलो मीटर है, हनुमानगढ़ की साक्षरता ६८% है महिला पुरुष अनुपात ९०६ महिलाये प्रति १००० पुरुष है
हनुमानगढ़ जिला राजस्थान में ३१वे नम्बर का जिला है जो की १२ जुलाई १९९४ को श्रीगंगानगर जिले से निकालकर बना है, पहले यह श्री गंगानगर जिले की एक तहसील हुआ करती थी।
हनुमानगढ़ कितने किलोमीटर है
हनुमानगढ़ जिला अपनी विशिष्ट भौगोलिक स्थिति के कारण अनूठा है, यह जयपुर से ४०५ किलोमीटर उत्तर पश्चिम में है, और भारत की राजधानी दिल्ली से ३६५ किलोमीटर उत्तर पश्चिम में है।
हनुमानगढ़ जिला
नाम | हनुमानगढ़ |
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राज्य | राजस्थान |
क्षेत्र | 12,645 किमी 2 (4,882 वर्ग मील) |
हनुमानगढ़ की जनसंख्या | 151,104 |
अक्षांश और देशांतर | 29.1547 डिग्री एन, 74.4995 डिग्री ई |
हनुमानगढ़ का एसटीडी कोड | 911552 |
हनुमानगढ़ पिन कोड | 335512 |
जिला मजिस्ट्रेट (डीएम कलेक्टर) | आर्चना सिंह |
पुलिस अधीक्षक (एसपी / एसएसपी) | भवन युवा, |
मुख्य विकास अधिकारी | |
मुख्य चिकित्सा अधिकारी | डॉ। महेन्द्र |
संसद के सदस्य | कौल एलएल खातििक (इंक) |
विधायक | डॉ राम प्रताप |
उपखंडों की संख्या | |
तहसील की संख्या | 7 |
गांवों की संख्या | 15 9 4 |
रेलवे स्टेशन | हनुमानगढ़ जंक्शन |
बस स्टेशन | पिलीबांगा पुरानी बस स्टेशन |
हनुमानगढ़ में एयर पोर्ट | अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे |
हनुमानगढ़ में होटल की संख्या | 32 |
डिग्री कॉलेजों की संख्या | 44 |
अंतर कॉलेजों की संख्या | 44 |
मेडिकल कॉलेजों की संख्या | 1 |
इंजीनियरिंग कॉलेजों की संख्या | 20 |
हनुमानगढ़ में कंप्यूटर केंद्र | 36 |
हनुमानगढ़ में मॉल | 2 |
हनुमानगढ़ में अस्पताल | 36 |
हनुमानगढ़ में विवाह हॉल | 6 |
नदी (ओं) | घग्गर |
उच्च मार्ग | राष्ट्रीय राजमार्ग -15 |
ऊंचाई | 177 मीटर (581 फीट) |
घनत्व | 184 निवासियों प्रति वर्ग किलोमीटर (480 / वर्ग मील) |
आधिकारिक वेबसाइट | Http://www.hanumangarh.rajasthan.gov.in/content/raj/hanumangarh/en/home.html# |
साक्षरता दर | 68.37% |
बैंक | आईसीआईसीआई बैंक, आईडीबीआई बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, यूनियन बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, एक्सिस बैंक, एचकेबीबी, एचडीएफसी बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, एसबीबीजे बैंक, यूको बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, स्टेट बैंक, ओबीसी बैंक |
प्रसिद्ध नेता (ओं) | श्री गोरखनाथ जी |
राजनीतिक दलों | भाजपा, कांग्रेस, सीपीआई, इंडस्ट्रीज़ |
आरटीओ कोड | आरजे -31 |
आधार कार्ड केंद्र | 5 |
स्थानीय परिवहन | कार, ट्रेन, बस और टैक्सी |
मीडिया | समाचार पत्र, ग्रामीण / शहरी होने के रेडियो, ट्रांजिस्टर, मीडिया, टेलीविजन |
विकास | 30.31% |
यात्रा स्थलों | श्री गोगाजी, भटनेर किला, धूना मंदिर श्री गोरख नाथजी, ब्रह्मानी माता मंदिर, कालीबंगन पुरातत्व संग्रहालय, सिला पीर मंदिर, माता भद्रकालीजी मंदिर, श्री काबुटर साहिब गुरुद्वारा, श्री शुखा सिंह के गुरुद्वारा, महताब सिंह, |
हनुमानगढ़ जिले का नक्शा
गूगल मैप द्वारा निर्मित हनुमानगढ़़ का मानचित्र, इस नक़्शे में हनुमानगढ़़ के महत्वपूर्ण स्थानों को दिखाया गया है
हनुमानगढ़़ जिले में कितनी तहसील है
हनुमानगढ़ जिले में सात तहसीलों हैं: हनुमानगढ़, संगरीया, रावतार, नोहर, भद्र, तिब्बी और पिलिबांगा। इन सात तहसीलों में हनुमानगढ़ तहसील सबसे बड़ी और तिब्बी तहसील सबसे छोटी तहसील है।
हनुमानगढ़़ जिले में विधान सभा की सीटें
हनुमानगढ़ जिले में ४ विधान सभा क्षेत्र है, इन विधासभा सीटों के नाम १. हनुमानगढ़, 2. पीलीबंगा (SC), 3. नोहर, 4. भद्रा , इसमें से एक विधान सभा सीट अनुसूचित जाती के लिए सुरक्षित है।
हनुमानगढ़़ जिले में कितने गांव है
हनुमानगढ़़ जिले में 1907 गांव है, जो की जिले की 7 तहसीलों के अंदर आते है
हनुमानगढ़ का इतिहास
पुराने काल में यह जगह भटनेर कहलाती थी, क्योंकि यहाँ भाटी राजपूतों का शासन था। जैसलमेर के भाटी राजा भूपत सिंह ने भटनेर का प्राचीन किला सन २९५ में बनवाया। सन १८०५ में बीकानेर के राजा सूरत सिंह ने यह किला भाटियों से जीत लिया था। इसी विजय को आधार मान कर, जो कि मंगलवार को हुई थी, इसका नाम हनुमानगढ़ रखा गया क्योंकि मंगल हनुमान जी का दिन माना जाता है। भटनेर किला उस जमाने का एक मज़बूत किला माना जाता था यहाँ तक कि तैमूर ने अपनी जीवनी ‘तुजुके तैमूर’ में इसे हिंदुस्तान का सबसे मज़बूत किला लिखा है। इसके ऊँचे दालान तथा दरबार तक घोडों के जाने के लिए संकड़े रास्ते बने हुए हैं। आज़ादी के बाद से यह भाग श्रीगंगानगर जिले के अर्न्तगत आता था जिसे १२ जुलाई १९९४ को अलग जिला बना दिया गया।