पिथौरागढ़ जिला उत्तराखण्ड के कुमाऊं मण्डल का एक जिला है, पिथौरागढ़ जिले का मुख्यालय पिथौरागढ़ नगर है पिथौरागढ़ जिला वातावरण के दृटिकोण से बहुत से आयामो से युक्त है।
पिथौरागढ़ जिले का क्षेत्रफल ७११० वर्ग किलोमीटर है और २०११ की जनगणना के अनुसार पिथौरागढ़ की जनसख्या ४८५९९३ और जनसँख्या घनत्व ६९ व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है, पिथौरागढ़ की साक्षरता ८३% है और महिला पुरुष अनुपात १०२१ महिलाये प्रति १००० पुरुषो पर है, २००१ से २०११ के बीच जनसँख्या विकास दर ५.१३% रही है।
पिथौरागढ़ जिला भारत में कहाँ पर है
पिथौरागढ़ जिला उत्तराखण्ड राज्य के पूर्वी भाग में है, इसके अक्षांस और देशांतर ३० डिग्री उत्तर से ८० डिग्री २० मिनट पूर्व तक है, समुद्रतल से पिथौरागढ़ की ऊंचाई १५१४ मीटर है और देहरादून से ४५६ किलोमीटर दक्षिण पूर्व में है और दिल्ली से ५२२ उत्तर की तरफ है।
पिथौरागढ़ के पडोसी जिले
पिथौरागढ़ जिला विविधताओ से भर हुआ जिला है, इसके उत्तर पूर्व में चीन है और दक्षिण पूर्व में नेपाल है, दक्षिण में चम्पावत जिला है, दक्षिण पश्चिम में अल्मोड़ा जिला है, पश्चिम में बागेश्वर जिला है और पश्चिमोत्तर में चमोली जिला है।
Information about Pithoragarh in Hindi
नाम | पिथौरागढ़ |
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राज्य | उत्तराखंड |
क्षेत्र | 7,110 किमी² |
पिथौरागढ़ की जनसंख्या | 56,044 |
अक्षांश और देशांतर | 30.0815 डिग्री नं, 80.365 9 डिग्री ई |
पिथौरागढ़ का एसटीडी कोड | 5964 |
पिथौरागढ़ पिन कोड | 262501 |
जिला मजिस्ट्रेट (डीएम कलेक्टर) | श्री नवीन चंद्र शर्मा |
पुलिस अधीक्षक (एसपी / एसएसपी) | श्री पुराण सिंह रावत (एसपी) |
मुख्य विकास अधिकारी | श्री जसपाल |
मुख्य चिकित्सा अधिकारी | ना |
संसद के सदस्य | श्री महेंद्र सिंह महरा |
विधायक | मयुख सिंह |
उपखंडों की संख्या | ना |
तहसील की संख्या | 6 |
गांवों की संख्या | 1678 |
रेलवे स्टेशन | काठगोदाम रेलवे स्टेशन |
बस स्टेशन | Kmou बस स्टेशन |
पिथौरागढ़ में एयर पोर्ट | नैनी सैनी हवाई अड्डा |
पिथौरागढ़ में होटल की संख्या | 75 |
डिग्री कॉलेजों की संख्या | 2 |
अंतर कॉलेजों की संख्या | 2 |
मेडिकल कॉलेजों की संख्या | 7 |
इंजीनियरिंग कॉलेजों की संख्या | 12 |
पिथौरागढ़ में कंप्यूटर केंद्र | 3 |
पिथौरागढ़ में मॉल | ना |
पिथौरागढ़ में अस्पताल | 5 |
पिथौरागढ़ में विवाह हॉल | 4 |
नदी (ओं) | रामगंगा पश्चिम नदी |
उच्च मार्ग | राष्ट्रीय राजमार्ग 9 |
ऊंचाई | 1,514 मी (4,967 फीट) |
घनत्व | 69 प्रति व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर (180 / वर्ग मील) |
आधिकारिक वेबसाइट | Http://pithoragarh.nic.in/ |
साक्षरता दर | 82.93 प्रतिशत |
बैंक | बैंक ऑफ बड़ौदा, कोटक महिंद्रा बैंक, यूको बैंक, स्टेट बैंक, कॉरपोरेशन बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक, आंध्र बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, ओरिएंटल बैंक, इलाहाबाद बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक |
प्रसिद्ध नेता (ओं) | सोनिया गांधी |
राजनीतिक दलों | कांग्रेस, भाजपा, बसपा, राकांपा, सपा |
आरटीओ कोड | ब्रिटेन -5 |
आधार कार्ड केंद्र | ना |
स्थानीय परिवहन | गाड़ियों, बस, कार और उड़ान |
मीडिया | समाचार पत्र, ग्रामीण / शहरी होने के रेडियो, ट्रांजिस्टर, मीडिया, टेलीविजन |
पिथौरागढ़ का नक्शा मानचित्र मैप
गूगल मैप द्वारा निर्मित पिथौरागढ़ का मानचित्र, इस नक़्शे में पिथौरागढ़ के महत्वपूर्ण स्थानों को दिखाया गया है
पिथौरागढ़ जिले में कितनी तहसील है
पिथौरागढ़ जिले में ५ तहसीलें है जिनके नाम 1. बेरिनग 2. उजचूला 3. दीदीहैट 4. गंगोलीहट और 5. मुनिशीारी, इन ५ तहसीलों में डीडीहाट तहसील सबसे बड़ी और धारचूला तहसील सबसे छोटी तहसील है।
पिथौरागढ़ जिले में विधान सभा की सीटें
पिथौरागढ़ जिले में 4 विधान सभा सीट है, इन विधानसभा क्षेत्रो के नाम धारचुला, दीदीहट, पिथौरागढ़, गंगोलीहट (एससी)
पिथौरागढ़ जिले में कितने गांव है
पिथौरागढ़ जिले में १३०९ गांव है जो की जिले की ५ तहसीलों में विभाजित है जिनकी संख्या तहसीलों के नाम के अनुसार इस प्रकार से है 1. बेरिनग तहसील में २९६ गांव है 2. धारचूला में ८० गांव है, 3. डीडीहाट तहसील में ३६७ गांव है, 4. गंगोलीहट में ३३६ गांव है और 5. मुनसियारी तहसील में २३० गांव है
History of Pithoragarh in Hindi
पिथौरागढ़ का इतिहास पाल राजवंश से जुड़ा हुआ है, इसको सबसे पहले १३६४ में नेपाल के उकु राजवंश के राजा भरतपाल ने जीता और उनके ही वंशजो ने तीन पीढियो तक राज किया।
कुछ ताम्र लेखों के अनुसार १४२० से पल राजवंश जो की अस्कोट से जुड़ा हुआ है को चन्द राजाओ ने पराजित करके ब्रह्म साम्राज्य की स्थापना की, ये लोग दोती के निवासी थे, क्षेत्रपाल से युद्ध के समय म ज्ञानचन्द की मृतु हो गयी थी।
चन्द वंश के शासको के बाद, अंगेजो के अधीन आ गया था, चन्द वंश का शासन काल १७९० तक चला उन्होंने कई स्कूल, किले और मंदिर बनबाये, जिम से एक किला १९६२ की चीन से लड़ाई में टॉट गया था।
२ दिसम्बर १८१५ को सुगौली के संधि के बाद यह क्षेत्र अल्मोड़ा जिला सहित अंग्रेजो के अधीन आ गया, १९९७ से में पिथौरागढ़ जिले में से ही चम्पावत जिले का निर्माण हुआ और अब पिथौरागढ़ पाने वर्तमान स्वरुप में है।