मणिपुर भारत के राज्यों में एक पूर्वोत्तर की तरफ स्थित राज्य है। इसकी राजधानी है इंफाल। मणिपुर का संधि विच्छेद करें तो पाएंगे की मणि यानि की आभूषण और पुर यानि की भूमि को मिलाकर बना है अर्थात इसका शाब्दिक अर्थ हुआ ‘आभूषणों की भूमि’ है। भारत की स्वतंत्रता के पहले यह रियासत थी। स्वतंत्रता के बाद यह भारत का एक केंद्रशासित राज्य बना। मणिपुर को भारत की ‘ऑर्किड बास्केट’ भी कहा जाता है। यहाँ ऑर्किड पुष्प की 500 के लगभग प्रजातियां पाई जाती हैं।
मणिपुर के पड़ोसी राज्य
मणिपुर पूर्वोत्तर का एक राज्य है, जिसकी सीमाएं भारत के पड़ोसी देश म्यांमार को स्पर्श करती है, इसके उत्तर में नागालैंड है, पश्चिम में असम है, और दक्षिण में मिजोरम है।
मणिपुर के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य
राज्य | मणिपुर |
---|---|
राज्यपाल | Sushri Anusuiya Uikye |
मुख्यमंत्री | एन बिरन सिंह (भारतीय जनता पार्टी) |
उप मुख्यमंत्री | NA |
आधिकारिक वेबसाइट | http://manipur.gov.in/ |
स्थापना का दिन | 21 जनवरी 1972 |
क्षेत्रफल | 22,327 वर्ग किमी |
घनत्व | 130 प्रति वर्ग किमी |
जनसंख्या (2011) | 2,966,889 |
पुरुषों की जनसंख्या (2011) | 1,491,832 |
महिलाओं की जनसंख्या (2011) | 1,475,057 |
शहरी जनसंख्या % में (2011) | 32.46% |
जिले | 16 |
राजधानी | इम्फाल |
उच्च न्यायलय | मणिपुर उच्च न्यायालय |
जनसँख्या में स्थान [भारत में ] | 24th |
क्षेत्रफल में स्थान [भारत में ] | 24th |
धर्म | हिन्दू, मुस्लिम, क्रिश्चियन, सनमाहिस्म,बुद्धिज़्म, अन्य धर्म |
नदियाँ | बराक, इम्फाल और इरिल |
वन एवं राष्ट्रीय उद्यान | कैबुल राष्ट्रीय उद्यान, शिरुई राष्ट्रीय उद्यान |
भाषाएँ | मणिपुरी,ठाडो, तांगखुल, काबुई, पैटे, हमर, बंगाली, अन्य भाषाएँ |
पड़ोसी राज्य | असम, नागालैंड, मिजोरम |
राजकीय पशु | संगाई हिरन |
राजकीय पक्षी | नोनगये |
राजकीय वृक्ष | भारतीय महोगनी |
राजकीय फूल | सिरोय कुमुदिनी (लिली) |
राजकीय नृत्य | बगुरुम्बा एंड भोरताल डांस |
राजकीय खेल | मणिपुरी पोलो |
नेट राज्य घरेलू उत्पाद (2013-2014) | 14,000 करोड़ रुपया |
साक्षरता दर (2011) | 80.01% |
1000 पुरुषों पर महिलायें | 976 |
सदन व्यवस्था | एक सदनीय |
विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र | 60 |
विधान परिषद् सीटे | NA |
संसदीय निर्वाचन क्षेत्र | 2 |
राज्य सभा सीटे | 1 |
मणिपुर का नक्शा
गूगल मैप की सहायता से बना हुआ मणिपुर का नक्शा
मणिपुर के जिले
क्र.सं. | जिला का नाम | लिंग अनुपात | क्षेत्र (वर्ग किमी) |
---|---|---|---|
1 | बिश्नुपुर | 999 | 496 |
2 | चंदेल | 933 | 3317 |
3 | चुराचांदपुर | 975 | 4574 |
4 | इम्फाल पूर्व | 1017 | 710 |
5 | इम्फाल वेस्ट | 1031 | 519 |
6 | सेनापति | 959 | 3269 |
7 | तामेंगलांग | 943 | 4391 |
8 | थोबल | 1002 | 514 |
9 | उखरूल | 943 | 4547 |
10 | वोखा | ||
11 | ज़ुन्हेबोटो |
मणिपुर की भाषा
मणिपुर की मूल भाषा मेइतिलोन है जो की यहाँ के मूल निवासिओं की भाषा है, इसे ही मणिपुरी भाषा भी कहते हैं। यह भाषा १९९२ में भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में जोड़ी गई है और इस प्रकार इसे एक राष्ट्रीय भाषा का दर्जा प्राप्त हो गया है। मणिपुरी की लिपि को मीतै मयेक (मीतै लिपि) कहा जाता है।
इसके अलाबा यहाँ पर हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू एवं भारत की अन्य भाषाएँ भी बोली जाती है।
मणिपुर के मूल निवासी
मणिपुर में भी अन्य राज्यों की तरह से मूल निवासी है जो वर्तमान में जनजाति के आ गए है, और यहाँ असम के मूल निवासिओं को भी जनजातीय श्रेणी रखकर उनका संरक्षण किया जा रहा है, और ये मेइती जनजाति के अंतर्गत आते है, इनकी भाषा होने के कारण ही मेइतिलोन भाषा को असम की मुख्या भाषा का गौरव प्रदान किया गया है।
मणिपुर का खान-पान
खानपान के मामले में मणिपुर शाकाहारी और मांसाहरी दोनों प्रकार के भोजन में सर्वोत्तम है, यहां की शाकाहारी थाली में 101 प्रकार के भोजन परोसे जाते हैं और इसका प्रयोग धार्मिक अनुष्ठानों, पूजा, परिवार मे होने वाले मांगलिक अवसरों पर इस थाली को तैयार किया जाता है और इस थाली का नाम है-उषॉप इस थाली पर बंगाली शाकाहारी खाने की छाप है। यहाँ के भोज पर बंगाली खाने का प्रभाव है और इसीकारण यहाँ पर मछली से बने व्यंजनों की ऐसी ही एक थाली है जिसको मणिपुरी मेतेई ‘थाली’ कहते है, जिसमें एक डिश है नघुई नगोसिंग जो भुनी हुई बोनलेस मछली-टमाटर, नींबू के पत्ते, धनिया और अदरक तथा मिर्च के साथ बनती है और काफी स्पाइसी होती है।
मणिपुर का इतिहास
मणिपुर का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा है, यहाँ की राजकुमारी चित्रांगदा की शादी अर्जुन से हुयी थी, क्युकी मणिपुर भ्रमण के दौरान अर्जुन ने चित्रांगदा को सतरंगी शिरोइ लिली फूल देकर प्रभावित किया था जो आज भी बिष्णुप्रिया मणिपुरी नाम के सम्प्रदाय की पौराणिक वर्णन में पाए जाते हैं और यही मणिपुर का राजकीय पुष्प भी है, और महाभारत के महान योद्धा बब्रुबाहु अर्जुन और चित्रांगदा के ही पुत्र है, यही राजस्थान में खाटू श्याम के नाम से प्रसिद्द है।
मणिपुर का लिखित इतिहास ३३ वि ईश्वी से शुरू हुआ है, जब यहाँ पर पंखगबा का राज्य प्रारम्भ हुआ, यहाँ पर बहुत से अन्य राजाओ ने राज्य किया, कुछ समय तक बर्मा जो वर्तमान में म्यांमार है का भी शासन रहा (१८१९ से १८२५ तक), फिर अंग्रेजो से अधीनता और स्वतंत्रता को लेकर १८९० तक युद्ध चलता रहे, लेकिन १८९१ में यह अंग्रेजो के अधीन हो गया, जो की १९४७ तक रहा। तो यही है मणिपुर का संक्षिप इतिहास।