केरल

केरल भारत के राज्यों के दक्षिणी पश्चिमी भाग में अरब सागर और सह्याद्रि में मध्य स्थित एक राज्य है, जुलाई १९४९ में तिरुविंताकूर और कोच्चीन रियासत को जोड़ कर तिरुकोच्ची राज्य का गठन किया गया, तत्कालीन मलबार को नवंबर १९५६ में तिरुकोच्ची के साथ जोड़ कर वर्तमान केरल राज्य की स्थापना हुयी थी, कुछ इतिहास के जानकारों का विचार है की यह भूभाग चेरा राजाओं के आधीन रहा था एवं इस कारण भी चेरलम (चेरा का राज्य) और फिर केरलम नाम पड़ा होगा।

केरल के पडोसी राज्य

केरल का पश्चिमी भाग अरब सागर को स्पर्श करता है, जबकि उत्तरी भाग कर्णाटक को, पूर्वी भाग तमिलनाडु को और पश्चिमी के ही थोड़े से भाग को केंद्र शासित राज्य पुडुचेरी स्पर्श करता है।

केरल के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य

राज्य केरल (Kerala)
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान(1st Sep 2019)
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन (सीपीआई(M))
उप मुख्यमंत्री NA
आधिकारिक वेबसाइट https://www.kerala.gov.in/
स्थापना का दिन 1 नवंबर, 1956
क्षेत्रफल 38,863 वर्ग किमी
घनत्व 859 प्रति वर्ग किमी
जनसंख्या (2011) 33,406,061
पुरुषों की जनसंख्या (2011) 16,027,412
महिलाओं की जनसंख्या (2011) 17,378,649
शहरी जनसंख्या % में (2011) 47.70%
जिले 14
राजधानी तिरुवनंतपुरम
उच्च न्यायलय केरल हाई कोर्ट
जनसँख्या में स्थान [भारत में ] 13th
क्षेत्रफल में स्थान [भारत में ] 22nd
धर्म हिन्दू, मुस्लिम, क्रिश्चियन, अन्य धर्म
नदियाँ पेरियार, भारतप्पुष़ा, पम्बा, चालकुडी, कल्लड
वन एवं राष्ट्रीय उद्यान पेरियार नेशनल पार्क, वयनाड वन्यजीव अभयारण्य, साइलेंट वैली नेशनल पार्कअटपका पक्षी अभयारण्य, Nelapattu पक्षी अभयारण्य और पुलिकट झील पक्षी अभयारण्य
भाषाएँ कोंकणी, मलयालम, अंग्रेजी
पड़ोसी राज्य तमिलनाडु, कर्नाटक, लक्षद्वीप
राजकीय पशु भारतीय हाथी
राजकीय पक्षी ग्रेट इंडियन हॉर्नबिल
राजकीय वृक्ष नारियल
राजकीय फूल गोल्डन शावर पेड़ फूल
नृत्य कथकली, मोहिनीयाट्टम, कूडियाट्टम, थुल्लाल एंड कृष्णनाट्टम
खेल कलरीपायट्टु
नेट राज्य घरेलू उत्पाद (2013-2014) 396,000 करोड़ रुपया
साक्षरता दर (2011) 99.46%
1000 पुरुषों पर महिलायें 1184
सदन व्यवस्था एक सदनीय
विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र 141
विधान परिषद् सीटे na
संसदीय निर्वाचन क्षेत्र 20
राज्य सभा सीटे 9

केरल का नक्शा

गूगल मैप की सहायता से बना हुआ kerala ka Naksha

केरल से राज्यसभा सदस्यों की लिस्ट

क्रम संख्या नाम पार्टी नियुक्ति तिथि कार्यकाल पूर्ण होने की तिथि
1 पी वी अब्दुल वहाब इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग 22-Apr-15 21-Apr-21
2 ए के एंटोनी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 3-Apr-16 2-Apr-22
3 सी.पी. नारायणन भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) 2-Jul-12 1-Jul-18
4 पी.जे. कुरियन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 2-Jul-12 1-Jul-18
5 लालकृष्ण Somaprasad भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) 3-Apr-16 2-Apr-22
6 के.के. Ragesh भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) 22-Apr-15 21-Apr-21
7 जोय अब्राहम केरल कांग्रेस (एम) 2-Jul-12 1-Jul-18
8 व्यालार रवि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 22-Apr-15 21-Apr-21
9 एम पी वीरेन्द्र कुमार जनता दल (यूनाइटेड) 3-Apr-16 2-Apr-22

केरल से लोकसभा सदस्यों की सूची

क्रम संख्या लोकसभा क्षेत्र नाम पार्टी
1 कासरगोड पी करुणाकरण भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी)
2 कन्नूर पी लालकृष्ण Sreemathy भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी)
3 वाटकरा मुल्लापल्ली रामचंद्रन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
4 वायनाड एम आई Shanavas भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
5 कोझिकोड एम के राघवन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
6 मलप्पुरम ई अहमद इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग
7 पोन्नानी ई टी मोहम्मद बशीर इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग
8 पलक्कड़ एम बी राजेश भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी)
9 Alathur पी कश्मीर बीजू भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी)
10 त्रिशूर सी एन जयदेवन भारत की कम्युनिस्ट पार्टी
11 Chalakudy मासूम स्वतंत्र
12 एर्नाकुलम लालकृष्ण वी थॉमस भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
13 इडुक्की Joice जॉर्ज स्वतंत्र
14 कोट्टायम जोस लालकृष्ण मणि केरल कांग्रेस (एम)
15 अलाप्पुझा लालकृष्ण सी वेणुगोपाल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
16 मवेलिक्कारा Kodikkunnil सुरेश भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
17 पथानामथिट्टा Anto एंटनी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
18 कोल्लम एन.के. प्रेमचंद्रन आरएसपी
19 Attingal एक संपत भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी)
20 तिरुवनंतपुरम शशि थरूर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

केरल का इतिहास

केरल शब्द की व्युत्पत्ति को लेकर विद्वानों में एकमत नहीं है। कहा जाता है कि “चेर – स्थल”, ‘कीचड़’ और “अलम-प्रदेश” शब्दों के योग से चेरलम बना था, जो बाद में केरल बन गया। समुद्र और पर्वत के संगम स्थान को भी केरल कहा जाता है।

प्राचीन विदेशी यायावरों ने इस स्थल को ‘मलबार’ नाम से भी सम्बोधित किया है। काफी लबे अरसे तक यह भूभाग चेरा राजाओं के आधीन था एवं इस कारण भी चेरलम  और फिर केरलम नाम पड़ा होगा। केरल भारत का एक प्रान्त है। इसकी राजधानी तिरुवनन्तपुरम  है। मलयालम यहां की मुख्य भाषा है।

हिन्दुओं तथा मुसलमानों के अलावा यहां ईसाई भी बड़ी संख्या में रहते हैं। भारत की दक्षिण-पश्चिमी सीमा पर अरब सागर और सह्याद्रि पर्वत श्रृंखलाओं के मध्य एक खूबसूरत भूभाग स्थित है, जिसे केरल के नाम से जाना जाता है।यहाँ मलयालम भाषा बोली जाती है।

History of kerala in Hindi

अपनी संस्कृति और भाषा-वैशिष्ट्य के कारण पहचाने जाने वाले भारत के दक्षिण में स्थित चार राज्यों में केरल प्रमुख स्थान रखता है। इसके प्रमुख पड़ोसी राज्य तमिलनाडु और कर्नाटक हैं। पुदुच्चेरी  राज्य का मय्यष़ि  नाम से जाता जाने वाला भूभाग भी केरल राज्य के अन्तर्गत स्थित है।

केरल के उत्सव और त्यौहार

सबसे प्रसिद्द उत्सव ओणम केरल का राज्योत्सव है, इसके अलाबा विषु, नवरात्रि, दीपावली, शिवरात्रि, तिरुवातिरा आदि। मुसलमान रमज़ान, बकरीद, मुहरम, मिलाद-ए-शरीफ आदि मनाते हैं तो ईसाई क्रिसमस, ईस्टर आदि त्यौहार पुरे राज्य में मनाये जाते है।

केरल की कला एवं संस्कृति

केरल का कला एवं संस्कृति में विशिस्ट महत्व है, यहाँ की कई कलाये तो युद्ध कला से प्रेरित है, केरलीय कलाओं को सामान्यतः दो वर्गों में बाँट सकते हैं – एक दृश्य कला और दूसरी श्रव्य कला। दृश्य कला के अंतर्गत रंगकलाएँ, अनुष्ठान कलाएँ, चित्रकला और सिनेमा आते हैं।

केरल की प्रमुख भाषा

केरल की भाषा मलयालम है जो द्रविड़ परिवार की भाषाओं में एक है, कुछ विद्वानों का मन्ना है की किसी क्षेत्रीय भाषा का द्रविण भाषा के संगम के कारन मलयालम भाषा का प्रादुर्भाव हुआ, जबकि अन्य विद्वानों का मत है की मलयालम भाषा तमिल भाषा से व्युत्पन्न भाषा है, वास्तव में तमिल, संस्कृत दोनों भाषाओं के साथ मलयालम का गहरा सम्बन्ध है। मलयालम का साहित्य मौखिक रूप में शताब्दियाँ पुराना है। परंतु साहित्यिक भाषा के रूप में उसका विकास 13 वीं शताब्दी से ही हुआ था। इस काल में लिखित ‘रामचरितम्’ को मलयालम का आदि काव्य माना जाता है।

केरल का भोजन

केरल का प्रमुख भोजन के रूप में समुद्र का विशेष महत्व है, क्युकी यह समुद्र के किनारे का लम्बा राज्य है केरलीयों का प्रमुख भोजन चावल है। मलयाली साग-सब्जियाँ, मछली, मांस, अंडा इत्यादि से बनी सब्जियों से मिलाकर चावल खाना पसन्द करते हैं। गेहूँ, मैदा आदि भी केरलीयों को प्रिय है। यहाँ ऐसे पकवान प्रिय हैं जो भाप में पकाये जाते हैं या फिर तेल में तले जाते हैं। मीठी खीर भी यहाँ पसन्द की जाती है। कंदमूलों को पकाकर बनाये जाने वाले खाद्य भी यहाँ खाये जाते हैं। आजकल केरलीयों के खाद्य पदार्थों, खाद्य संस्कारों तथा पाक कला में ऐसा परिवर्तन आया है जो भारत के अन्य क्षेत्रों के प्रभाव का परिणाम है, ओपनिवेशिकता के परिणाम स्वरूप विदेशी प्रभाव भी इसका कारण है।

केरल की पारंपरिक वेशभूषा

केरल की पारंपरिक पोशाक मुंडू है, जो मूल रूप से एक कम कपड़े के रूप में पहना जाने वाला एक यूनिसेक्स कपड़े है। यह एक लंबी स्कर्ट या धोती जैसा दिखता है और ऊपरी वस्त्र उम्र और लिंग के साथ बदलता रहता है।

केरल की महिलाओं द्वारा पहना जाने वाला पारंपरिक परिधान मुंडम नेरियथम है। पारंपरिक टुकड़ा मुंडू है जो कम कपड़ा है और इसमें 2 सूती कपड़े के टुकड़े हैं। मुंडू कूल्हों के आसपास और नाभि के नीचे पहना जाता है। कपड़ा रंग में मलाईदार या सफेद है और सीमा या कारा नामक एक रंगीन पट्टी के पास है। केरल की महिलाएं ईसाई मूल की महिलाओं से अलग शैली में मुंडू पहनती हैं। नेरियथम ऊपरी वस्त्र का नाम है, जिसे ब्लाउज के ऊपर रखा जाता है, जिसके एक सिरे को मुंडू में बाँधा जाता है और दूसरे सिरे को धड़ के ऊपर पहना जाता है। यह एक तिरछे तरीके से पहना जाता है, दाएं कूल्हों से बाएं कंधे तक साड़ी की तरह दिखता है।

मलयाली पुरुष महिलाओं की तुलना में अधिक रूढ़िवादी हैं और उनकी पारंपरिक पोशाक भी मुंडू है, जिसे वे कमर पर पहने हुए लंबे कपड़े के रूप में पहनती हैं और टखने तक पहुँचती हैं। बहुत से पुरुष कमर से ऊपर कोई कपड़ा नहीं पहनते हैं, लेकिन जो उच्च जातियों के हैं वे कम से कम कंधों पर एक तौलिया जैसा कपड़ा लपेटते हैं। केरल राज्य में रहने वाले हिंदू पुरुषों का पारंपरिक परिधान कसाव मुंडू है

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