कांकेर छत्तीसगढ़

कांकेर जिला छत्तीसगढ़ के 27 जिलों में एक जिला है, कांकेर बस्तर मण्डल का जिला है और इसका मुख्यालय कांकेर नगर में है। इस जिले में 1 उपमंडल है, 7 ब्लॉक या तहसील है, 995 गांव है जिनमे 389 ग्राम पंचायते भी है, 1 लोक सभा सीट है और 2 विधान सभा क्षेत्र है ।

कांकेर जिले का क्षेत्रफल 5,285 वर्ग किलोमीटर है, और २०११ की जनगणना के अनुसार कांकेर की जनसँख्या 651,333 और जनसँख्या घनत्व 115/km2 व्यक्ति [प्रति वर्ग किलोमीटर] है, कांकेर की साक्षरता 70.97% है, महिला पुरुष अनुपात यहाँ पर 1007 महिलाये प्रति १००० पुरुषो पर है, जिले की जनसँख्या विकासदर २००१ से २०११ के बीच 15% रहा है।

कांकेर भारत में कहाँ पर है

कांकेर जिला भारत के राज्यो में दक्षिण पूर्व की तरफ की अंदर की तरफ स्थित छत्तीसगढ़ राज्य में है, कांकेर जिला छत्तीसगढ़ के दक्षिणी पश्चिमी भाग का जिला है इसलिए इसका पश्चिम से लेकर दक्षिण पश्चिम का भाग महाराष्ट्र की सीमा से मिलता है, कांकेर २० ° 27 ‘ उत्तर अक्षांश से 81 ° 49 ‘ तक पूर्वी देशांतर में स्थित है, कांकेर की समुद्रतल से ऊंचाई 353 मीटर है, कांकेर रायपुर से 125 किलोमीटर दक्षिण की तरफ है और देश की राजधानी दिल्ली से 1329 किलोमीटर दक्षिण पूर्व की तरफ ही है।

कांकेर के पडोसी जिले

कांकेर के पश्चिम से लेकर दक्षिण पश्चिम तक महाराष्ट्र का जिला है जो की गडचिरोली जिला है, दक्षिण में नारायणपुर जिला है, दक्षिण पूर्व में कोंडागांव जिला है, पूर्व से उत्तर पूर्व तक धमतरी जिला है, जबकि उत्तर में बालोद जिला और पश्चिमोत्तर में राजनांदगाव जिला है

Information about Kanker in Hindi

नाम कांकेर
प्रशासनिक प्रभाग बस्तर
मुख्यालय कांकेर
राज्य छत्तीसगढ़
क्षेत्र 5,285 किमी 2 (2,041 वर्ग मील)
कांकर की जनसंख्या 651,333
पुरुष महिला अनुपात  
विकास 15.06 प्रतिशत
साक्षरता दर 71%
घनत्व 120 / किमी 2 (320 / वर्ग मील)
ऊंचाई 388 मीटर
अक्षांश और देशांतर 20.19 9 0 ° नं, 81.0755 डिग्री ई
कांकर के एसटीडी कोड 7868
कांकर की पिन कोड 494334
जिला मजिस्ट्रेट (डीएम कलेक्टर) श्री अमित कटारिया आईएएस
पुलिस अधीक्षक (एसपी / एसएसपी) अजय कुमार यादव (आईपीएस)
मुख्य विकास अधिकारी ना
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ना
संसद के सदस्य एसएच भीम सिंह
विधायक भानुप्राप्प देव
उपखंडों की संख्या 1
तहसील की संख्या 7
गांवों की संख्या 995
रेलवे स्टेशन कांकेर के निकट रेलवे स्टेशन
बस स्टेशन बस सेवा
कांकर में एयर पोर्ट रायपुर
कांकर में होटल की संख्या 1 1
डिग्री कॉलेजों की संख्या 2
अंतर कॉलेजों की संख्या 2
मेडिकल कॉलेजों की संख्या 32
इंजीनियरिंग कॉलेजों की संख्या 10
कांकर में कंप्यूटर केंद्र 10
कांकर में मॉल 1 1
कांकर में अस्पताल 18
कांकर में मैरेज हॉल 2
नदी (ओं) धरढ़ नदी, महानदी, हटकुल नदी, सिंधुर नदी और तुरु नदी।
उच्च मार्ग एनएच -30
आधिकारिक वेबसाइट Http://kanker.gov.in/
बैंक भारतीय स्टेट बैंक, एक्सिस बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, आईडीबीआई बैंक, इंडसइंड बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, सिंडिकेट बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (यूबीआई), इलाहाबाद बैंक
प्रसिद्ध नेता (ओं)  
राजनीतिक दलों भाजपा, बसपा, सीपीआई, सीपीएम, कांग्रेस, एनसीपी
आरटीओ कोड सीजी -19
आधार कार्ड केंद्र 1
स्थानीय परिवहन साइकिल रिक्शा, बसों और टैक्सी
मीडिया समाचार पत्र, ग्रामीण / शहरी होने के रेडियो, ट्रांजिस्टर, मीडिया, टेलीविजन
यात्रा स्थलों संतोषी माता मंदिर, शिला देवी मंदिर, जगन्नाथ मंदिर, शिव मंदिर, हनुमान मंदिर, कृष्ण मंदिर, बालाजी मंदिर, त्रिपुरु सुंदरि मंदिर, शनि देव मंदिर, कंकलीन मंदिर, साईं मंदिर

कांकेर का नक्शा मानचित्र मैप

गूगल मैप द्वारा निर्मित कांकेर का मानचित्र, इस नक़्शे में कांकेर के महत्वपूर्ण स्थानों को दिखाया कांकेर है

कांकेर जिले में कितनी तहसील है

कांकेर जिले में 7 ब्लॉक या तहसीलें है, इन 7 तहसीलों के नाम इस प्रकार से है कांकर, चरमा, नरहरपुर, भानुप्रतापुर, दुर्गुकोंडल, अंतगढ़, पखानजोर या कोइलीबादे। ।

कांकेर जिले में विधान सभा की सीटें

कांकेर जिले में 2 विधान सभा सीट है, इस 2 विधान सभा क्षेत्रो के नाम इस प्रकार से है, कांकेर और पंडारीया, इन 2 विधान सभा सीटों में १ विधान सभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है पर १ सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षितं है।

कांकेर जिले में कितने गांव है

कांकेर जिले में 995 गांव है, इन 995 ग्रामो में 389 ग्रामो में ग्राम पंचायते है, जबकि शेष गांव जिनमे ग्राम पंचायत नहीं है उनको 389 में ही जोड़ दिया गया है, ये सभी ग्रामो को तहसील या ब्लॉक के अंदर रखा गया है ताकि प्रशासन सही से चल सके।

कांकेर का इतिहास

कांकेर का इतिहास बहुत प्राचीन है, इतिहासकारो के अनुसार यहाँ पर पाषाण युग के भी कुछ सख्सी मिले है, और इस स्थान का वर्णन महाभारत और रामायण में भी है, क्युकी उस काल में यहाँ पर एक बहुत ही घना जंगल था और इसी को दंडकारण्य कहा जाता था।

१०६ ईस्वी में कांकेर सातवाहन राजवंश का भाग था, और यहाँ का राजा था सत्कारणी इसके बारे में चीनी लेखक व्हेनसांग ने भी लिखा है, सातवाहन राजवंश के बाद नाग वंस फिर वाकाटक, गुप्त, नल और चालुक्यो का राज रहा।

यहाँ पर कुछ समय तक सोम राजवंश का भी अधिपत्य रहा जिन्होंने ११२५ से १३४४ तक राज किया, उनक पतन के बाद धर्म देव ने कंदरा राजवंश की नीव राखी और ये १३८५ तक रहे, उसके बाद चंद्र राजवंश आया जिसके प्रथम राजा थे वीर कनहर देव उन्होंने १४०४ तक राज किया और चंद्र राजवंश ने १८०२ तक राज किया।

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