नैनीताल जिला उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल के अंतर्गत आता है, नैनीताल जिला का मुख्यालय नैनीताल नगर में है, जिले में २ लोक सभा क्षेत्र है, ६ विधान सभा की सीट है और ७ तहसीलें है।
नैनीताल जिले का क्षेत्रफल ३८६० वर्ग किलोमीटर है, २०११ की जनगणना के अनुसार नैनीताल की जनसँख्या ९५५१२८ है और जनसँख्या घनत्व २४७ व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है, नैनीताल की साक्षरता ८५% है और महिला पुरुष अनुपात ९३३ महिलाये प्रति १००० पुरुषो पर है तथा जनसँख्या विकास दर २००१ से २०११ के बीच २५% रही है।
नैनीताल जिला कहाँ है
नैनीताल जिला उत्तराखण्ड के दक्षिण पश्चिमी भाग में है, इसके अक्षांस और देशांतर क्रमशः २९ डिग्री ३८ मिनट उत्तर से ७९ डिग्री ४५ मिनट पूर्व तक है, नैनीताल के भूतल की समुद्रतल से ऊंचाई २०८४ मीटर है, देहरादून से नैनीताल २८६ किलोमीटर दक्षिण पूर्व में है और दिल्ली से नैनीताल ३१५ किलोमीटर उत्तर पूर्व में है।
नैनीताल जिले का पडोसी जिले
नैनीताल जिले के उत्तर में अल्मोड़ा जिला है, पूर्व में चम्पावत जिला है, दक्षिण में उधम सिंह नगर है, पश्चिम में बिजनोर जिला है और पश्चिमोत्तर में पौड़ी गढ़वाल जिला है।
Information about Nainital in Hindi
नाम | नैनीताल |
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राज्य | उत्तराखंड |
क्षेत्र | 11.7 किमी² |
नैनीताल की जनसंख्या | 41,377 |
अक्षांश और देशांतर | 29.3803 डिग्री नं, 79.4636 डिग्री ई |
नैनीताल के एसटीडी कोड | 0 5942 |
पिन कोड नैनीताल | 263002 |
जिला मजिस्ट्रेट (डीएम कलेक्टर) | दीपक रावत, आईएएस |
पुलिस अधीक्षक (एसपी / एसएसपी) | एसएच केवल खुराणा सपा |
मुख्य विकास अधिकारी | श्री कीर्ति चंद्र आर्य |
मुख्य चिकित्सा अधिकारी | |
संसद के सदस्य | भगत सिंह कोशीरी |
विधायक | श्री हरीश चंद्र |
उपखंडों की संख्या | ना |
तहसील की संख्या | 7 |
गांवों की संख्या | 1160 |
रेलवे स्टेशन | काठगोदाम रेलवे |
बस स्टेशन | Tallital बस स्टेशन |
नैनीताल में एयर पोर्ट | पंतनगर हवाई अड्डा |
नैनीताल में होटल की संख्या | 360 |
डिग्री कॉलेजों की संख्या | 15 |
अंतर कॉलेजों की संख्या | 15 |
मेडिकल कॉलेजों की संख्या | 10 |
इंजीनियरिंग कॉलेजों की संख्या | 13 |
नैनीताल में कंप्यूटर केंद्र | 16 |
नैनीताल में मॉल | 4 |
नैनीताल में अस्पताल | 6 |
नैनीताल में विवाह हॉल | 13 |
नदी (ओं) | कल्सा |
उच्च मार्ग | राष्ट्रीय राजमार्ग 87 |
ऊंचाई | 2,084 मीटर (6,837 फीट) |
घनत्व | 225 निवासियों प्रति वर्ग किलोमीटर (580 / वर्ग मील) |
आधिकारिक वेबसाइट | Http://nainital.nic.in/ |
साक्षरता दर | 91% |
बैंक | बैंक ऑफ बड़ौदा, कोटक महिंद्रा बैंक, यूको बैंक, स्टेट बैंक, कॉरपोरेशन बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक, आंध्र बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, ओरिएंटल बैंक, इलाहाबाद बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक |
प्रसिद्ध नेता (ओं) | गोविंद बल्लभ |
राजनीतिक दलों | कांग्रेस, भाजपा, बसपा, राकांपा, सपा |
आरटीओ कोड | ब्रिटेन 04 |
आधार कार्ड केंद्र | |
स्थानीय परिवहन | गाड़ियों, बस, कार और उड़ान |
मीडिया | समाचार पत्र, ग्रामीण / शहरी होने के रेडियो, ट्रांजिस्टर, मीडिया, टेलीविजन |
विकास | 25.13% |
यात्रा स्थलों | नैनीताल झील, देवी नैना देवी, इको गुफा गार्डन, हाई आल्टीटयूट चिड़ियाघर, कांचीची धाम, नैना पीक, नैनीताल गवर्नर हाउस, खुर्पा ताल, तिब्बती बाजार, गुरुद्वारा श्री सिंह सभा, बार बाजार, सारिया ताल, हिमालय केंद्र श्री अरबिंदो आश्रम, गुर्नी घर, सत्तल ईसाई आश्रम, हनुमान गढ़ी मंदिर, कालगाद बांध, मुक्तेश्वर मंदिर |
नैनीताल का नक्शा मानचित्र मैप
गूगल मैप द्वारा निर्मित नैनीताल का मानचित्र, इस नक़्शे में नैनीताल के महत्वपूर्ण स्थानों को दिखाया गया है
नैनीताल जिले में कितनी तहसील है
नैनीताल में ७ तहसीलें है 1. बेतालघाट 2. धरी 3. कालाढूंगी 4. कोसय कुटौली 5. लालकुआं 6. नैनीताल और 7. रामनगर, इन सातो तहसीलों में नैनीताल सबसे बड़ी और लालकुआं सबसे छोटी तहसील है।
नैनीताल जिले में विधान सभा की सीटें
नैनीताल में ६ विधान सभा क्षेत्र है, इन विधानसभा सीटों के नाम भीमताल, हल्द्वानी, कालधुंगी, लालकुआं, नैनीताल और रामनगर है
नैनीताल जिले में कितने गांव है
नैनीताल जिले में ९१० गांव है जो की जिले की ७ तहसीलों में विभाजित है 1. बेतालघाट तहसील में ७४ गांव है, 2. धारी में १५८ गांव है 3. कालाढूंगी तहसील में १२३ गांव है 4. कोस्या कुटौली में १२४ गांव है 5. लालकुआं तहसील में ५० गांव है 6. नैनीताल में २३४ गांव है और 7. रामनगर तहसील में १४६ गांव है।
History of Nainital in Hindi
कुमाऊं की पहाड़ियों पर 1814-16 के एंग्लो – नेपाल युद्ध के बाद अंग्रेजो का अधिकार हो गया था, परन्तु नैनीताल टाउन की स्थापना १८४१ में प्रथम यूरोपियन माकन बनने के बाद एक हिल स्टेशन के रूप में पी बर्रोन जो की शाहजहांपुर की चीनीमिल के मालिक थे, ने की थी
१८४६ में जब कप्तान मैडेन नैनीताल गए तो वहां काफी मकान बने थे, फिर यहाँ पर स्कूल बने, अग्रेजो के रहने के लिए गेस्ट हाउस बनाये गए, और जो मूल रूप आज नैनीताल का है वो १९०६ में अस्तितिव में आया था