हरिद्वार जिला उत्तराखंड राज्य के अंतर्गत आता है, हरिद्वार जिले का मुख्यालय हरिद्वार नगर में है, इस जिले को १९८८ में बनाया गया था तब ये सहारनपुर मण्डल में आता था, २००० में जब उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड का गटह्ण हुआ तब ये जिला उत्तर प्रदेश से निकल कर उत्तराखण्ड में आ गया। हरिद्वार के बारे में जानकारी
हरिद्वार जिले का क्षेत्रफल २३६० वर्ग किलोमीटर है और २०११ की जनगणना के अनुसार हरिद्वार की जनसँख्या १४४७१८७ और जनसंख्या घनत्व ६१३ व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है, हरिद्वार की साक्षरता ७५% है और महिला पुरुष अनुपात ८७९ महिलाये प्रति १००० पुरुषो पर है और २००१ से २०११ के बीच जनसँख्या विकास दर ३३.१६% रही है।
हरिद्वार जिला भारत में कहाँ पर है
हरिद्वार जिला उत्तराखण्ड के पश्चिमी भाग में है, इसके अक्षांस और देशांतर क्रमशः २९ डिग्री ९६ मिनट उत्तर से ७८ डिग्री १६ पूर्व तक है, समुद्र तल से हरिद्वार की ऊंचाई २५० मीटर है, हरिद्वार देहरादून से ५० किलोमीटर दक्षिण में है और दिल्ली से २२२ किलोमीटर उत्तर में है।
हरिद्वार जिले के पडोसी जिले
हरिद्वार जिले के आसपास कई जिले है जिनके नाम इस प्रकार से है, हरिद्वार के उत्तर और उत्तर पूर्व में देहरादून है , पूर्व में पौड़ी गढ़वाल जिला है, इन जिलो के अलाबा हरिद्वार तीन तरफ से उत्तर प्रदेश के जिलों से घिरा हुआ है, जैसे दक्षिण पूर्व में बिजनोर जिला, दक्षिण में मुज़्ज़फ़्फ़ऱनगर जिला और पश्चिम में सहारनपुर जिला है।
Information about Haridwar in Hindi
नाम | हरिद्वार |
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राज्य | उत्तराखंड |
क्षेत्र | 12.3 किमी (4.7 वर्ग मील) |
हरिद्वार की जनसंख्या | 310,562 |
अक्षांश और देशांतर | 29.9457 डिग्री नं, 78.1642 डिग्री ई |
हरिद्वार का एसटीडी कोड | 1334 |
पिन कोड हरिद्वार | 249401 |
जिला मजिस्ट्रेट (डीएम कलेक्टर) | श्री एस। ए। मुरुगन |
पुलिस अधीक्षक (एसपी / एसएसपी) | एसएच केवल खुराणा सपा |
मुख्य विकास अधिकारी | श्री जसपाल सिंह |
मुख्य चिकित्सा अधिकारी | डॉ एसपी अग्रवाल |
संसद के सदस्य | रमेश पोखरियाल |
विधायक | प्रणव सिंह |
उपखंडों की संख्या | ना |
तहसील की संख्या | 3 |
गांवों की संख्या | |
रेलवे स्टेशन | हरिद्वार जंक्शन रेलवे स्टेशन |
बस स्टेशन | जीएमओयू बस स्टैंड |
हरिद्वार में एयर पोर्ट | जॉली ग्रांट हवाई अड्डे |
हरिद्वार में होटल की संख्या | 160 |
डिग्री कॉलेजों की संख्या | 3 |
अंतर कॉलेजों की संख्या | 10 |
मेडिकल कॉलेजों की संख्या | 5 |
इंजीनियरिंग कॉलेजों की संख्या | 10 |
हरिद्वार में कंप्यूटर केंद्र | 10 |
हरिद्वार में मॉल | 2 |
हरिद्वार में अस्पताल | 50 |
हरिद्वार में विवाह हॉल | 45 |
नदी (ओं) | गंगा |
उच्च मार्ग | राष्ट्रीय राजमार्ग 58 |
ऊंचाई | 314 मीटर (1,030 फीट) |
घनत्व | 817 निवासियों प्रति वर्ग किलोमीटर (2,120 / वर्ग मील) |
आधिकारिक वेबसाइट | Http://haridwar.nic.in/ |
साक्षरता दर | 73.43% |
बैंक | बैंक ऑफ बड़ौदा, कोटक महिंद्रा बैंक, यूको बैंक, स्टेट बैंक, कॉरपोरेशन बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक, आंध्र बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, ओरिएंटल बैंक, इलाहाबाद बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक |
प्रसिद्ध नेता (ओं) | पिरान कालियार शरीफ, |
राजनीतिक दलों | कांग्रेस, भाजपा, बसपा, राकांपा, सपा |
आरटीओ कोड | ब्रिटेन 08 |
आधार कार्ड केंद्र | ना |
स्थानीय परिवहन | गाड़ियों, बस, कार और उड़ान |
मीडिया | समाचार पत्र, ग्रामीण / शहरी होने के रेडियो, ट्रांजिस्टर, मीडिया, टेलीविजन |
विकास | 33.16% |
यात्रा स्थलों | हर की पौड़ी, चांडी देवी मंदिर, शांति कुंज, माया देवी मंदिर, मनसा देवी, वैष्णो देवी मंदिर, पवन धाम, विष्णु घाट |
हरिद्वार का नक्शा मानचित्र मैप
गूगल मैप द्वारा निर्मित हरिद्वार का मानचित्र, इस नक़्शे में हरिद्वार के महत्वपूर्ण स्थानों को दिखाया गया है
हरिद्वार जिले में कितनी तहसील है
हरिद्वार जिले में ३ तहसीलें है, जिनके नाम हरिद्वार, रूरकी, और लक्सर इन तीनो तहसीलों में रूरकी सबसे बड़ी और लक्सर तहसील सबसे छोटी है।
हरिद्वार जिले में विधान सभा की सीटें
हरिद्वार जिले में 10 विधान सभा सीट है, इन विधानसभा क्षेत्रो के नाम 1. भेल रानीपुर 2. जवालपुर (एससी) 3. भगवानपुर (एससी) 4. जाबरेड़ा (एससी) 5. पिरान कालियार 6. रुड़की 7. खानपुर 8. मंगलाौर 9. लक्सर 10. हरिद्वार ग्रामीण
हरिद्वार जिले में कितने गांव है
हरिद्वार जिले में ५८१ गांव है जो की जिले की ३ तहसीलों में विभाजित है, जिनकी संख्या नाम हरिद्वार तहसील में १४२ गांव है, रूरकी में ३०५ गांव है, और लक्सर तहसील में १३४ गांव है
History of Haridwar in Hindi
हरिद्वार का इतिहास महाभारत काल से शुरू है, जब महर्षि धौम्य ने युधिस्ठिर को युद्ध के बाद तीर्थ यात्रा करने का सुझाव दिया, हिरद्वार को कपिलस्थान, गंगाद्वार और मायापुरी नामो से भी जाना जाता है.
हरिद्वार ३२२ से १८५ ईसा पूर्व मौर्य साम्राज्य के अधीन आ गया था, उसके बाद कुषाण के अधीन रहा प्रथम शताब्दी से तीसरी शताब्दी तक, पुरात्तव के अनुसार टेरा कोटा सभ्यता यहाँ पर १७०० से १२०० ईसा पूर्व में यहाँ विकसित थी, .
राजा हर्षवर्धन के कार्यकाल [५९० से ६४७ ] के मध्य लगभग ६२९ में चीन का यात्री हुआन सांग यहाँ पर आया और उसने हरिद्वार को मो-यु-लो के नाम से सम्बोधित किया।
13 जनवरी १३९९ में यह शहर तैमूर लंग [१३३६ से १४०५] के अधीन आ गया, गुरु नानक [१४६९ से १५३९] ने यहाँ के कुशावर्त घाट पर स्नान किया था, तभी से ये घाट प्रसिद्द हो गया।