कोटा़ जिला

कोटा जिला राजस्थान के ३३ जिलों में से एक है, जो की कोटा मण्डल के अंतर्गत आता है, कोटा का मुख्यालय कोटा शहर में ही है, कोटा जिले के चारो तरफ ४ ऊर्जा केंद्र है, १ राजस्थान परमाणु ऊर्जा केंद्र, कोटा थर्मल पावर, अंता गैस पावर प्लांट और जवाहर सागर पावर प्लांट। Be updated about kota news in hindi

कोटा का क्षेत्रफल कितना है

कोटा कितने किलोमीटर में फैला हुआ है? कोटा जिले का क्षेत्रफल 5217 वर्ग किलोमीटर है, 2011 की जनगणना के अनुसार कोटा की जनसँख्या १९५०४९१ है और जनसँख्या घनत्व ३७० व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है, कोटा की साक्षरता दर ७७% है, यहाँ पर ९११ महिलाये प्रति १००० पुरुषो पर है, और २००१ से २०११ के बीच जनसँख्या विकास दर २४.३५% रही है।

कोटा कहां पड़ता है

कोटा राजस्थान राज्य के दक्षिण पूर्व में स्थित है, कोटा के अक्षांस और देशांतर २५ डिग्री उत्तर से ७६ डिग्री १० मिनट पूर्व तक है, समुद्रतल से कोटा की ऊंचाई २७१ मीटर है, और कोटा जयपुर से २५३ किलोमीटर दक्षिण में है, दिल्ली से कोटा ५२० किलोमीटर दक्षिण में है।

कोटा के पडोसी जिलें

कोटा जिले के उत्तर में बूंदी जिला है, कोटा के उत्तर पूर्व में कुछ भाग में मध्यप्रदेश का शेओपुर जिला है और कुछ भाग में सवाई माधोपुर जिला है, पूर्व में बारन जिला है, जबकि दक्षिण में झालावाड़ जिला है, और दक्षिण पश्चिम में मंदसौर जो की मध्य प्रदेश का जिला है स्थित है, और पश्चिम में चित्तौरगढ़ जिला है।

कोटा जिला राजस्थान

नाम कोटा
राज्य राजस्थान
क्षेत्र 527 किमी 2 (203 वर्ग मील)
कोटा की जनसंख्या 1,001,694
अक्षांश और देशांतर 25.2138 डिग्री सेल्सियस, 75.8648 डिग्री ई
एसटीडी कोड कोटा 744
कोटा की पिन कोड 324001
उपखंडों की संख्या
तहसील की संख्या 6
गांवों की संख्या 885
रेलवे स्टेशन कोटा जंक्शन
बस स्टेशन कोटा बस स्टेशन
कोटा में एयर पोर्ट निकटतम-जयपुर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा
कोटा में होटल की संख्या 134
डिग्री कॉलेजों की संख्या 5
Inter कॉलेजों की संख्या 130
मेडिकल कॉलेजों की संख्या 12 9
इंजीनियरिंग कॉलेजों की संख्या 41
कोटा में कंप्यूटर केंद्र 120
कोटा में मॉल 2
कोटा में अस्पताल 163
कोटा में विवाह हॉल 33
नदी (ओं) चंबल नदी
उच्च मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग -12
ऊंचाई 271 मीटर (88 9 फुट)
घनत्व 1,900 / किमी 2 (4,900 / वर्ग मील)
आधिकारिक वेबसाइट Http://kota.rajasthan.gov.in/content/raj/kota/en/home.html
साक्षरता दर 82.80%,
बैंक सहकारी बैंक, इलाहाबाद बैंक, इंडियन बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, एसबीआई, कैनरा बैंक, आई.डी.बी.आई बैंक, यस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, यूको बैंक, एक्सिस बैंक, विजया बैंक, पंजाब नेशनल बैंक
राजनीतिक दलों भाजपा, बसपा, सीपीआई, कांग्रेस
आरटीओ कोड आरजे -20
आधार कार्ड केंद्र 8
स्थानीय परिवहन टैक्सी, कार, बस, ट्रेन, हवाई अड्डे
मीडिया समाचार पत्र, ग्रामीण / शहरी होने के रेडियो, ट्रांजिस्टर, मीडिया, टेलीविजन
विकास 27.55%
यात्रा स्थलों चंबल गार्डन, किशोर सागर, जगमंदिर पैलेस, गारडिया महादेव मंदिर, सिटी मॉल, कोटा गढ़ महल, खाडे गणेश जी, सरकारी संग्रहालय कोटा, गोदावरी धाम मंदिर, सावन फुहार वाटरपार्क, कंसुआ मंदिर, हरियाली जल पार्क, मथुराधेश मंदिर, मोती महल
आयुक्त श। ओन्कर सिंह, आईएएस

 

कोटा जिला का नक्शा


गूगल मैप द्वारा निर्मित कोटा जिले का नक्शा

कोटा जिले में कितनी तहसील है

कोटा जिले में 6 तहसीलें है, इन 6 तहसीलों के नाम 1. दीगोद 2. लाडपुरा 3. पीपल्दा 4. रामगंज मंडी और 5. सांगोद है, ग्रामो की संख्या के आधार पर सांगोद तहसील सबसे बड़ी तहसील है और लाडपुरा तहसील सबसे छोटी तहसील है।

Kota me Kitni Tehsil Hai

एक नयी तहसील कनवास बनने के बाद कोटा में कुल तहसीलों की संख्या 6 हो गयी है, और लाडपुरा तहसील को ही कोटा तहसील माना जाता है

S. No Tehsil (CD Block) Area (km²) Population (2011)
1 Digod 938 1,68,734
2 Ladpura 1,497 11,43,792
3 Pipalda 931 1,79,800
4 Ramganj Mandi 782 2,72,448
5 Sangod 1,069 1,86,240

कोटा़ जिले में विधान सभा की सीटें

कोटा जिले में ५ विधान सभा क्षेत्र है, इन विधानसभा सीटों के नाम 1. संगोड 2. कोटा उत्तर 3. कोटा दक्षिण 4. लाडपुरा 5. रामगंज मंडी (एससी), इन ५ विधान सभा सीटों में १ विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जाती के लिए आरक्छित है

कोटा जिले के गांव

कोटा जिले में 882 गांव है जो की जिले की 6 तहसीलों के अंदर है.

 

History of Kota in Hindi

कोटा का इतिहास १२वी शताब्दी से प्रारम्भ होता है, जब हाडा वंश के चौहान राजपूत राव देवा ने इस क्षेत्र को जीत और बूंदी तथा हाडौती की स्थापना की, बाद में १७वी शताब्दी में मुग़ल शासक जहांगीर ने बूंदी पर शासन किया, उस समय राव रतन सिंह ने कोटा का कुछ हिस्सा अपने पुत्र माधो सिंह को दिया तभी से कोटा राजपूत कला और संस्कृति की एक वीथिका बन गया।

कोटा का एक स्वतंत्र राज्य के रूप में स्थापित होना सन १६३१ से मन जाता है, जब राव माधो सिंह जो की राव रतन सिंह के दूसरे पुत्र थे, उनको जहांगीर द्वारा यहाँ का शासक नियुक्त किया गया, उसके बाद जल्दी ही कोटा का क्षेत्रफल इसके मूल राज्य बूंदी से भी बड़ा हो गया साथ ही धनि और शक्तिशाली भी हो गया, .
महाराव भीम सिंह ने कोटा के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया है, उनको ५००० की नसबदारी मिली और राव खानदान के पहले व्यक्ति थे जिनको महाराव की उपाधि दी गयी थी।

जालिम सिंह का उदय १८वी शताब्दी में हुआ वो भी काफी अच्छे राजनीतिज्ञ और कूटनीतिज्ञ थे, ये पहले सेनापति थे, पर जैसे ही यहाँ के तत्कालीन राजा का निधन हुआ और वो अपने पीछे एक बनाबलिक संतान छोड़ गए इन्होंने सत्ता की बागडोर अपने हाथ में ले ली और १८१७ में अंग्रेजो से एक संधि की जिसके बाद में एक नए राज्य का उदय १९३८ में हुआ जिसे झालावाड़ के नाम से जाना जाता है

कोटा का इतिहास

कोटा राजस्थान का एक प्रमुख औद्योगिक एवं शैक्षणिक शहर है। यह चम्बल नदी के तट पर बसा हुआ है। यह नगर जयपुर-जबलपुर राष्ट्रीय राजमार्ग १२ पर स्थित है। राजस्थान में चंबल नदी के पूर्वी किनारे पर स्थित कोटा उन शहरों में है जहां औद्योगीकरण बड़े पैमाने पर हुआ है। कोटा अनेक किलों, महलों, संग्रहालयों, मंदिरों और बगीचों के लिए लोकप्रिय है। प्रारंभ में कोटा बूंदी राज्य का एक हिस्सा था। मुगल शासक जहांगीर ने जब बूंदी के शासकों को पराजित किया तो कोटा 1624 ई. में एक स्वतंत्र राज्य के रूप में स्थापित हुआ। राव माधो सिंह यहां के प्रथम स्वतंत्र शासक के रूप में गद्दी पर बैठे। 1818 ई. में कोटा ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन हो गया।

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