भारत में अन्नपूर्णा योजना आज एक खास वर्ग के लिए आवश्यक बनती जा रही है, ये खास वर्ग किसी भी जाती, धर्म, आयु, लिंग या स्थान का हो सकता है, जैसा की इसका नाम है, अन्नपूर्णा योजना, तो आप देखेंगे की ये उत्तरी भारत के कुछ राज्यों में ही इस नाम से जाना जाता है, उत्तरी भारत के अलाबा अन्य राज्यों में भी इस प्रकार के प्रयास किये गए है, परन्तु उनके नाम और काम करने का तरीका कुछ अलग है।
मध्यप्रदेश में दीन दयाल रसोई योजना
जैसे उत्तर प्रदेश में अन्नपूर्णा योजना है, तमिलनाडु में अम्मा केंटीन है, वैसे ही मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने मध्यप्रदेश के जिलों में दीन दयाल रसोई योजना शुरू की है, इसमें भी ५ रूपये में भोजन की व्यवस्था है।
अन्नपूर्णा योजना किन राज्यों में है
सबसे पहले तो हम आपको ये बता दे की भारत के कई राज्यों इस अन्नपूर्णा योजना के नाम सरकारें गरीबो के लिए योजनाए बनाते है, इनके अंदर कुछ राज्य सस्ते दरों पर भोजन देती है तो कोई राज्य भोजन के साथ साथ रासन भी देती है।
राजस्थान की अन्नपूर्णा योजना
राजस्थान में जैसे ही वसुन्धरा राजे आयी उन्होंने सबसे पहले अन्नपूर्णा योजना शुरू की जिसमे ५ रूपये में भोजन की व्यवस्था की गयी, इसके बाद अन्नपूर्णा भंडार योजना शुरू की गयी
क्या है राजस्थान की अन्नपूर्णा भंडार योजना
राजस्थान में सरकारों और कुछ अन्य व्यवसायिओं के सहयोग से राजस्थान के जिलों में अन्नपूर्णा भंडार योजना शुरू की गयी है, जिसका उद्देश्य है काम कीमत पर कच्चा रासन जनता को उपलब्ध करवाना या करना, इस प्रकार से लोग रासन लेकर अपने घरों में स्वयं अपनी जरुरत के हिसाब से भोजन बना सकते है।
उत्तर प्रदेश की अन्नपूर्णा योजना
मार्च २०१७ में उत्तर प्रदेश परिवर्तन हुआ है, और नयी सरकार के आते ही बहुत सारे क्रन्तिकारी और सकारत्मक परिवर्तन हुए है, इनमे से ही एक है अन्नपूर्णा योजना, इसके अंतर्गत ३ रूपये में नाश्ता और ५ रूपये में भोजन मिलेगा, ये सभी है वर्गो के लोगो की लिए उत्तर प्रदेश के जिलों में उपलब्ध रहेगी ।
ऐसी ही योजनाए अन्य राज्यों में
तमिलनाडु में जयललिता के समर्थक लोग अपने नेत्री के सम्मान में अम्मा भोजन की व्यवस्था करते है, इसका मूल्य भी ५ रूपये ही है, इसी तरह की कुछ योजनाए केरल और ओडिसा में भी है , पर शायद वो सिर्फ कागजो पर ही है। पंजाब में भी ऐसी ही योजना का वादा किया था रेड क्रॉस की मदद से देखते है उनका क्या होता है।