पश्चिमी सिंहभूम झारखंड

पश्चिमी सिंहभूम जिला झारखंड के जिलों में एक जिला है, पश्चिमी सिंहभूम जिला, कोल्हान मंडल के अंतर्गत आता है और इसका मुख्यालय चाईबासा में है, जिले में 2 उपमंडल है, 18 उप खंड और 5 विधान सभा क्षेत्र जो की पश्चिमी सिंहभूम लोकसभा क्षेत्र में आता है, 1882 ग्राम है और 257 ग्राम पंचायते है। [Facts about Chaibasa]

पश्चिमी सिंहभूम जिला

पश्चिमी सिंहभूम जिले का क्षेत्रफल ५,351 वर्ग किलोमीटर है, और २०११ की जनगणना के अनुसार पश्चिमी सिंहभूम की जनसँख्या 1,501,619 और जनसँख्या घनत्व 209/km2 व्यक्ति [प्रति वर्ग किलोमीटर] है, पश्चिमी सिंहभूम की साक्षरता ५९.५४% है, महिला पुरुष अनुपात यहाँ पर 1004 महिलाये प्रति १००० पुरुषो पर है, जिले की जनसँख्या विकासदर २००१ से २०११ के बीच 21.69 % रहा है।

पश्चिमी सिंहभूम भारत में कहाँ पर है

पश्चिमी सिंहभूम जिला भारत के राज्यो में पूर्व की तरफ की अंदर की तरफ स्थित झारखंड राज्य में है, पश्चिमी सिंहभूम जिला झारखंड के दक्षिणी भाग का जिला है इसीलिए इसके दक्षिण पूर्व से दक्षिण पश्चिम में उड़ीसा राज्य है और पश्चिमी सिंहभूम 21.97 डिग्री से 23.60 डिग्री उत्तर और 85.00 डिग्री से पूर्व 86.90 डिग्री पूर्व में के बीच स्थित है, पश्चिमी सिंहभूम की समुद्रतल से ऊंचाई 244 मीटर है, पश्चिमी सिंहभूम रांची से 177 किलोमीटर दक्षिण पूर्व की तरफ है और देश की राजधानी दिल्ली से 1396 किलोमीटर दक्षिण पूर्व की तरफ ही है।

पश्चिमी सिंहभूम के पडोसी जिले

पश्चिमी सिंहभूम के दक्षिण पूर्व से दक्षिण पश्चिम में उड़ीसा के जिले है जो की मयूरभंज जिला, केंदूझर जिला और सुंदरगढ़ जिला है, पश्चिम में सिमडेगा जिला है, उत्तर में खुंति जिला है, उत्तर पूर्व में सराईकेला खरसावां जिला है ।

Information about West Singhbhum in Hindi

नाम पश्चिमी सिंहभूम
मुख्यालय चाईबासा
प्रशासनिक प्रभाग कोल्हा मंडल
राज्य झारखंड
क्षेत्रफल 5,351 km2 (2,066 वर्ग मील)
जनसंख्या (2011) 1,501,619
पुरुष महिला अनुपात 1004
विकास 21.69%
साक्षरता दर 59.54%
जनसंख्या घनत्व 209 / km2 (540 / वर्ग मील)
ऊंचाई 244 मी (1040 फुट)
अक्षांश और देशांतर 21.97 डिग्री से 23.60 डिग्री उत्तर और 85.00 डिग्री से पूर्व 86.90 डिग्री पूर्व में
एसटीडी कोड 06582 ‘
पिन कोड 833201
संसद के सदस्य 1
विधायक 5
उप मंडल की संख्या 2
खंडों की संख्या 18
गांवों की संख्या 1882
रेलवे स्टेशन चाईबासा रेलवे स्टेशन
बस स्टेशन हाँ
एयर पोर्ट बिरसा मुंडा हवाई अड्डा रांची (91 किमी)
डिग्री कॉलेजों की संख्या 11
अंतर कॉलेजों की संख्या 75
प्राथमिक विद्यालय (पूर्व-प्राथमिक को शामिल करना) 1045
मध्य विद्यालय 254
अस्पताल 7
नदी (ओं) कोयल, करो-कोइना, खार्काई, संजय, रोरा, देव, बैतरीनी
उच्च मार्ग 19
आधिकारिक वेबसाइट http://chaibasa.nic.in
बैंक 11
प्रसिद्ध नेता (ओं) NA
आरटीओ कोड JH 06
स्थानीय परिवहन बस, टैक्सी आदि

पश्चिमी सिंहभूम का नक्शा मानचित्र मैप

गूगल मैप द्वारा निर्मित पश्चिमी सिंहभूम का मानचित्र, इस नक़्शे में पश्चिमी सिंहभूम के महत्वपूर्ण स्थानों को दिखाया पश्चिमी सिंहभूम है

पश्चिमी सिंहभूम जिले में कितनी तहसील है

पश्चिमी सिंहभूम जिले में प्रशासनिक विभाजन तहसील के बजाये 18 ब्लॉक में किया गया है, इसका मुख्य अधिकारी भी ब्लॉक विकास अधिकारी होता है, इन ब्लॉक का नाम चाइबासा, खुंतीपनी, झिंकपनी, टोंटो, कुमर्डुंगी, तंतनगर, जगन्नाथपुर, मांझारी, मंजंजगांव, नोआमुंडी, चक्रधरपुर, बांदगांव, मनोहरपुर, गोयलकेरा, सोनूआ, गुड़ीरी, आनंदपुर, टोटगमरिया है।

पश्चिमी सिंहभूम जिले में विधान सभा की सीटें

पश्चिमी सिंहभूम जिले में 5 विधान सभा क्षेत्र है, जिनके नाम चाईबासा, मंजगाऊँ, जगन्नाथपुर, मनोहरपुर और चक्रधरपुर ये सभी पश्चिमी सिंहभूम लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा हैं।

पश्चिमी सिंहभूम जिले में कितने गांव है

पश्चिमी सिंहभूम जिले में 1882 गांव है 257 ग्राम पंचायतों के माध्यम से संचालित किये जाते, ग्राम पंचायतो के ऊपर खंड होती है, जो की जिले में 18 है ।

पश्चिमी सिंहभूम का इतिहास

पश्चिमी सिंहभूम का इतिहास व्यक्तिगत रूप से ज्यादा पुराना नहीं है, पश्चिमी सिंघभूम का इतिहास कुछ इस प्रकार से है, पश्चिमी सिंघभूम झारखण्ड का सबसे पुराना जिला इसे जिला की मान्यता अंग्रेजी हुकूमत ने १८३७ में दी थी जब अंग्रेजो ने कोल्हान को जीता था, उस समय पश्चिमी और पूर्वी सिंघभूम अलग नहीं थी और तब भी इसका मुख्यालय चाईबासा ही था।

अब अगर हम बात करते है सिर्फ पश्चिमी सिंघभूम के इतिहास की तो ये जिले के रूप में १९९० में आया जब तत्कालीन सरकार ने तत्कालीन सिंघभूम को दो हिस्सों में बाँट दिया, इसका नाम सिंघभूम यहाँ के सिंह देओ परिवार के राज्य संचालन के कारण पडा है।

दूसरा कारण इस क्षेत्र को सिंघभूम कहे जाने का है की यहाँ पर सिंह बोंगा नाम की जनजाति निवास करती थी और सबसे कड़ा कारण जो की आज भी है, यहाँ के जंगलो में सिंह विचरण किया करते है।

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