कृष्णा जिला आंध्र प्रदेश के जिलों में एक जिला है, कृष्णा जिला, तटीय आंध्र क्षेत्र के अंतर्गत आता है और इसका मुख्यालय मछलीपट्टनम में है, जिले में 4 वित्त विभाग है 49 मंडल परिषद् है, 50 तहसील है और 16 विधान सभा क्षेत्र जो की विजयवाड़ा, मछलीलीपट्टनम और एलुरु (आंशिक) संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आती है, 1003 ग्राम है और 972 ग्राम पंचायते भी है ।
कृष्णा जिला
कृष्णा जिले का क्षेत्रफल 8727 वर्ग किलोमीटर है, और २०११ की जनगणना के अनुसार कृष्णा की जनसँख्या 4517398 लाख और जनसँख्या घनत्व 520/km2 व्यक्ति [प्रति वर्ग किलोमीटर] है, कृष्णा की साक्षरता 73.74% है, महिला पुरुष अनुपात यहाँ पर 992 महिलाये प्रति १००० पुरुषो पर है, जिले की जनसँख्या विकासदर २००१ से २०११ के बीच 13.19 % रहा है।
कृष्णा जिला भारत में कहाँ पर है
कृष्णा जिला भारत के राज्यो में एकदम दक्षिण पश्चिम में स्थित आंध्र प्रदेश राज्य में है, कृष्णा जिला आंध्र प्रदेश के उत्तर पूर्वी भाग में है, इसका उत्तर पश्चिमी भाग और उत्तरी भाग तेलंगाना राज्य की सीमाओं से मिलता है, कृष्णा 16°61′ उत्तर 80°72′ पूर्व के बीच स्थित है, कृष्णा की समुद्रतल से ऊंचाई 2 मीटर है, कृष्णा हैदराबाद से 342 किलोमीटर दक्षिण पूर्व की तरफ राष्ट्रिय राजमार्ग 65 पर है और भारत की राजधानी दिल्ली से 1916 किलोमीटर दक्षिण पूर्व की तरफ राष्ट्रिय राजमार्ग 44 पर है।
कृष्णा जिले के पडोसी जिले
कृष्णा के उत्तर पश्चिम और उत्तर में के तेलंगाना के जिले है, जो की नलगोंडा जिला और खम्मम जिला है उत्तर पूर्व से पूर्व में आंध्र का ही जिला है जो की पश्चिमी गोदावरी जिला इसके बाद दक्षिण पूर्व से लेकर दक्षिण तक बंगाल की खाड़ी है, फिर दक्षिण पश्चिम से पश्चिम में गुंटूर जिला है।
Information about Krishna in Hindi
नाम | कृष्णा |
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मुख्यालय | मछलीपट्टनम |
प्रशासनिक प्रभाग | तटीय आंध्र |
राज्य | आंध्र प्रदेश |
क्षेत्रफल | 8,727 किमी 2 (3,370 वर्ग मील) |
जनसंख्या (2011) | 4,517,398 |
पुरुष महिला अनुपात | 992 |
विकास | 13.19% |
साक्षरता दर | 73.74% |
जनसंख्या घनत्व | 520 / किमी 2 (1,300 / वर्ग मील) |
ऊंचाई | 2 मीटर (6 फुट) |
अक्षांश और देशांतर | 16° 61 ” उत्तर अक्षांश और 80° 72 ” पूर्वी देशांतर |
एसटीडी कोड | 08672′ |
पिन कोड | 533xxx |
संसद के सदस्य | 3 |
विधायक | 16 |
राजस्व विभाजन | 4 |
तहसील/मंडल | 50 |
खंडों की संख्या/मण्डल प्रजा परिषद् | 49 |
गांवों की संख्या | 1003 |
रेलवे स्टेशन | विजयवाड़ा रेलवे स्टेशन |
बस स्टेशन | हाँ |
एयर पोर्ट | विजयवाड़ा हवाई अड्डा |
डिग्री कॉलेजों की संख्या | 15 |
उच्चतर माध्यमिक विद्यालय | 232 |
हायस्कूल | NIA |
प्राथमिक विद्यालय (पूर्व-प्राथमिक को शामिल करना) | 4109 |
मध्य विद्यालय | NIA |
अस्पताल | 136 |
नदी (ओं) | कृष्णा नदी |
उच्च मार्ग | एनएच 9, एनएच 214. एनएच 212 |
आधिकारिक वेबसाइट | http://krishna.nic.in |
बैंक | NIA |
प्रसिद्ध नेता (ओं) | केसिनेनी श्रीनिवास |
आरटीओ कोड | AP-16 |
स्थानीय परिवहन | बस, टैक्सी आदि |
कृष्णा जिले का नक्शा मानचित्र मैप
गूगल मैप द्वारा निर्मित कृष्णा का मानचित्र, इस नक़्शे में कृष्णा के महत्वपूर्ण स्थानों को दिखाया है
कृष्णा जिले में कितनी तहसील ब्लॉक और उपमंडल है
कृष्णा जिले में प्रशासनिक विभाजन राजस्व प्रभाग, मंडल परिषद विकास अधिकारी और तहसील में किया गया है, इनके मुख्य अधिकारी RDO MPDO और तहसीलदार होते है, कृष्णा जिले में 4 राजस्व उपमंडल है जिले में 50 तहसीलें या मंडल है जबकि जिले में कुल 49 मंडल परिषद है ।
कृष्णा जिले में विधान सभा और लोकसभा की सीटें
कृष्णा जिले में 16 विधानसभा क्षेत्र है तिरुवुरु (एससी), नंदीगमा (एससी), मीलावाराम, जगग्यापेटा, विजयवाड़ा (पश्चिम), विजयवाड़ा (मध्य), विजयवाड़ा (पूर्व), पेनामुलुरु, नुज़वीद, गन्नावरम, पेडाणा, गुडिवाडा, काइकलुरु, मछलीलीपट्टनम, अवनीगड्डा, पमरु (एससी) और ये सभी विधान सभा सीट विजयवाड़ा, मछलीलीपट्टनम और एलुरु (आंशिक) संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आते है।
कृष्णा जिले में कितने गांव है
पूर्वी गोदावरी जिले में 972 ग्राम पंचायतों के अंदर आने वाले 1003 गांव है, जिनमे विद्युतीकृत गांवों (निर्जन गांवों को छोड़कर) की संख्या केवल २५३ है
कृष्णा जिले का इतिहास
कृष्णा जिले का इतिहास कुछ इतिहासकारों के अनुसार महाभारत से भी जुड़ा हुआ है, लेकिन हम अपनी सुगमता के लिए तीसरी इसा पूर्व से शुरू करते है जब श्री कुलम में श्रीमुख ने सातवाहन राजवंश की स्थापना की थी, इनका कार्यकाल २३० ईसा पूर्व से २२७ ईसवी तक रहा, फिर पल्ल्व आ गए जो की २५० ईस्वी से ३४० ईस्वी तक रहे फिर यहाँ पर कुछ समय के लिए काकतीय साम्राज्य का आधिपत्य रहा।
१६११ में अंग्रेजो ने मसूलीपट्नम में ही अपनी सबसे पहली व्यापारिक कोठी बनायीं थी और ये तब तक रही जब तक की उन्होंने मद्रास में अपना मुख्यालय नहीं खोला था, १७६१ में अंग्रेजो ने ही मसूलीपट्नम का तीन भागो में विभाजन करके अपनी प्रशासनिक मुश्किलें कम की थी जो विभाजन आज भी है, स्वतंत्रता जे पहले यह भूभाग मद्रास का भाग था लेकिन स्वतंत्रता के बाद जब आंध्र प्रदेश का गठन हुआ तब इसे आंध्र प्रदेश में शामिल कर लिया गया।
*NIA = No Information Available