इन्दौर जिला मध्य प्रदेश के जिलों में एक जिला है, इन्दौर जिला, इंदौर मंडल के अंतर्गत आता है और इसका मुख्यालय इन्दौर में है, जिले में कुछ उपमंडल है, 4 ब्लॉक है, 4 तहसील है और 9 विधान सभा क्षेत्र जो की इंदौर और धार संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आती है, 649 ग्राम है और 335 ग्राम पंचायते भी है ।
इन्दौर जिला
इन्दौर जिले का क्षेत्रफल ३८९८ वर्ग किलोमीटर है, और २०११ की जनगणना के अनुसार इन्दौर की जनसँख्या 3,272,335 और जनसँख्या घनत्व 841/km2 व्यक्ति [प्रति वर्ग किलोमीटर] है, इन्दौर की साक्षरता 80.87% है, महिला पुरुष अनुपात यहाँ पर 924 महिलाये प्रति १००० पुरुषो पर है, जिले की जनसँख्या विकासदर २००१ से २०११ के बीच 32.88 % रहा है।
इन्दौर जिला भारत में कहाँ पर है
इन्दौर जिला भारत के राज्यो में एकदम मध्य में स्थित मध्य प्रदेश राज्य में है, इन्दौर जिला मध्य प्रदेश के पश्चिम की तरफ है लेकिन ये अंदर की तरफ ही है, इसके सभी सीमाएं मध्य प्रदेश के जिलों से ही मिलती है, इन्दौर 22°43 ′ उत्तर 75°50′ पूर्व के बीच स्थित है, इन्दौर की समुद्रतल से ऊंचाई 564 मीटर है, इन्दौर भोपाल से 192 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम की तरफ प्रादेशिक राजमार्ग 18 पर है और भारत की राजधानी दिल्ली से 905 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम की तरफ राष्ट्रिय राजमार्ग 48 पर है।
इन्दौर जिले के पडोसी जिले
इन्दौर के उत्तर में उज्जैन जिला है, पूर्व में देवास जिला है, दक्षिण में पश्चिमी निमाड़ जिला है और पश्चिम में धार जिला है।
Information about Indore in Hindi
| नाम | इन्दौर |
|---|---|
| मुख्यालय | इन्दौर |
| प्रशासनिक प्रभाग | इन्दौर |
| राज्य | मध्य प्रदेश |
| क्षेत्रफल | 3,898 किमी 2 (1,505 वर्ग मील) |
| जनसंख्या (2011) | 3,272,335 |
| पुरुष महिला अनुपात | 924 |
| विकास | 32.88% |
| साक्षरता दर | 80.87% |
| जनसंख्या घनत्व | 841 / किमी 2 (2180 / वर्ग मील) |
| ऊंचाई | 564 मीटर (1,850 फीट) |
| अक्षांश और देशांतर | 22.43 ° उत्तर 75.50° पूर्व |
| एसटीडी कोड | 0731′ |
| पिन कोड | 4520xx |
| संसद के सदस्य | 2 |
| विधायक | 9 |
| उपमंडल | NIA |
| तहसील | 4 |
| खंडों की संख्या | 4 |
| गांवों की संख्या | 649 |
| रेलवे स्टेशन | इंदौर रेलवे स्टेशन |
| बस स्टेशन | हाँ |
| एयर पोर्ट | इंदौर हवाई अड्डा |
| डिग्री कॉलेजों की संख्या | 45 |
| उच्चतर माध्यमिक विद्यालय | 82 |
| हायस्कूल | 64 |
| प्राथमिक विद्यालय (पूर्व-प्राथमिक को शामिल करना) | 1149 |
| मध्य विद्यालय | 591 |
| अस्पताल | 5 |
| नदी (ओं) | क्षिप्रा नदी |
| उच्च मार्ग | एनएच 48 |
| आधिकारिक वेबसाइट | http://indore.nic.in/ |
| बैंक | NIA |
| प्रसिद्ध नेता (ओं) | सुमित्रा महजान |
| आरटीओ कोड | MP-09 |
| स्थानीय परिवहन | बस, टैक्सी आदि |
इन्दौर जिले का नक्शा मानचित्र मैप
गूगल मैप द्वारा निर्मित इन्दौर का मानचित्र, इस नक़्शे में इन्दौर के महत्वपूर्ण स्थानों को दिखाया है
इन्दौर जिले में कितनी तहसील ब्लॉक और उपमंडल है
इन्दौर जिले में प्रशासनिक विभाजन उपमंडल, ब्लॉक और तहसील में किया गया है, इनके मुख्य अधिकारी SDM BDO और तहसीलदार होते है, इन्दौर जिले में कुछ उपमंडल है जिले में ४ तहसीलें है देपालपुर, सैनवर, इंदौर और महू तथा ४ ब्लॉक है।
इन्दौर जिले में विधान सभा और लोकसभा की सीटें
इन्दौर जिले में ९ विधानसभा क्षेत्र है देपालपुर, इंदौर -1, इंदौर -2, इंदौर -3, इंदौर -4, इंदौर -5, डॉ अम्बेडकर नगर-महू, राऊ और संवर और ये सभी विधान सभा सीट इंदौर और धार संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आते है।
इन्दौर जिले में कितने गांव है
इन्दौर जिले में ३३५ ग्राम पंचायतों के अंदर आने वाले कुल ६४९ गांव है, इनमे से कितने गांवों में लोग रहते हैं जिनको आबाद ग्राम कहा जाता है और कितने गांव वीरान है मतलब इन ग्रामो के कोई नहीं रहता है। जिले के कितने ग्रामो में बिजली पहुंच चुकी है और कितने ग्राम अभी भी बिजली रहित है के बारे में जिले की आदिकारिक वेबसाइट पर कोई जानकारी नहीं है, अगर किसी को हो तो कृपया हमे भेज दे हम अपडेट कर देंगे।
इन्दौर जिले का इतिहास
इंदौर का इतिहास वास्तव में इंदौर रियासत का ही सम्पूर्ब इतिहास है, और भारत के इतिहास में इंदौर रियासत का महत्वपूर्व स्थान है, यहाँ पर मराठो का ही आधिपत्य रहा है, १७२० के पहले इंदौर इतना महत्वपूर्ण नहीं था परन्तु १७२० में रियासत का मुख्यालय काम्पले से जब इंदौर आ गया तो इसका राजनैतिक और वयवसायिक महत्त्व बहुत ज्यादा बढ़ गया इसलिए मई १७२४ में निजाम ने पेशवा बाजी राओ प्रथम को यहाँ पर टेक्स जिसे तत्कालीन भाषा में चौथ कहा जाता था संग्रह का अधिकार प्रदान कर दिया था।
१७३३ तक पेशवा ने मालवा पर पूर्ण अधिपत्य स्थापित कर लिया था और अपने सेनापति मल्हार राओ होल्कर को इस प्रान्त का सुदेदार यानि की गवर्नर नियुक्त कर दिया था क्युकी २९ जुलाई १७३२ में बाजिराओ ने आधे परगना को होल्कर राज्य की मान्यता देदी थी अर्थात मल्हार राओ होल्कर ने होल्कर वंश की नीव स्थपित की परन्तु उनकी पुत्र बधु अहिल्या बाई होल्कर ने राजनैतिक कारणों के चलते १७६७ में राजधानी को इंदौर से महेष्वर स्थानांतरित कर दी थी, परन्तु उसके बाद भी इंदौर का महत्त्व काम नहीं हुआ।
१८१८ में अंगेजो और मराठो का तीसरा युद्ध हुआ जिसमे होल्कर हार गए और राजधानी को महेवसर से बापस इंदौर लाया गया, लेकिन अंग्रेजो ने होल्कर लोगो को दिखावे के लिए राजा बनाये रखा, भारत के स्वतंत्र होने तक यह एक रियासत ही बना रहा और उसके बाद मध्य प्रदेश में शामिल हो गया।
*NIA = No Information Available