हैदराबाद जिला तेलंगाना

हैदराबाद जिला, पहले आंध्र प्रदेश की राजधानी हुआ करता था, पर तेलंगाना की राजधानी बन गया, हैदराबाद जिला तेलंगाना के मध्य में स्थित है, और इस जिले का मुख्यालय भी हैदराबाद में ही है, हैदराबाद में १६ तहसील है 1. अम्बरपेट 2. अमीरपेट, 3. आसफनगर, 4. बहादुरपुर, 5. बंडलगुड़ा, 6. चारमीनार, गोलकुंडा 7., 8. हिमायतनगर, 9. खैरताबाद, 10 मररेडपल्ली, 11. मुशीराबाद, 12. नामपल्ली, 13। सैदाबाद, 14. सिकंदराबाद, 15. शैकपेट, 16. त्रिमुलघेर्री

हैदराबाद जिले का क्षेत्रफल २१७ वर्ग किलोमीटर है, और २०११ की जनगणना के अनुसार ३९४३३२३ है और जनसँख्या घनत्व १८००० व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है, यहाँ की साक्षरता ८४% और महिला पुरुष अनुपात ९५४ महिलाये प्रति १००० पुरुषो पर है।

हैदराबाद भारत में कहाँ पर है

हैदराबाद भारत के राज्य तेलंगाना के मध्य में स्थित है, इसके अक्षांश और देशांतर क्रमशः १७ डिग्री ३७ मिनट उत्तर से ७८ डिग्री ४८ मिनट पूर्व तक है, और समुद्र तल से ऊंचाई ५०५ मीटर है, उत्तर में मेडचल जिला है और बाकी हैदराबाद के चारो तरफ रंग रेड्डी जिला है

Information about Hyderabad in Hindi

नाम हैदराबाद
राज्य तेलंगाना
क्षेत्र 650 km2 (250 वर्ग मील)
हैदराबाद की जनसंख्या 6,809,970
अक्षांश और देशांतर 17.3850 ° एन, 78.4867 ° ई
हैदराबाद के एसटीडी कोड 40
हैदराबाद की पिन कोड 500,001
जिलाधिकारी (डीएम। कलेक्टर) श्री राहुल BOJJA, I.A.S
पुलिस अधीक्षक (एसपी / एसएसपी) श्री सत्यनारायण कश्मीर
मुख्य विकास अधिकारी महेंद्र बहादुर सिंह
मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रवीण कुमार
संसद के सदस्य असदुद्दीन ओवैसी
विधायक राजा सिंह भाजपा
उप विभाजनों की संख्या
तहसीलों की संख्या 16
गांवों की संख्या 549
रेलवे स्टेशन हैदराबाद डेकन रेलवे स्टेशन
बस स्टेशन महात्मा गांधी बस स्टेशन, हैदराबाद
हैदराबाद में एयर पोर्ट राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे
होटल inHyderabad की संख्या 360
डिग्री कॉलेजों की संख्या 250
इंटर कॉलेजों की संख्या 240
मेडिकल कॉलेजों की संख्या 85
इंजीनियरिंग कॉलेजों की संख्या 20
कम्प्यूटर केन्द्रों inHyderabad 180
हैदराबाद में मॉल जीवीके एक मॉल
हैदराबाद में अस्पतालों 215
विवाह हॉल inHyderabad 150
नदी (s) मूसी नदी
उच्च मार्ग (s) राष्ट्रीय राजमार्ग 44
ऊंचाई 505 मीटर (1,657 फुट)
घनत्व 10,477 / किमी (27,140 / वर्ग मील)
आधिकारिक वेबसाइट http://www.ghmc.gov.in/
साक्षरता दर 82.96%
बैंकों एचडीएफसी बैंक, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, दारेस्सलाम सहकारी शहरी बैंक, एक्सिस बैंक, वेस्टर्न यूनियन बैंक, यूटीआई बैंक लिमिटेड, सिंडिकेट बैंक, भारतीय यूनियन बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, हैदराबाद Statebank, गोलकुंडा ग्रामीण बैंक, बैंक ऑफ पंजाब लिमिटेड की, पंजाब नेशनल बैंक, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, आंध्रा बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, आईएनजी वैश्य बैंक, एक्सिस बैंक, सिंडिकेट बैंक, करूर वैश्य बैंक, एपी ग्रामीण विकास बैंक, करूर वैश्य बैंक, भारत, इंडसइंड सेंट्रल बैंक बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, Dhanalaksmi बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, इंडसइंड बैंक, यूनाइटेड कमर्शियल बैंक, कॉरपोरेशन बैंक, केनरा बैंक, इलाहाबाद बैंक
प्रसिद्ध नेता (s) शांतनु नारायण
politcal पार्टियों टीआरएस, तेदेपा, कांग्रेस
आरटीओ संहिता टीएस 09 टीएस 14
Aadar कार्ड केंद्र 1
स्थानीय परिवहन कार, ​​ट्रेन, बस और Taxi.flights
मीडिया टाइम्स ऑफ इंडिया, द हिंदू, नवभारत टाइम्स, और इंडियन एक्सप्रेस।
विकास 16%
यात्रा स्थलों बिरला मंदिर, रामोजी फिल्म सिटी, ताज फलकनुमा पैलेस, सालार जंग संग्रहालय, गोलकुंडा किला, श्री जगन्नाथ मंदिर, चिलकुर बालाजी मंदिर, चौमुहल्ला पैलेस, नेहरू जूलॉजिकल पार्क, बुद्ध प्रतिमा, चारमीनार, एनटीआर गार्डन, इनॉर्बिट मॉल, केबीआर राष्ट्रीय उद्यान, Peddamma मंदिर , कुतुब शाही मकबरे, लुम्बिनी पार्क, मक्का मस्जिद, श्री श्री राधा मदनमोहन मंदिर, इस्कॉन हैदराबाद, सांघी मंदिर, Surendrapuri
आयुक्त एम महेंद्र रेड्डी

 

हैदराबाद का नक्शा मानचित्र मैप

गूगल मैप द्वारा निर्मित हैदराबाद का मानचित्र, इस नक़्शे में हैदराबाद के महत्वपूर्ण स्थानों को दिखाया गया है

History of Hyderabad in Hindi

हैदराबाद भारत के राज्य तेलंगाना तथा आन्ध्र प्रदेश की संयुक्त राजधानी है, जो दक्कन के पठार पर मूसी नदी के किनारे स्थित है। इसका दूसरा नाम भाग्यनगर है। कहा जाता है कि किसी समय में इस ख़ूबसूरत शहर को क़ुतुबशाही परम्परा के पाँचवें शासक मुहम्मद कुली क़ुतुबशाह ने अपनी प्रेमिका भागमती को उपहार स्वरूप भेंट किया था [ Read More History of Hyderabad in Hindi ]

हैदरबाद नाम के पीछे कई धारणायें हैं। एक प्रसिद्ध धारणा है कि इस शहर को बसाने के बाद मुहम्मद कुली कुतुब शाह एक स्थानीय बंजारा लड़की भागमती से प्रेम कर बैठा था, लड़की से शादी के बाद उसने इस शहर का नाम भाग्यनगरम् रखा।  स्वीकार करने के बाद, भागमती का नाम हैदर महल हुआ – और शहर का भी नया नाम हैदराबाद गोलकोंडा का पुराना क़िला राज्य की राजधानी के लिए अपर्याप्त सिद्ध हुआ और इसलिए लगभग 1591 में क़ुतुबशाही वंश में पाँचवें, मुहम्मद कुली क़ुतुबशाह ने पुराने गोलकोंडा से कुछ मील दूर मूसा नदी के किनारे हैदराबाद नामक नया नगर बनाया।चार खुली मेहराबों और चार मीनारों वाली भारतीय-अरबी शैली की भव्य वास्तुशिल्पीय रचना चारमीनार, क़ुतुबशाही काल की सर्वोच्च उपलब्धि मानी जाती है। यह वह केंद्र है, जिसके आसपास बनाई गई मक्का मस्जिद 10 हज़ार लोगो को समाहित कर सकती है। हैदराबाद अपने सौंदर्य और समृद्धि के लिए जाना जाता है। चारमीनार के बगल में लाड-बाजार, गुलजार हौज, मशहूर विक्रय केंद्र है। चारमीनार के एक तरफ भाग्यलक्ष्मी का प्रसिद्ध मंदिर है।

हैदराबाद का इतिहास

सुल्तान कुली कुतुब मुल्क, गोलकुंडा सल्तनत के शासक परिवार, “कुतुब शाही” राजवंश का संस्थापक था। १५१२ मे स्वतंत्र सल्तनत बनने से पहले यह राजवंश बहमनी सल्तनत के आधीन था। १५९१ में इस राजवंश के एक शासक मुहम्मद कुली कुतुब शाह ने मूसी नदी के तट पर हैदराबाद शहर की स्थापना की, यह स्थान परिवर्तन, पुराने मुख्यालय गोलकोण्डा में राजवंश को हो रही पानी की कमी के कारण करना पडा। कहा जाता है कि, इससे पहले कि प्लेग की महामारी उसकी नये बसाये शहर में फ़ैल पाती, उस पर काबू पाया जा सका, इसलिये उसने, सर्वशक्तिमान ईश्वर के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुये, उसी साल, चारमीनार बनवाने का भी आदेश दिया।

१६वीम शताब्दी और शुरुआती १७वीं शताब्दी में, जैसे जैसे कुतुब शाही राजवंश की शक्ति और सत्ता बढती गयी, हैदराबाद हीरों के व्यापार का केंन्द्र बनता गया। महारानी एलीजाबेथ के राजमुकुट में जड़ा विश्व में सर्वाधिक प्रसिद्ध कोह-ए-नूर, गोलकुंड़ा की हीरों की खानें से ही निकला है। कुतुब शाही राजवंश ने हैदराबाद में हिन्दुस्तानी-फारसी और हिन्दुस्तानी-इस्लामी साहित्य के विकास में भी सहयोग किया। कुछ सुल्तान स्थानीय तेलगू संस्कृति के संरक्षक भी माने जाते हैं। १६वीं शताब्दी में शहर गोल्कुंडा की जनसंख्या के बसने के लियेबढा और फ़लतः कुतुब शाही शासकों की राजधानी बन गया। हैदराबाद अपने बागों और सुखद मौसम के लिये जाना जाने लगा।

१६८७ में, मुगल शासक ऒरंगजेब ने हैदराबाद पर अधिकार कर लिया। इस कम समय के मुगल शासन के दॊरान, हैदराबाद का सॊभाग्य क्षय होने लगा। जल्द ही, मुगल शासक के द्वारा नियुक्त शहर के सूबेदार ने अधिक स्वायत्ता पा ली। १७२४ में असफ़ जाह प्रथम, जिसे मुगल सम्राट ने “निजाम-ए-मुल्क” का खिताब दिया था, ने एक विरोधी अधिकारी को हैदराबाद पर अधिकार स्थापित करने में हरा दिया। इस तरह आसफ़ जाह राजवंश का प्रारंभ हुआ, जिसने हैदराबाद पर भारत की अंग्रेजों से स्वतंत्रता के एक साल बाद तक शासन किया। आसफ़ जाह के उत्तराधिकारीयों ने हैदराबाद पर राज्य किया, वे निजाम कहलाये। इन सात निजामों के राज्य में हैदराबाद सांस्कृतिक और आर्थिक दोनों भांति विकसित हुआ। हैदराबाद राज्य की आधिकारिक राजधानी बन गया और पुरानी राजधानी गोलकुंडा छोंड़ दी गयी। बड़े बड़े जलाशय जैसे कि निजाम सागर, तुंगबाद्र, ओसमान सागर, हिमायत सागर और भी कई बनाये गये। नगार्जुन सागर के लिये सर्वे भी इसी समय शुरु किया गया, जिसे भारत सरकार ने १९६९ में पूरा किया।

हैदराबाद के प्रमुख व्यंजन

मुगलई भोजन के साथ-साथ हैदराबाद निजामी तहजीब के कारण भी दुनिया भर में मशहूर है। स्वादप्रेमियों के लिए तो हैदराबाद जन्नत के समान है। यहाँ की लजीज बिरयानी और पाया की खूशबू दूर-दूर से पर्यटकों को हैदराबाद खींच लाती है। इस पर हैदराबाद के नवाबी आदर-सत्कार व खान-पान को देखकर आपको भी लगेगा कि वाकई में आप किसी निजाम के शहर में आ गए हैं। हैदराबादी व्यंजन में परंपरागत आंध्र और तेलंगाना व्यंजन पर व्यापक इस्लामी प्रभाव है। हैदराबादी व्यंजनों के यहां कई रेस्त्रां हैं। शहर के सभी होटलों में एक या इससे ज्यादा रेस्त्रां हैं जो लोकप्रिय है। बावर्ची, पाराडाइड, हैदराबाद हाउस हैदराबादी व्यंजनों को उपलब्ध कराने वाले कुछ मशहूर रेस्त्रां हैं।

हैदराबाद के दर्शनीय स्थल

1- संघी मंदिर – भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित एक मंदिर है।

2- रामोजी फिल्म सिटी संसार का सबसे बड़ा समाकलित फ़िल्म स्टूडियो सम्मिश्र है जो लगभग 2000 एकड़ में फैला है। यह एशिया के सबसे लोकप्रिय पर्यटन एवं मनोरंजन केंद्रों में से एक है। 1996 में उद्घाटित। यह हैदराबाद से 25 किमी. दूर विजयनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-9) पर स्थित है।

3- पुरानी हवेली – निज़ाम का आधिकारिक निवास।
4-कुतुब शाही मकबरे – कुतुबशाही वंश के शासकों के मकबरे यहैँ स्थित हैं, यह गोलकोंडा किले के निकट शाइकपेट में है।

5- वर्गल सरस्वती देवी मंदिर – यह हैदराबाद से 50 किमी. दूरी पर मेडचल महामार्ग पर स्थित मंदिर है। यह एक बड़ी शिला पर स्थित है। इस मार्ग पर आरटीसी बसें उपलब्ध हैं।

6- कमल सरोवर – जुबली हिल्स पर स्थित, तालाब के चारों ओर बना एक सुंदर बगीचा है, जिसे एक इतालवी अभिकल्पक द्वारा बनाया हुआ बताया जाता है। यह वर्तमान में हैदराबाद नगरपालिक निगम द्वारा अनुरक्षित है। यह कुछ दुर्लभ प्रजातियों के पक्षियों का घर भी है।

7- हुसैन सागर – यह कृत्रिम झील हैदराबाद को सिकंदराबाद से अलग करती है। इसके अंदर, बीच में गौतम बुद्ध की एक 18 मी. ऊंची प्रतिमा स्थापित है। इस द्वीप पर जिस पत्थर पर यह बनी है, उसे स्थानीय लोग जिब्राल्टर का पत्थर कहते हैं।

8- नेहरू प्राणी संग्रहालय- हैदराबाद के इस प्राणी संग्रहालय की विशेषता है इसकी लॉयन सफारी तथा सफेद शेर, इसके अलावा यहाँ आपको अफ्रीका तथा ऑस्ट्रेलिया के भी कई वन्य प्राणी देखने को मिल जाएँगे। कई एकड़ में फैले इस प्राणी संग्रहालय में आप अपने वाहन से भी घूम सकते हैं।
9- बिडला तारामंडल – नगर के बीच में नौबत पहाड पर स्थित, तारामंडल खगोल विज्ञान को नगर का नमन है।
10- बिडला मंदिर (हैदराबाद, आंध्र प्रदेश) – यह हिन्दू मंदिर, नगर में एक ऊंचे पहाड़ पर स्थित है, जहां से नगर का नज़ारा दिखाई देता है, व पूरे नगर से यह दिखाई देता है। यह श्वेत संगमर्मर का बना है।
11- चार मीनार – नगर का मुख्य चिन्ह, जिसमें चार भव्य मीनारें हैं। शहर के बीचोंबीच बनी इस भव्य इमारत का निर्माण कुली कुतुब शाही नवाब ने कराया था।
12- फलकनुमा महल – नवाब विकार-अल-उमरा द्वारा बनवाया हुआ, स्थापत्यकला का अनोख उदाहरण।
13- गोलकुंडा किला – शहर के किनारे स्थित, गोलकुंडा का किला, भारत के प्रसिद्ध व भव्य किलों मं़ से एक है।
14- चौमहला महल- यह आसफ जाही वंश का स्थान था, जहां निज़ाम अपने शाही आगन्तुकों का सत्कार किया करते थे। 1750 में
निज़ाम सलाबत जंग ने इसे बनवाया था, जो इस्फहान शहर के शाह महल की तर्ज़ पर बना है। यहां एक महलों का समूह है, जो दरबार हॉल के रूप में प्रयुक्त होते थे।

This entry was posted in Facts, History and tagged , , , , , , , . Bookmark the permalink.