भारत के गणतंत्र दिवस के बारे में महत्वपूर्ण जानकारिया

गणतंत्र दिवस मनाना हर भारतीय के लिए बेहद आवश्यक हैं, लेकिन उससे भी अधिक आवश्यक है पहले इसके इतिहास को जानना. आपको बता दे कि, 2018 का गणतंत्र दिवस देश का 69वां गणतंत्र दिवस होगा. पहला गणतंत्र दिवस साल 1950 में मनाया गया था. 15 अगस्त 1947 को आजादी मिलने के बाद देश का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था, संविधान निर्माण की प्रक्रिया में कुल 2 वर्ष, 11 महीना, 18 दिन का समय लगा था.
गणतंत्र दिवस वैसे तो १ दिन का पर्व माना जाता है लेकिन वास्तव में ये २९ जनवरी तक चलता है और इसका समापन बैटिंग रिट्रीट के साथ होता है, ‘Abide With Me‘, स्कॉटिश एंग्लिकन हेनरी फ्रांसिस लिइट द्वारा लिखित एक ईसाई भजन हमेशा गणतंत्र दिवस की परेड के दौरान बजाया जाता है क्योंकि यह महात्मा गांधी के पसंदीदा गीतों में से एक था।

गणतंत्र दिवस की परेड का प्रारम्भ 1955 से शुरू हुआ था, १९५५ की परेड में पाकिस्तान के गवर्नर जनरल मलिक ग़ुलाम मुहम्मद मुख्य अतिथि थे, उसके पहले इस समारोह में सिर्फ राष्ट्रपति भवन को शामिल किया जाता था, जहा के दरबारी हाल में श्री राजेंद्र प्रशाद ने देश के पहले राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी, हमारे देश में सबसे पहले मुख्या अतिथि जो की इस समारोह में १९५० में शामिल हुए थे वो थे इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो प्रथम।

१९५० में ही जनगण मन अधिनायक को राष्ट्रिय गान के रूप में स्वीकार किया गया था जिसे १९११ में कांग्रेस के अधिवेशन में गया गया था जिसे रविंद्र नाथ टैगोर ने लिखा था और जिसका बंगला से हिंदी में अनुवाद १९३० में किया गया था, २६ जनवरी १९६५ को हिंदी को भारत की राष्ट्रिय भाषा का महत्त्व प्रदान किया गया था।

69वां गणतंत्र दिवस 2018 : देश और उनके प्रतिनिधि

इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो
थाईलैंड के प्रधानमंत्री जनरल प्रायुत चान-ओ-चा
मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब रजाक
म्यांमार की सर्वोच्च नेता आंग सान सू की
ब्रुनेई के सुल्तान हसनअल बोल्किया
कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन सेन
सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सियन लूंग
फिलीपींस के राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते
वियतनाम के प्रधानमंत्री न्गुयेन शुयान फुक
लाओस के प्रधानमंत्री थॉन्गलौन सिसोलिथ

जब भारत देश अपना पहला गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 1950 को मना रहा था तो उस समय के मुख्य अतिथि के तौर पर इंडोनेशिया के पहले राष्ट्रपति और साउथ एशिया की राजनीति के दिग्गज सुकर्णो को बुलाया गया था और उस समय के 68 साल बाद एक बार फिर से इंडोनेशिया के वर्तमान राष्ट्रपति जोको विदोदो को गणतंत्र दिवस पर आमंत्रित किया गया है.

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