चम्बा जिला हिमाचल प्रदेश के 12 जिलों में एक जिला है, चम्बा कांगड़ा मण्डल का जिला है और इसका मुख्यालय चम्बा है, जिले में 7 उपमंडल है, 7 तहसीलें, ४ उप तहसील, 7 उप खंड और 1 लोक सभा क्षेत्र है, 4 विधान सभा क्षेत्र है, 1591 ग्राम है और 270 ग्राम पंचायते है।
चम्बा जिला
चम्बा जिले का क्षेत्रफल 6,524 वर्ग किलोमीटर है, और २०११ की जनगणना के अनुसार चम्बा की जनसँख्या 519,080 और जनसँख्या घनत्व 80/km2 व्यक्ति [प्रति वर्ग किलोमीटर] है, चम्बा की साक्षरता 73.19% है, महिला पुरुष अनुपात यहाँ पर 989 महिलाये प्रति १००० पुरुषो पर है, जिले की जनसँख्या विकासदर २००१ से २०११ के बीच 12.58% रहा है।
चम्बा भारत में कहाँ पर है
चम्बा जिला भारत के राज्यो में उत्तर की तरफ की अंदर की तरफ स्थित हिमाचल प्रदेश राज्य में है, चम्बा जिला हिमाचल प्रदेश के उत्तर पश्चिमी भाग का जिला है, इसके उत्तर से उत्तर पश्चिम तक जम्मू कश्मीर है जबकि दक्षिण पश्चिम में पंजाब है, चम्बा 32°34′12″N 76°7′48″E के बीच स्थित है, चम्बा की समुद्रतल से ऊंचाई ३,264 मीटर है, चम्बा शिमला से 342 किलोमीटर उत्तर पश्चिम की तरफ है और देश की राजधानी दिल्ली से 597 किलोमीटर उत्तर की तरफ ही है।
चम्बा के पडोसी जिले
चम्बा के उत्तर से उत्तर पश्चिम तक जम्मू कश्मीर के जिले है जो की डोडा जिला और कठुआ जिला है, दक्षिण पश्चिम में पंजाब के जिले है जो की गुरदासपुर जिला है, दक्षिण में काँगड़ा जिला और पूर्व में लाहौल स्पीति जिला है ।
Information about Chamba in Hindi
नाम | चंबा |
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मुख्यालय | चंबा |
विभाजन | कांगड़ा |
राज्य | हिमाचल प्रदेश |
क्षेत्र | 6528 वर्ग किमी |
चंबा की जनसंख्या | 518,844 |
पुरुष महिला अनुपात | 989 |
विकास | 12.58%। |
साक्षरता दर | 73.19% |
घनत्व | 200 / वर्ग मील (80 / किमी 2) |
ऊंचाई | 3,268 फीट (996 मीटर) |
अक्षांश और देशांतर | 32 ° 34’12 “N 76 ° 7’48” E |
चंबा का एसटीडी कोड | 1899 |
पिन कोड चंबा | 176,310 |
संसद के सदस्य | NA |
विधायक / सांसद | na |
उपखंडों की संख्या | 7 |
तहसील की संख्या | 7 |
गांवों की संख्या | 1591 |
रेलवे स्टेशन | नूरपुर रेलवे स्टेशन |
बस स्टेशन | हाँ |
चंबा में एयर पोर्ट | पठानकोट हवाई अड्डे |
चंबा में होटल की संख्या | 37 |
डिग्री कॉलेजों की संख्या | 9 |
अंतर कॉलेजों की संख्या | 9 |
मेडिकल कॉलेजों की संख्या | 2 |
इंजीनियरिंग कॉलेजों की संख्या | 9 |
चम्बा में कंप्यूटर केंद्र | 3 |
चंबा में मॉल | |
चंबा में अस्पताल | 5 |
चंबा में विवाह हॉल | 3 |
नदी (रों) | सरोल- रायवी रिवर |
उच्च मार्ग | एनएच 20 |
आधिकारिक वेबसाइट | hpchamba.nic.in |
प्रसिद्ध नेता (ओं) | रणजीत सिंह |
राजनीतिक दलों | बीजेएस, सीपीआई, कांग्रेस, पीएसपी, |
आरटीओ कोड | एचपी -48 और एचपी -73 |
आधार कार्ड केंद्र | 1 |
स्थानीय परिवहन | बस, टैक्सी, कार, ऑटो, रेलगाड़ी |
यात्रा स्थलों | सीता राम मंदिर, बंसी गोपाल मंदिर, खररू मोहल्ला और हरि राय मंदिर, 11 वीं शताब्दी सुई माता मंदिर और चामुंडा देवी |
चम्बा का नक्शा मानचित्र मैप
गूगल मैप द्वारा निर्मित चम्बा का मानचित्र, इस नक़्शे में चम्बा के महत्वपूर्ण स्थानों को दिखाया चम्बा है
चम्बा जिले में कितनी तहसील है
चम्बा जिले में 7 तहसीलें है जो की चंबा, डलहौसी, टीसा, चौवरी, भर्मौर, पंगी, सलूनी, इन 7 तहसीलों को फिर से उप तहसीलों में विभाजित किया गया है, जो की ४ है और उनके नाम भलेई, सिहुंता, होली,धारवाला है, ये फिर से 7 विकास खंडों में विभाजित हैं: चंबा, मेहला, टीसा, भट्टियत, भर्मौर, पंगी, सैलूनी है।
चम्बा जिले में विधान सभा की सीटें
चम्बा जिले में 4 विधान सभा क्षेत्र है जिनके नाम सदाौरा, जगधरी, चम्बा और रादौर, जबकि सदाउरा, जगधरी और चम्बा अंबाला लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा हैं, रादौर कुरुक्षेत्र लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा हैं। हैं।
चम्बा जिले में कितने गांव है
चम्बा जिले में 1591 गांव है जो कि 270 ग्राम पंचायतों के माध्यम से संचालित किये जाते, ग्राम पंचायतो के ऊपर खंड और उसके ऊपर तहसील होती है, जो की जिले में 7 है और 7 उपभागें है ।
चम्बा का इतिहास
चंबा का इतिहास बहुत ही प्राचीन है यहाँ पर सबसे पहले आदिवासियों का राज्य था, इसके बाद दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व खांसी और औदुम्बर जनजातियों ने राज किया और ये गुप्त साम्राज्य के निर्माण तक करते रहे, जब गुप्त साम्राज्य बना तब ये गुप्त साम्राज्य के अधीन आ गया था।
चौथी शताब्दी में यहाँ पर अन्य राजवंशो का राज रहा जिनमे ठाकुर और राणा लोग प्रमुख थे, ७वी शताब्दी में यहाँ पर गुर्जर प्रतिहार और राजपूत राजाओ का अधिपत्य हो गया था और ये मुगलो के पतन तक बना रहा।
इतिहासकरो का मत है की चंपा का नाम पहले चम्पावत था जो की यहाँ के राजा साहिल वर्मन ने ९२० में रखा था अपनी पुत्री चम्पावती के नाम पर था, यहाँ के अंतिम हिन्दू राजा पृथ्वी सिंह थे जिन्होंने १६४१ से १६६४ तक राज्य किया था, उनके मुगलो से बड़े ही दोस्ताना रिश्ते थे।
चम्बा का आधुनिक इतिहास शुरू होता है १८०६ से जब अंग्रेजी सेना ने यहाँ के राजा संसार चंदा पर हमला किया और उन्होंने अपने परिवार के साथ कांगड़ा के किले में शरण ली थी, अंग्रेजी सेना में ज्यादातर गोरखा लोग थे, इन गोरखा लोगो ने ३ साल तक किले की घेराबंदी की, १८०९ में सिख राजा रंजीत सिंह ने संसार चाँद की मदद की और उसके बदले में उनको काँगड़ा का किला और ६५ गाओं दिए गए थे।
स्वतंत्रता के बाद चम्बा रियासत को भारत में मिला लिया गया और इसे एक जिले की मान्यता प्रदान कर दी गयी थी।