बांसवाड़ा राजस्थान राज्य का एक जिला है, इस जिले का नाम बांसवाड़ा रखने पीछे यहाँ पर बांसो के घने जंगलो का होना बताया जाता है, बांसवाड़ा को १०० द्वीपो का शहर भी कहा जाता है, इसके बांसवाड़ा नाम के पीछे एक और कहानी है, यहाँ पर एक भील सरदार ने राज किया था जिसका नाम बंसिया था, उसी के नाम पर इस स्थान का नाम बांसवाड़ा पड़ गया था।
बांसवाड़ा जिले का क्षेत्रफल ५०३७ वर्ग किलोमीटर है, २०११ की जनगणना के अनुसार बांसवाड़ा की जनसँख्या १७९८१९४ और जनसँख्या घनत्व ३९९ व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है, बांसवाड़ा की साक्षरता ५७% है और महिला पुरुष अनुपात ९७९ महिलाये प्रति वर्ग किलोमीटर है तथा २००१ से २०११ के बीच जनसँख्या विकास दर २७% रही है।
बांसवाड़ा भारत में कहाँ पर है
बांसवाड़ा राजस्थान के दक्षिणी भाग में है, बांसवाड़ा के अक्षांस और देशांतर क्रमशः २३ डिग्री ५५ मिनट उत्तर से ७४ डिग्री ४५ मिनट पूर्व तक है, बांसवाड़ा की समुद्रतल से ऊंचाई ३०२ मीटर है, बांसवाड़ा राजस्थान की राजधानी जयपुर से ५०५ किलोमीटर दक्षिण में है और भारत की राजधानी दिल्ली से ७७४ किलोमीटर दक्षिण में है।
बांसवाड़ा के पडोसी जिले
बांसवाड़ा जिले के उत्तर में उदयपुर जिला है, उत्तर पूर्व में प्रतापगढ़ जिला है, पूर्व और दक्षिण पूर्व में मध्यप्रदेश के रतलाम और झाबुआ जिले है, दक्षिण पश्चिम में गुजरात का दोहद जिला है और पश्चिमोत्तर में डूंगरपुर जिला है।
Information about Banswara in Hindi
नाम | बांसवाड़ा |
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राज्य | राजस्थान |
क्षेत्र | 5,037 किमी² |
बांसवाड़ा की जनसंख्या | 100,128 |
अक्षांश और देशांतर | 23.5461 डिग्री न, 74.4350 डिग्री ई |
एसटीडी कोड बांसवाड़ा | 2962 |
पिन कोड बांसवाड़ा | 327001 |
जिला मजिस्ट्रेट (डीएम कलेक्टर) | पवन ननकानी |
पुलिस अधीक्षक (एसपी / एसएसपी) | आनंद शर्मा |
मुख्य विकास अधिकारी | श्री लाल चंद ओझा |
मुख्य चिकित्सा अधिकारी | ना |
संसद के सदस्य | मनशंकर निनामा |
विधायक | धनसिंह रावत |
उपखंडों की संख्या | |
तहसील की संख्या | 5 |
गांवों की संख्या | 1517 |
रेलवे स्टेशन | रतलाम स्टेशन |
बस स्टेशन | बांसवाड़ा बस स्टैंड |
बांसवाड़ा में एयर पोर्ट | निकटतम हवाई अड्डा इंदौर है |
बांसवाड़ा में होटल की संख्या | 21 |
डिग्री कॉलेजों की संख्या | 25 |
अंतर कॉलेजों की संख्या | 25 |
मेडिकल कॉलेजों की संख्या | 10 |
इंजीनियरिंग कॉलेजों की संख्या | 18 |
बांसवाड़ा में कंप्यूटर केंद्र | 25 |
बांसवाड़ा में मॉल | 3 |
बांसवाड़ा में अस्पताल | 24 |
बांसवाड़ा में मैरेज हॉल | 2 |
नदी (ओं) | नदी माही |
उच्च मार्ग | राज्य राजमार्ग 32 |
ऊंचाई | 302 मीटर (991 फीट) |
घनत्व | 399 व्यक्ति / वर्ग.कॉम |
आधिकारिक वेबसाइट | Http://banswara.rajasthan.gov.in/content/raj/banswara/en/home.html# |
साक्षरता दर | 56.33 प्रतिशत |
बैंक | केनरा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, इंडसइंड बैंक, स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, आईडीबीआई बैंक, इंडियन बैंक, एक्सिस बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, एचडीएफसी बैंक, यूको बैंक, एसबीबीजे बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा |
प्रसिद्ध नेता (ओं) | श्री तोश्नीवाल |
राजनीतिक दलों | बीजेएस, सीपीआई, कांग्रेस, सपा, भाजपा |
आरटीओ कोड | आरजे -03 |
आधार कार्ड केंद्र | 1 |
स्थानीय परिवहन | कार, ट्रेन, बस और टैक्सी |
मीडिया | समाचार पत्र, ग्रामीण / शहरी होने के रेडियो, ट्रांजिस्टर, मीडिया, टेलीविजन |
विकास | 27.61% |
यात्रा स्थलों | श्री त्रिपुरा सुंदर मंदिर, माही बांध, मदरेश्वर शिव मंदिर, राम कुंड, चेचन ब्रह्मा मंदिर, श्री साईं बाबा मंदिर |
बांसवाड़ा़ का नक्शा मानचित्र मैप
गूगल मैप द्वारा निर्मित बांसवाड़ा़ का मानचित्र, इस नक़्शे में बांसवाड़ा़ के महत्वपूर्ण स्थानों को दिखाया गया है
बांसवाड़ा़ जिले में कितनी तहसील है
बांसवाड़ा जिले में ५ तहसीलें है, जिनके नाम 1. बागीदोरा 2. बांसवाड़ा 3. गढ़ी 4. घाटोल और 5. कुशलगढ़, इन ५ तहसीलों में गढ़ी तहसील सबसे छोटी तहसील है और कुशलगढ़ तहसील सबसे बड़ी तहसील है।
बांसवाड़ा़ जिले में विधान सभा की सीटें
बांसवाड़ा जिले में ५ विधान सभा क्षेत्र है, इन ५ विधानसभा सीटों के नाम 1. घाटोल (ST)2. गढ़ी (ST) 3. बांसवाड़ा (ST) 4. बागीदोरा (ST) 5. कुशलगढ़ (ST), बांसवाड़ा की सभी विधान सभा सीटें अनुसूचित जातियो के लिए सुरक्षित है।
बांसवाड़ा़ जिले में कितने गांव है
बांसवाड़ा जिले में १४५७ गांव है जो की जिले की ५ तहसीलों में विभाजित है, इन ग्रामो की संख्या तहसील के नाम के साथ इस प्रकार से है 1. बागीदोरा तहसील में ३०१ गांव है, 2. बांसवाड़ा में ३३९ गांव है 3. गढ़ी तहसील में २०५ गांव है 4. घाटोल में २३२ गांव है और 5. कुशलगढ़ तहसील में 380 गांव है।
बांसवाड़ा का इतिहास
बांसवाड़ा भारतीय राज्य राजस्थान के दक्षिणी भाग में बसा एक शहर है। यह गुजरात और मध्य प्रदेश दोनों राज्यों की सीमा पर है। बांसवाड़ा का राजघराना महारावल जगमल सिंह ने बसाया था। बांस के वनों की अधिकता के कारण इसका नाम बांसवाड़ा पड़ा। इसे “सौ द्वीपों का नगर” भी कहते हैं क्योंकि यहाँ से होकर बहने वाली माही नदी में अनेकानेक से द्वीप हैं। माही बांसवाड़ा की प्रमुख नदी है। मक्का, गेहूँ और चना बांसवाड़ा की प्रमुख फ़सलें हैं। बांसवाड़ा में लोह-अयस्क, सीसा, जस्ता, चांदी और मैंगनीज पाया जाता है। और बांसवाड़ा शहर इसकी राजधानी था। 1948 में राजस्थान राज्य में विलय होने से पहले यह मूल डूंगरपुर राज्य का एक भाग था।
परिचय
ऐतिहासिक तौर पर वागड़ राज्य की स्थापना के कई तथ्य पाए जाते हैं। जबकि एक दूसरा मत यह है कि गुहिलोतों ने वागड़ राज्य की स्थापना की थी। इन तथ्यों के बावजूद ज्यादातर यही माना जाता है कि इस राज्य के वास्तिवक संस्थापक सामन्तसिंह थे। उन्होंने 1179 ईस्वी के लगभग वागड़ प्रदेश को अधिकृत किया। सामन्तसिंह के पुत्र सिंहडदेव के पौत्र वीरसिंह देव (विक्रम सम्वत 1343—1349) तक वागड़ के गुहिलवंशीय राजाओं की राजधानी बड़ौदा—डूंगरपुर थी। जब वीरसिंह के पोते डूंगरसिंह ने डूंगरपुर शहर बसाकर इसे अपनी राजधानी बनाया तब से वागड़ के राज्य का नाम उसकी नई राजधानी के नाम से डूंगरपुर प्रसिद्ध हुआ। जो महारावल जगमाल की रानी द्वारा निर्मित बताया जाता है। लगभग 1 किलोमीटर दूर रियासत के शासकों की छतरियां हैं। कस्बे में कुछ हिन्दू व जैन मन्दिर व एक पुरानी मस्जिद भी है। अब्दुल्ला पीर दरगाह निकटस्थ ग्राम भवानपुरा में स्थित है। माही परियोजना बांध की नहरों में पानी वितरण के लिए शहर के पास निर्मित कागदी पिक-अप-वियर है जो सैलानियों के लिए आकर्षण का मुख्य केन्द्र है। बांसवाडा का नामांकरण भील सरदार बांसिया के नाम पर हुआ