बुरहानपुर जिला मध्य प्रदेश के जिलों में एक जिला है, बुरहानपुर जिला, इंदौर मंडल के अंतर्गत आता है और इसका मुख्यालय बुरहानपुर में है, जिले में कुछ उपमंडल है, 2 ब्लॉक है, 3 तहसील है और 2 विधान सभा क्षेत्र जो की खंडवा संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आती है, 1187 ग्राम है और 558 ग्राम पंचायते भी है ।
बुरहानपुर जिला
बुरहानपुर जिले का क्षेत्रफल 3425 वर्ग किलोमीटर है, और २०११ की जनगणना के अनुसार बुरहानपुर की जनसँख्या 756993 और जनसँख्या घनत्व 200/km2 व्यक्ति [प्रति वर्ग किलोमीटर] है, बुरहानपुर की साक्षरता 65.28% है, महिला पुरुष अनुपात यहाँ पर 900 महिलाये प्रति १००० पुरुषो पर है, जिले की जनसँख्या विकासदर २००१ से २०११ के बीच 19.23 % रहा है।
बुरहानपुर जिला भारत में कहाँ पर है
बुरहानपुर जिला भारत के राज्यो में एकदम मध्य में स्थित मध्य प्रदेश राज्य में है, बुरहानपुर जिला अपनी अद्भुद भौगोलिक स्थिति के कारन मध्य प्रदेश के दक्षिण पश्चिमी भाग में है और इसके पूर्व से लेकर दक्षिण पश्चिम तक का भाग महाराष्ट्र की सीमाओं से लगा हुआ है, बुरहानपुर 23°३′ उत्तर 76°23′ पूर्व के बीच स्थित है, बुरहानपुर की समुद्रतल से ऊंचाई 247 मीटर है, बुरहानपुर भोपाल से 367 किलोमीटर उत्तर पश्चिम की तरफ प्रादेशिक राजमार्ग २७ और १८ पर है और भारत की राजधानी दिल्ली से 1085 किलोमीटर दक्षिण पूर्व की तरफ राष्ट्रिय राजमार्ग 48 पर है ।
बुरहानपुर जिले के पडोसी जिले
बुरहानपुर के उत्तर में पूर्वी निमाड़ जिला है, पूर्व से दक्षिण पश्चिम तक महाराष्ट्र के जिले है जो की अमरावती जिला, बुलढाणा जिला और जलगाओं जिला है, उत्तर पश्चिम में पश्चिमी निमाड़ जिला है।
Information about Burhanpur in Hindi
नाम | बुरहानपुर |
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मुख्यालय | बुरहानपुर |
प्रशासनिक प्रभाग | इंदौर डिवीजन |
राज्य | मध्य प्रदेश |
क्षेत्रफल | 3425 किमी 2 |
जनसंख्या (2011) | 756,993 |
पुरुष महिला अनुपात | 900 |
विकास | 19.23% |
साक्षरता दर | 65.28% |
जनसंख्या घनत्व | 221 / किमी 2 (570 / वर्ग मील) |
ऊंचाई | 247 मीटर (810 फुट) |
अक्षांश और देशांतर | 21.3 ° उत्तर 76.23° पूर्व |
एसटीडी कोड | +91-7325′ |
पिन कोड | 450331 |
संसद के सदस्य | 1 |
विधायक | 2 |
उपमंडल | NA |
तहसील | 3 |
खंडों की संख्या | 2 |
गांवों की संख्या | NA |
रेलवे स्टेशन | बुरहानपुर रेलवे स्टेशन |
बस स्टेशन | हाँ |
एयर पोर्ट | इंदौर में देवी अहिल्या बाई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा |
डिग्री कॉलेजों की संख्या | NA |
“उच्चतर माध्यमिक विद्यालय | |
“ | NA |
प्राथमिक विद्यालय (पूर्व-प्राथमिक को शामिल करना) | NA |
मध्य विद्यालय | NA |
अस्पताल | NA |
नदी (ओं) | ताप्ती नदी |
उच्च मार्ग | NH-48 |
आधिकारिक वेबसाइट | http://burhanpur.nic.in |
बैंक | NA |
प्रसिद्ध नेता (ओं) | NA |
आरटीओ कोड | MP-68 |
स्थानीय परिवहन | बस, टैक्सी आदि |
बुरहानपुर जिले का नक्शा मानचित्र मैप
गूगल मैप द्वारा निर्मित बुरहानपुर का मानचित्र, इस नक़्शे में बुरहानपुर के महत्वपूर्ण स्थानों को दिखाया है
बुरहानपुर जिले में कितनी तहसील ब्लॉक और उपमंडल है
बुरहानपुर जिले में प्रशासनिक विभाजन उपमंडल, ब्लॉक और तहसील में किया गया है, इनके मुख्य अधिकारी SDM BDO और तहसीलदार होते है, बुरहानपुर जिले में कुछ उपमंडल है जिले में 3 तहसीलें है नेपानगर, बुरहानपुर और खकनार तथा 2 ब्लॉक है खकनार और बुरहानपुर इन को विकास खंड या जनपद पंचायत भी कहते है।
बुरहानपुर जिले में विधान सभा और लोकसभा की सीटें
बुरहानपुर जिले में 2 विधान सभा क्षेत्र है नेपानगर और बुरहानपुर, और ये खण्डवा संसदीय क्षेत्र का यह एक हिस्सा है।
बुरहानपुर जिले में कितने गांव है
बुरहानपुर जिले में 558 पंचायतों के अंदर आने वाले कुल 1187 गांव है, इनमे से 1085 गांवों में लोग रहते हैं जिनको आबाद ग्राम कहा जाता है और 102 गांव वीरान है मतलब इन ग्रामो के कोई नहीं रेहत है।
बुरहानपुर जिले का इतिहास
बुरहानपुर का इतिहास कही न कही हुमायु और इसके बाद शाहजहां से जुड़ा हुआ है, 1536 इस्वी में गुजरात विजय के पश्चात हुमायू बडौदा, भरूच और सूरत होते हुए बुरहानपुर आया था, और यहाँ के तत्कालीन राजा ने अधीनता स्वीकार ली थी, और इसके बाद से ही मुगलो में दक्षिण की तरफ झुकाव शुरू हुआ, शाहजहां की पत्नी मुमताज का भी देहांत यही हुआ था।
अकबर के समय में अली खान के उत्तराधिकारी बहादुरखान(1596-1600 A.D.) ने मुगलों से अपनी स्वतंत्रता की घोष्ाणा कर दी जिस पर कुपित होकर अकबर ने हमला कर दिया और जीत भी गया, 1617 में जहांगीर ने राजकुमार परविज की जगह पर राजकुमार खुर्रम को दक्खन का राज्यपाल नामांकित किया गया और उसे शाह की उपाधि दी।
16 वीं शताब्दी के मध्य से लेकर अठारहवीं शताब्दी तक बुरहानपुर सहित निमाड क्षेत्र [जो की अब खरगोन और खंडवा में बाँट दिया गया है, और सुविधा के लिए उसे ही पूरी निमाड़ और पश्चिमी निमाड़ कहते है ] औरंगजेब, बहादुर शाह, पेशवा, सिंधिया, होलकर, पवार और पिण्डारियों से प्रभावित रहा । बाद में 18वीं शताब्दी की शुरूआत में निमाड़ क्षेत्र का प्रबंधन ब्रिटिश के अधीन आ गया ।
अंग्रेजो के विरूद्ध देशव्यापी संग्राम जो की १८५७ hua था, us के महान विप्लव से बुरहानपुर भी अछुता नहीं रहा । तात्या टोपे ने निमाड़ क्षेत्र से बाहर जाने के पूर्व खण्डवा, पिपलोद इत्यादि जगहों पर पुलिस थानों और शासकीय भवनों को आग के हवाले किया था