अक्सर भारत देश का अपरिपक्व विपक्ष प्रधानमंत्री मोदी पर आरोप लगता है की ये कपडे अभूत पहने है, या पहनते है, विदेश बहुत घूमते है तो हमने नीचे PM नरेंद्र मोदी की विदेश यात्राओं (2014–2025) की प्रमुख देशवार सूची हिंदी में दी गई है, साथ ही हर यात्रा से भारत को हुए और भविष्य में होने वाले संभावित लाभों का सारांश भी शामिल है। मेने आपकी संतुस्ती के लिए यात्रा के साथ साथ न्यूज़ की साइट का लिंक दिया है जिससे आपको पूरी जानकारी मिल सके।
PM मोदी की विदेश यात्राएँ (2014–2025)
देश | वर्षों में यात्राएँ | राजनैतिक प्रमुख (राष्ट्रपति/प्रधानमंत्री) | राजधानी |
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भूटान | 2014 (पहली यात्रा) | राजा जिग्मे खेसर नर्म गयेल वांगचुक (भूटानी राजा) | थिम्पू |
नेपाल | बार-बार | राष्ट्रपति बिड्यादेवी भंडारी, पीएम पुष्पकमल दहल | काठमाडौं |
ब्राज़ील | 2014, 2024–2025 | राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला दा सिल्वा | ब्रासिलिया |
संयुक्त राज्य अमेरिका | लगभग 10 बार (2014–2025) | राष्ट्रपति जो बाइडन / डोनाल्ड ट्रंप | वॉशिंगटन डी.सी. |
चीन | लगभग 5 बार | राष्ट्रपति शी जिनपिंग, प्रधानमंत्री ली कियांग | बीजिंग |
जर्मनी, फ्रांस, रूस, यूएई आदि | कई बार | संबंधित देश के प्रमुख | संबंधित राजधानी |
यूके | 3 बार | राजा चार्ल्स III, पीएम केइर स्टारमर | लंदन |
मालद्वीप, श्रीलंका, दक्षिण अफ्रीका, मॉरीशस, जैमायका, गयाना, गाना, त्रिनिदाद एंड टोबैगो, नामीबिया इत्यादि | कई बार | राष्ट्रपति/प्रधानमंत्री | संबंधित देश की राजधानी |
(सूची सम्पूर्ण नहीं है; 2014–2025 तक कुल ~78 देशों का दौरा किया गया है।) (India TV, Wikipedia, Wikipedia, NDTV India)
अक्सर लोग ये भी पूछते है की पीएम मोदी ने अब तक कितने देशों की यात्रा की है? या तंज कस्ते हुए पूछते है की मोदी जी कितने देशों में घूम चुके हैं? या फिर अन्य ऐसे ही प्रश्न तो इन सभी का उत्तर आपको मिल गया होगा, अब नीचे बात करते है की इन यात्राओं से भारत देश को क्या लाभ हुआ, हो रहा है या फिर होगा, शायद इससे आप एक प्रधानमंत्री के योगदान को समझ सके।
भारत को इन यात्राओं से हुए लाभ (वर्तमान और भविष्य में संभावित)
1. द्विपक्षीय व्यापार समझौते और निवेश
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ब्राज़ील में BRICS समिट के दौरान व्यापार व निवेश में वृद्धि हुए समझौते हुए (ऊर्जा, कृषि, टेक्नोलॉजी) (Wikipedia)
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संयुक्त राज्य अमेरिका में बैठकें हुईं और “Mission 500” नामक लक्ष्य निर्धारित किया गया—2030 तक $500 बिलियन द्विपक्षीय व्यापार प्राप्त करने का लक्ष्य (Wikipedia)
2. वाणिज्यिक मुक्त व्यापार समझौते (FTAs)
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यूके के साथ UK-India Free Trade Agreement, जिसमें ब्रिटिश आयात शुल्क को 15% से 3% तक घटाया गया, और भारत को 99% टैरीफ-फ्री व्यापार (apparel, spices, textiles) मिला (apnews.com)
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इससे MSMEs, युवा और स्टार्टअप्स को लाभ, रोजगार में वृद्धि, निवेश प्रवाह में वृद्धि संभव है (The Times of India)
3. वैश्विक प्रतिष्ठा और Soft‑Power
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International Yoga Day, Buddhist heritage की विदेशों में अम्बेसडरशिप, मोदी-जंबो रैली (यूएस, यूके) जैसे कार्यक्रमों से भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी (TIME)
4. रणनीतिक और रक्षा सहयोग
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फ्रांस, यूएई, और अन्य नेताओं के साथ रक्षा व अंतरिक्ष परियोजनाएँ (न्यूक्लियर, एयरबस, सुरक्षा MoUs) बढ़ी (currentaffairs.adda247.com, Quartz)
5. ब्रिक्स और Global South टैप
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BRICS समिट्स (जोहान्सबर्ग, ब्राज़ील, रूस) में भारत की भूमिका मजबूत हुई। दक्षिण अफ्रीका समेत महत्वपूर्ण देशों ने निवेश और वैश्विक रणनीति में भारत को साझेदार के रूप में देखा (currentaffairs.adda247.com, Wikipedia, Wikipedia)
6. प्रतियोगिता और आत्मनिर्भरता
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बातचीत से यूएस, यूरोपीय देशों में तकनीकी साझेदारी, AI/space/defence क्षेत्र में समझौते हुए, जिससे Atmanirbhar Bharat और Make in India को बल मिला (Quartz, Wikipedia, Reddit)
मोदी सरकार के विदेशी दौरे केवल संस्कृति‑दूत बनने तक सीमित नहीं हैं— ये वाणिज्य, रणनीति, तकनीकी सहयोग, और Soft‑Power डिप्लोमेसी का संयोग हैं।
इन यात्राओं के जरिए भारत:
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वैश्विक ट्रेड डील्स में अग्रसित हुआ,
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निवेश बढ़ा,
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युवा और MSME सेक्टर को बढ़ावा मिला,
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रक्षा, ऊर्जा व टेक्नोलॉजी में रणनीतिक भागीदारी मजबूत हुई,
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और उनकी द्वारा स्थापित पहचान ने भारत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर दीर्घकालिक लाभ पहुंचाए।