डूंगरपुर जिला राजस्थान के उदयपुर मण्डल के अंतर्गत आता है, जिले का मुख्यालय डूंगरपुर नगर है, डूंगरपुर जिले का अधिकांश भाग भीलो के द्वारा अधिकृत है, इसलिए यहाँ की दोनों विधान सभा सीटें अनुसूचित जन जाती के लिए संरक्षित है।
डूंगरपुर जिले का क्षेत्रफल ३७७० वर्ग किलोमीटर है, २०११ की जनगणना के आधार पर डूंगरपुर की जनसँख्या १३८८०९०६ है और जनसँख्या घनत्व ३६८ महिलाये प्रति वर्ग किलोमीटर है, डूंगरपुर की साक्षरता ६१% है, महिला पुरुष अनुपात ९९० महिलाये प्रति १००० पुरुषो पर है, डूंगरपुर की २००१ से २०११ के बीच जनसँख्या विकासदर २५% रही है।
डूंगरपुर भारत में कहाँ है
डूंगरपुर भारत के राज्य राजस्थान के दक्षिणी भाग में है, डूंगरपुर के अक्षांस और देशांतर क्रमशः २३ डिग्री ८४ मिनट उत्तर से ७३ डिग्री ७२ मिनट पूर्व तक है, समुद्रतल से डूंगरपुर की ऊंचाई २२५ मीटर है, डूंगरपुर जयपुर से ४९९ किलोमीटर दक्षिण में है और दिल्ली से ७६९ किलोमीटर दक्षिण में है।
डूंगरपुर जिले के पडोसी जिले
डूंगरपुर जिले के उत्तर और उत्तर पूर्व में उदयपुर जिला है, पूर्व और दक्षिण पूर्व में बांसवाड़ा जिला है, इसके अलाबा डूंगरपुर तीन तरफ से गुजरात से घिरा हुआ है, दक्षिण में दाहोद जिला है और दक्षिण पश्चिम में पञ्च महल जिला है और पश्चिम में सबर कंठ जिला है।
Information about Dungarpur in Hindi
नाम | डुंगरपुर |
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राज्य | राजस्थान |
क्षेत्र | 3,770 किमी² |
डुंगरपुर की जनसंख्या | 50,000 |
अक्षांश और देशांतर | 23.8417 डिग्री एन, 73.7147 डिग्री ई |
डुंगरपुर का एसटीडी कोड | 2964 |
डुंगरपुर का पिन कोड | 314001 |
जिला मजिस्ट्रेट (डीएम कलेक्टर) | श्री इंदरजीत सिंह |
पुलिस अधीक्षक (एसपी / एसएसपी) | डॉ राजीव पिचर |
मुख्य विकास अधिकारी | मोहन लाला वर्मा |
मुख्य चिकित्सा अधिकारी | डॉ कुमावत, |
संसद के सदस्य | श। हर्षवर्धन सिंह |
विधायक | सुशील कटारा |
उपखंडों की संख्या | |
तहसील की संख्या | 4 |
गांवों की संख्या | 9 80 |
रेलवे स्टेशन | डुंगरपुर रेलवे स्टेशन |
बस स्टेशन | आरएसआरटीसी बस |
डुंगरपुर में एयर पोर्ट | सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे |
डुंगरपुर में होटल की संख्या | 21 |
डिग्री कॉलेजों की संख्या | 10 |
अंतर कॉलेजों की संख्या | 10 |
मेडिकल कॉलेजों की संख्या | 1 |
इंजीनियरिंग कॉलेजों की संख्या | 18 |
डुंगरपुर में कंप्यूटर केंद्र | 70 |
डंगरपुर में मॉल | 1 |
डुंगरपुर में अस्पताल | 4 |
डंगरपुर में विवाह हॉल | 1 1 |
नदी (ओं) | वातक नदी |
उच्च मार्ग | राज्य राजमार्ग 10 |
ऊंचाई | 225 मीटर (738 फीट) |
घनत्व | 368 प्रति वर्ग किमी |
आधिकारिक वेबसाइट | Http://dungarpur.rajasthan.gov.in/content/raj/dungarpur/en/home.html |
साक्षरता दर | 84.38% |
बैंक | बैंक ऑफ बड़ौदा, कैनरा बैंक, यूको बैंक, एसबीबीजे बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, विजया बैंक, एक्सिस बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, सेंट्रल बैंक |
प्रसिद्ध नेता (ओं) | राज सिंह |
राजनीतिक दलों | भाजपा, कांग्रेस, सीपीआई, इंडस्ट्रीज़ |
आरटीओ कोड | आरजे 12 |
आधार कार्ड केंद्र | 9 |
स्थानीय परिवहन | कार, ट्रेन, बस और टैक्सी |
मीडिया | समाचार पत्र, ग्रामीण / शहरी होने के रेडियो, ट्रांजिस्टर, मीडिया, टेलीविजन |
विकास | 25.36% |
यात्रा स्थलों | जूना महल, देव सोमनाथ मंदिर, विजय राजराजेश्वर मंदिर, भुवनेश्वर मंदिर |
डुंगरपुऱ का नक्शा मानचित्र मैप
गूगल मैप द्वारा निर्मित डुंगरपुऱ का मानचित्र, इस नक़्शे में डुंगरपुऱ के महत्वपूर्ण स्थानों को दिखाया गया है
डुंगरपुऱ जिले में कितनी तहसील है
डूंगरपुर जिले में ४ तहसीलें है , इन तहसीलों के नाम 1. आसपुर 2. डूंगरपुर 3. सागवाड़ा और 4. सीमलवाड़ा है, इन ४ तहसीलों में आसपुर तहसील सबसे छोटी है और डूंगरपुर तहसील सबसे बड़ी तहसील है।
डुंगरपुऱ जिले में विधान सभा की सीटें
डूंगरपुर जिले में २ विधानसभा क्षेत्र है, इन विधान सभा सीटों के नाम 1. आसपुर २. सागवाड़ा है, ये दोनों विधान सभा सीटें अनुसूचित जन जाती के लिए आरक्षित है।
डुंगरपुऱ जिले में कितने गांव है
डूंगरपुर जिले में ९६४ गांव है, जो की जिले की ४ तहसीलों के अंदर आते है, तहसील के नाम के साथ गांव की संख्या इस प्रकार से है 1. आसपुर तहसील में १७३ गांव है, 2. डूंगरपुर में ३०० गांव है, 3. सागवाड़ा तहसील में २४२ गांव है और 4. सीमलवाड़ा में २४९ गांव है
डूंगरपुर का इतिहास
डूंगरपुर राजस्थान में बसा एक नगर है। इसकी स्थापना 1282 में रावल वीर सिंह ने की थी। उन्होंने यह क्षेत्र भील प्रमुख डुंगरिया को हरा कर किया था जिनके नाम पर इस जगह का नाम डूंगरपुर पड़ा था। 1818 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने इसे अपने अधिकार में ले लिया। यह जगह डूंगरपुर प्रिंसली स्टेट की राजधानी थी। यहां से होकर बहने वाली सोम और माही नदियां इसे उदयपुर और बंसवाड़ा से अलग करती हैं। पहाड़ों का नगर कहलाने वाला डूंगरपुर में जीव-जन्तुओं और पक्षियों की विभिन्न प्रजातियां पाई जाती हैं। जो यहां के महलों और अन्य ऐतिहासिक इमारतों में देखी जा सकती है।