उज्जैन जिला मध्य प्रदेश के जिलों में एक जिला है, उज्जैन जिला, उज्जैन मंडल के अंतर्गत आता है और इसका मुख्यालय उज्जैन में है, जिले में 5 उपमंडल है, 7 तहसील है और 6 खंड यानि की ब्लॉक है, 7 विधान सभा क्षेत्र जो की उज्जैन लोकसभा के अंतर्गत आती है, 1109 ग्राम है और 611 ग्राम पंचायते भी है । (Famous Pandit in Ujjain for Puja)
उज्जैन जिला
उज्जैन जिले का क्षेत्रफल 6091 वर्ग किलोमीटर है, और २०११ की जनगणना के अनुसार उज्जैन की जनसँख्या 1986597 और जनसँख्या घनत्व 330/km2 व्यक्ति [प्रति वर्ग किलोमीटर] है, उज्जैन की साक्षरता 73.55% है, महिला पुरुष अनुपात यहाँ पर 954 महिलाये प्रति १००० पुरुषो पर है, जिले की जनसँख्या विकासदर २००१ से २०११ के बीच 16.11 % रहा है।
उज्जैन भारत में कहाँ पर है
उज्जैन जिला भारत के राज्यो में एकदम मध्य में स्थित मध्य प्रदेश राज्य में है, उज्जैन जिला मध्य प्रदेश के पश्चिम की तरफ अंदर की तरफ स्थित एक जिला है, उज्जैन 23.17° उत्तर 75.79° पूर्व के बीच स्थित है, उज्जैन की समुद्रतल से ऊंचाई ५५९ मीटर है, उज्जैन भोपाल से 220 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम की तरफ राजकीय राजमार्ग 18 पर है और देश की राजधानी दिल्ली से 847 किलोमीटर दक्षिण की तरफ राष्ट्रिय राजमार्ग 48 पर है।
उज्जैन के पडोसी जिले
उज्जैन के उत्तर में अगर मालवा जिला है, उत्तर पूर्व में से पूर्व तक शाजापुर जिला है, दक्षिण पश्चिम में देवास जिला है, दक्षिण में इंदौर जिला है, दक्षिण पश्चिम में धार जिला है और पश्चिम से उत्तर पश्चिम तक रतलाम जिला है।
Information about Ujjain in Hindi
नाम | उज्जैन |
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मुख्यालय | उज्जैन |
प्रशासनिक प्रभाग | उज्जैन डिवीजन |
राज्य | मध्य प्रदेश |
क्षेत्रफल | 6,091 किमी 2 (2,352 वर्ग मील) |
जनसंख्या (2011) | 1,986,597 |
पुरुष महिला अनुपात | 954 |
विकास | 16.11% |
साक्षरता दर | 73.55% |
जनसंख्या घनत्व | 330 / किमी 2 (840 / वर्ग मील) |
ऊंचाई | 559 मीटर (1,834 फीट) |
अक्षांश और देशांतर | 23.17° उत्तर 75.79° पूर्व |
एसटीडी कोड | +91-0734′ |
पिन कोड | 456001 to 456010 |
संसद के सदस्य | 1 |
विधायक | 7 |
उपमंडल | 5 |
तहसील | 7 |
खंडों की संख्या | 6 |
गांवों की संख्या | 1109 |
रेलवे स्टेशन | उज्जैन रेलवे स्टेशन |
बस स्टेशन | हाँ |
एयर पोर्ट | इंदौर हवाई अड्डा |
डिग्री कॉलेजों की संख्या | 35 |
अंतर कॉलेजों की संख्या | 80 |
प्राथमिक विद्यालय (पूर्व-प्राथमिक को शामिल करना) | 1650 |
मध्य विद्यालय | 650 |
अस्पताल | 1 |
नदी (ओं) | शिप्रा |
उच्च मार्ग | SH-18, NH-48 |
आधिकारिक वेबसाइट | http://ujjain.nic.in |
बैंक | 14 |
प्रसिद्ध नेता (ओं) | NA |
आरटीओ कोड | MP-13 |
स्थानीय परिवहन | बस, टैक्सी आदि |
उज्जैन का नक्शा मानचित्र मैप
गूगल मैप द्वारा निर्मित उज्जैन का मानचित्र, इस नक़्शे में उज्जैन के महत्वपूर्ण स्थानों को दिखाया है
उज्जैन जिले में कितनी तहसील ब्लॉक और उपमंडल है
उज्जैन जिले में प्रशासनिक विभाजन उपमंडल, तहसील के साथ साथ खंड (ब्लॉक) में भी किया गया है, इनके मुख्य अधिकारी SDM, तहसीलदार और खंड विकास अधिकारी (BDO यानि की ब्लॉक डेवलपमेंट अफसर ) होता है, उज्जैन जिले में 5 उपमंडल है जो की उज्जैन, महिदपुर, तराना, बड़नगर, खाचरोद जिले में 7 तहसीलें है जो की उज्जैन, घटिया, महिदपुर, तराना, बड़नगर, खाचरोद और नागदा & जिले में 6 ब्लॉक या खंड है उज्जैन, घटिया, महिदपुर, तराना, बड़नगर, खाचरोद है।
उज्जैन जिले में विधान सभा और लोकसभा की सीटें
उज्जैन जिले में 7 विधान सभा क्षेत्र है, नागदा-खाचरोद, महिदपुर, तराना, घटिया, उज्जैन दक्षिण, उज्जैन उत्तर, बड़नगर और ये सभी विधानसभा सीटें उज्जैन लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा हैं।
उज्जैन जिले में कितने गांव है
उज्जैन जिले में 611 पंचायतों के अंदर आने वाले 1109 गांव है ।
उज्जैन का इतिहास
उज्जैन जिले का इतिहास काफी भव्य और विद्धुता पूर्ण रहा है, उज्जैन का इतिहास कायथा सभ्यता के काल से जुड़ा हुआ है, जो की २००० ईसा पूर्व में थे, इतिहासकारो के मतानुशार उज्जैन एक बार लोह युग में ध्वस्त हो चुकी थी, इसके बाद ये पुनर्जीवित हुयी जब इसे अवन्ति राज्य की राजधानी बनाया गया था , और धीरे धीरे उज्जैन का उथ्थान मालवा भूखंड के अंदर राजनयिक, वयवसायिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में होने लगा था
वास्तविक उज्जैन क्षिप्रा नदी के किनारे बने हुए ग्रह कालिका पर्वत श्रंखला के आस पास था जो की वर्तमान समय में उज्जैन का एक उपनगर है, मौर्या काल में उज्जैन का महत्त्व और ज्यादा बढ़ गया था क्युकी बिन्दुसार ने उज्जैन पर विजय प्राप्त करके इसे मगध साम्राज्य में मिला लिया था, इसलिए सिक्को की धालयी, टेराकोटा रिंग इत्यादि काम यहाँ पर होते थे।
उज्जैन पर कई राजवंशो ने राज किया था जिनमे से शुंग, पश्चिमी सत्रपस, सातवाहन, गुप्त और परमार राजवंश प्रमुख है परन्तु १८वी शताब्दी में उज्जैन सिंधिया जो की मराठा थे उसकी [राणोजी सिंधीआ] कुछ समय के लिए राजधानी बनी परन्तु उसके बाद के लोग अपनी राजधानी ग्वालियर ले आये क्युकी होल्कर लोगो ने १८ जुलाई १८०१ को सिंधिया लोगो को हरा दिया था।
उज्जैन अंग्रेजो के समय में भी रियासत का रूप नहीं ले पायी थी क्युकी यहाँ पर कोई उत्तराधिकारी नहीं थे इसलिए ये महज एक व्यापारिक और धार्मिक शहर ही बना रहा, जब मध्य भारत का गठन हुआ तो अपने प्राकृतिक करने से इसे मध्य भारत में जोड़ा गया परन्तु जब १९५९ में मध्य प्रदेश बना तो इसे एक जिले के रूप में मध्य प्रदेश में जोड़ दिया गया था।
उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर
महाकालेश्वर मंदिर भारत के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है, इस मंदिर में भगवान शिव दक्षिणमुखी होने के कारण इसकी अत्यन्त पुण्यदायी महत्ता है, यहाँ पर मंगल नाथ जी का मंदिर है जहा पर उज्जैन में मंगलनाथ पूजा होती है, जबकि महाकालेश्वर उज्जैन में कालसर्प दोष निवारण पूजा होती है, वैसे तो उज्जैन नगरी में बहुत से विद्वान पंडित है जिनसे आप संपर्क अवश्य कर सकते है।