टिहरी गढ़वाल जिला उत्तराखंड में गढ़वाल मंडल का एक जिला है, जिसका मुख्यालय टिहरी नगर है, जिले में ६ विधान सभा क्षेत्र, ७ तहसीलें और ९ ब्लॉक्स है और १७८६ गांव है।
टिहरी गढ़वाल जिले का क्षेत्रफल ४०८० वर्ग किलोमीटर है और २०११ की जनगणना के अनुसार टिहरी गढ़वाल जी जनसँख्या ६०४७४७ और जनसँख्या घनत्व १४८ व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है, टिहरी गढ़वाल जिले की साक्षरता ७६% है और महिला पुरुष अनुपात १०७८ महिलाये प्रति १००० पुरुषो पर है और २००१ से २०११ के बीच जनसँख्या विकास दर २% रही है।
टिहरी गढ़वाल भारत में कहाँ पर है
टिहरी गढ़वाल भारत के राज्य उत्तराखण्ड में उत्तर पश्चिमी भाग की तरफ है, इसके अक्षांस और देशांतर क्रमशः ३० डिग्री ३८ मिनट उत्तर से ७८ डिग्री ४८ मिनट पूर्व की तरफ है, टिहरी गढ़वाल के भूतल की ऊंचाई १७५० मीटर है, टिहरी गढ़वाल उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून से १५६ किलोमीटर पूर्व की तरफ है और भारत की राजधानी दिल्ली से ३६० किलोमीटर उत्तर पूर्व की तरफ है।
टिहरी गढ़वाल के पडोसी जिले
टिहरी गढ़वाल के उत्तर में उत्तरकाशी जिला है, पूर्व में रुद्रप्रयाग जिला है, दक्षिण में पौड़ी गढ़वाल है और पश्चिम में देहरादून है
Information about Tehri Garhwal in Hindi
नाम | टिहरी गढ़वाल |
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राज्य | उत्तराखंड |
क्षेत्र | 4,080 किमी (1,580 वर्ग मील) |
टिहरी गढ़वाल की जनसंख्या | 604,747 |
अक्षांश और देशांतर | 30.3012 डिग्री नं, 78.5661 डिग्री ई |
टिहरी गढ़वाल का एसटीडी कोड | 1376 |
टिहरी गढ़वाल का पिन कोड | 24 9 001 |
जिला मजिस्ट्रेट (डीएम कलेक्टर) | श्रीमती दीपा सिंह बागई, |
पुलिस अधीक्षक (एसपी / एसएसपी) | श्री कुमारी। बांगियल (एसपी) |
मुख्य विकास अधिकारी | श। शिव चरण द्विवेदी |
मुख्य चिकित्सा अधिकारी | सचिन कुर्वे |
संसद के सदस्य | माला राज्य लक्ष्मी शाह |
विधायक | दिनेश धनाई |
उपखंडों की संख्या | 2 |
तहसील की संख्या | 7 |
गांवों की संख्या | 18 9 8 |
रेलवे स्टेशन | ऋषिकेश रेलवे स्टेशन |
बस स्टेशन | बस सेवा रुक्षिकेश |
टिहरी गढ़वाल में एयर पोर्ट | जॉली ग्रांट हवाई अड्डे |
टिहरी गढ़वाल में होटल की संख्या | 103 |
डिग्री कॉलेजों की संख्या | 3 |
अंतर कॉलेजों की संख्या | 2 |
मेडिकल कॉलेजों की संख्या | 5 |
इंजीनियरिंग कॉलेजों की संख्या | 13 |
तकनीकी केंद्र में ग्रामीण गढ़वाल | 1 |
टिहरी गढ़वाल में मॉल | 15 |
टिहरी गढ़वाल में अस्पताल | 1 |
टिहरी गढ़वाल में विवाह हॉल | 2 |
नदी (ओं) | भागीरथी और भिलंगना |
उच्च मार्ग | राष्ट्रीय राजमार्ग 58 |
ऊंचाई | 1,326 मीटर (4,350 फीट) |
घनत्व | 148 / किमी (380 / वर्ग मील) |
आधिकारिक वेबसाइट | Http://tehri.nic.in/ |
साक्षरता दर | 75.10% |
बैंक | बैंक ऑफ बड़ौदा, कोटक महिंद्रा बैंक, यूको बैंक, स्टेट बैंक, कॉरपोरेशन बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक, आंध्र बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, ओरिएंटल बैंक, इलाहाबाद बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक |
प्रसिद्ध नेता (ओं) | विमला बहुगुणा |
राजनीतिक दलों | कांग्रेस, भाजपा, बसपा, राकांपा, सपा |
आरटीओ कोड | यूके -09 |
आधार कार्ड केंद्र | 1 |
स्थानीय परिवहन | गाड़ियों, बस, कार और उड़ान |
मीडिया | समाचार पत्र, ग्रामीण / शहरी होने के रेडियो, ट्रांजिस्टर, मीडिया, टेलीविजन |
विकास | 1.93% |
यात्रा स्थलों | धनाल्टी, टिहरी बांध, बद्रीनाथ, चंबा, उत्तरकाशी, कानाताल, नरेन्द्रनगर, देवप्रयाग, घट्टू, बुडा केदार, सेम मुंहम मंदिर, गौतम ऋषि के मंदिर, |
आयुक्त | ना |
टिहरी गढ़वाल़ का नक्शा मानचित्र मैप
गूगल मैप द्वारा निर्मित टिहरी गढ़वाल़ का मानचित्र, इस नक़्शे में टिहरी गढ़वाल़ के महत्वपूर्ण स्थानों को दिखाया गया है
टिहरी गढ़वाल़ जिले में कितनी तहसील है
टिहरी गढ़वाल जिले में ७ तहसीलें है, जिनके नाम 1. देवप्रयाग 2. धनोल्टी 3. घनसली 4. जाखणीधार 5. नरेंद्रनगर 6. प्रतापगर और 7. टिहरी है , इन सातों तहसीलों में देवप्रयाग सबसे बड़ी तहसील है और जाखड़ीधार सबसे छोटी तहसील है।
टिहरी गढ़वाल़ जिले में विधान सभा की सीटें
टिहरी गढ़वाल में ६ लोक सभा क्षेत्र है जिनके नाम घनसली (एससी), देवप्रयाग, नरेंद्र नगर, प्रताप नगर, टिहरी और धनोलती।
टिहरी गढ़वाल़ जिले में कितने गांव है
टिहरी गढ़वाल जिले में १७८६ गांव है जो की ७ तहसीलों में है, जिनकी संख्या तहसील के नाम के अनुसार इस प्रकार से है 1. देवप्रयाग तहसील में ३५३ गांव है, 2. धनोल्टी में २६३ गांव है, 3. घनसली तहसील में २८६ गांव है, 4. जाखणीधार में १३५ गांव है 5. नरेंद्रनगर तहसील में २५४ गांव है, 6. प्रतापगर में १५५ गांव है और 7. टिहरी तहसील में ३४० गांव है
टिहरी गढ़वाल़ में कितने ब्लॉक है
पौड़ी गढ़वाल जिले में 9 ब्लॉक है, जिनके नाम इस प्रकार से है भिलंगाना, चंबा, देवप्रयाग, जाखनिधर, जौनपुर, किर्तीनगर, नरेंद्रनगर, प्रतापनगर और थौलदार
Tehri Garhwal History in Hindi
टेहरी गढ़वल का इतिहास, सन ८८८ से पूर्व यह क्षेत्र ५२ गढ़ो में विभाजित था और जहाँ एक स्वतंत्र राजा राज्य करता था, इन सभी गढ़ो को एक राज्य का रूप मालवा के राजकुमार, कनकपाल ने दिया, जब वह बद्रीनाथ दर्शन के लिए आये और यहाँ के राजा से भानु प्रताप से मिले, कनकपाल की शादी बाद में भानुप्रताप की पुत्री से हुयी और सभी गढ़ उनको मिल गए, कनकपाल और उनके वंशजो ने अगले ९१५ सालो तक राज किया, यानि की १८०३ तक।
२ दिसम्बर १८१५ को सुगौली की संधि के बाद यह क्षेत्र अंग्रजो के अधीन आ गया, अंग्रेजो ने कुमाऊं, देहरादून और ईस्ट गढ़वाल को मिलकर उसको ब्रिटिश राज्य के अधीन लाये, जबकि पश्चिमी गढ़वाल का क्षेत्र सुदर्शन शाह को दे दिया।
१९४७ को देश आजाद हुआ और अगस्त १९४९ को टेहरी रियासत उत्तर प्रदेश का हिस्सा बन गया, तब यह रुद्रप्रयाग का हिस्सा था, १९६० में इसको एक जिला बना दिया गया