पौड़ी गढ़वाल उत्तराखंड

पौड़ी गढ़वाल जिला उत्तराखण्ड के गढ़वाल मण्डल में आता है, जिले में २ लोक सभा सीट, ८ तहसीलें और ५ विधानसभा क्षेत्र है। पौड़ी गढ़वाल जिले का मुख्यालय पौड़ी नगर है, यहाँ की आधिकारिक भाषा हिंदी और गढ़वाली है।

पौड़ी गढ़वाल जिले का क्षेत्रफल ५३९९ वर्ग किलोमीटर है और २०११ की जनगणना के अनुसार पौड़ी गढ़वाल की जनसँख्या ६९७०७८ और जनसँख्या घनत्व १२९ व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है, साक्षरता ८२% और महिला पुरुष अनुपात ११०३ महिलाये प्रति १००० पुरुष, २००१ से २०११ के बीच की जनसँख्या विकास दर नकारत्मक रही है जो की -१.५१% रही है।

पौड़ी गढ़वाल जिला कहाँ पर है

पौड़ी गढ़वाल जिला उत्तराखण्ड के पश्चिमी भाग में है, जसके अक्षांस और देशांतर २९ डिग्री ५० मिनट उत्तर से ७८ डिग्री ४५ मिनट पूर्व तक है, समुद्रतल से पौड़ी गढ़वाल के भूतल की ऊंचाई १८१४ मीटर है, दिल्ली से पौड़ी गढ़वाल ३०० किलोमीटर उत्तर पूर्व की तरफ है, देहरादून से पौड़ी गढ़वाल १७८ किलोमीटर दक्षिण पूर्व में है।

पौड़ी गढ़वाल जिले के पडोसी जिले

पौड़ी गढ़वाल जिले के उत्तर में रुद्रप्रयाग जिला है, पूर्व में चमोली और अल्मोड़ा है, दक्षिण में नैनीताल और बिजनोर है, पश्चिम में हरिद्वार और पश्चिमोत्तर में देहरादून और टेहरी गढ़वाल जिले है।

Information about Pauri Garhwal in Hindi

नाम पौड़ी गढ़वाल
राज्य उत्तराखंड
क्षेत्र 5,39 9 किमी²
पौड़ी गढ़वाल की जनसंख्या 24,742
अक्षांश और देशांतर 29.8688 डिग्री नं, 78.8383 डिग्री ई
पौड़ी गढ़वाल का एसटीडी कोड 1346
पिनरी गढ़वाल का पिन कोड 246001
जिला मजिस्ट्रेट (डीएम कलेक्टर) श्री हरीश चंद्र जोशी
पुलिस अधीक्षक (एसपी / एसएसपी) श्री अजय रौतेला (एसपी)
मुख्य विकास अधिकारी ना
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ। मनीष अग्रवाल
संसद के सदस्य भुवन चंद्र खंडूरी
विधायक सुश्री विजय बर्थवाल
उपखंडों की संख्या ना
तहसील की संख्या 9
गांवों की संख्या 843
रेलवे स्टेशन कोटद्वार रेलवे स्टेशन
बस स्टेशन बस स्टेशन पौड़ी
पवारी गढ़वाल में एयर पोर्ट जॉली ग्रांट हवाई अड्डे
पवारी गढ़वाल में होटल की संख्या 8
डिग्री कॉलेजों की संख्या 7
अंतर कॉलेजों की संख्या 1 1
मेडिकल कॉलेजों की संख्या 2
इंजीनियरिंग कॉलेजों की संख्या 1
पौड़ी गढ़वाल में कंप्यूटर केंद्र 4
पौड़ी गढ़वाल में मॉल 1
पौड़ी गढ़वाल में अस्पताल 2
पौड़ी गढ़वाल में मैरेज हॉल 2
नदी (ओं) मंदाकिनी
उच्च मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग 58
ऊंचाई 1,814 मी (5, 9 51 फुट)
घनत्व 12 9 / किमी 2 (330 / वर्ग मील)
आधिकारिक वेबसाइट Http://pauri.nic.in/
साक्षरता दर 80%
बैंक बैंक ऑफ बड़ौदा, कोटक महिंद्रा बैंक, यूको बैंक, स्टेट बैंक, कॉरपोरेशन बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक, आंध्र बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, ओरिएंटल बैंक, इलाहाबाद बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक
प्रसिद्ध नेता (ओं) हेमवती नंदन बहुगुणा
राजनीतिक दलों कांग्रेस, भाजपा, बसपा, राकांपा, सपा
आरटीओ कोड ब्रिटेन -12
आधार कार्ड केंद्र 8
स्थानीय परिवहन गाड़ियों, बस, कार और उड़ान
मीडिया समाचार पत्र, ग्रामीण / शहरी होने के रेडियो, ट्रांजिस्टर, मीडिया, टेलीविजन
विकास 1.51%
यात्रा स्थलों खुरसु, कंडोलीय मंदिर, चौखंबा देखें प्वाइंट, क्युनकलेश्वर महादेव मंदिर, तारा कुंड
आयुक्त श्री हरीश चंद्र जोशी

 

पौड़ी गढ़वाल का नक्शा मानचित्र मैप


गूगल मैप द्वारा निर्मित पौड़ी गढ़वाल का मानचित्र, इस नक़्शे में पौड़ी गढ़वाल के महत्वपूर्ण स्थानों को दिखाया गया है

पौड़ी गढ़वाल जिले में कितनी तहसील है

पौड़ी गढ़वाल में 8 तहसीलें है पौड़ी, लैंसडाऊन, कोटद्वार, थैलीसैण, धुमाकोट, श्रीनगर, सतपुली और चौबट्टाखाल

पौड़ी गढ़वाल जिले में विधान सभा की सीटें

पौड़ी गढ़वाल में ५ विधानसभा क्षेत्र है, विधान सभा सीटों के नाम 1. पौड़ी (एससी) 2. श्रीनगर 3. चौबट्टखल 4. लांसडाउन और 5. कोटद्वार

पौड़ी गढ़वाल जिले में कितने गांव है

पौड़ी गढ़वाल जिले में 1200 गांव है जो की जिले की 8 तहसीलों में विभाजित है पौड़ी में १४० गांव, लैंसडाऊन में १६० गांव, कोटद्वार में १२० गांव , थैलीसैण में १८० गांव, धुमाकोट में १३५ गांव, श्रीनगर में १६५ गांव, सतपुली १७५ गांव और चौबट्टाखाल में १२५ गांव .

पौड़ी गढ़वाल में कितने ब्लॉक है

पौड़ी गढ़वाल जिले में १४ ब्लॉक है, जिनके नाम इस प्रकार से है कोट, कलजीखल (पौड़ी गढ़वाल में सबसे बड़ा ब्लॉक), पौड़ी, पाबु, बीरोनखल, द्विमुखी, दुग्दा, जयहरखल, एकेश्वर, रिक्खखखल, यमकेसवार, नैनीदंद, पोखरा, खिरसू

History of Pauri Garahwal in Hindi

मानवता का विकास बाकि भारत के साथ साथ यहाँ पर भी हुआ, यहाँ पर सबसे पहले जिस राजवंश ने शासन किया वो कुनिंदास राजवंश था, इसने छठी शतब्दी ईसा पूर्व में शासन किया, इसके बाद छ्ठी से १२वी शताब्दी के बीच कत्युरिस राजवंशो ने शासन किया, इसके बॉस यह क्षेत्र ६४ छोटे छोटे कबीलो में बट गया और उनके सरदार वहां पर राज करने लगे।

इनमे सबसे शक्तिशाली सरदार चंदपुरगढ़ का सरदार था, जिसने राजा जगतपाल के शासन काल में बहुत ख्याति अर्जित की, जगतपाल का वंशज कनकपाल और इनके वंसज अजयपाल हुए, अजयपाल ने ही चंदपुरगढ़ का नाम बदल कर गढ़वाल कर दिया।

अजयपाल और उसके वंशजो ने ३०० साल तक राज्य किया, इनका राज्य गोरख युद्ध के बाद ही समाप्त हुआ, और उसके बाद ये पूरा राज्य ब्रिटिश सर्कार के अधीन आ गया।

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