झालावाड़ जिला राजस्थान

झालावाड जिला, राजस्थान के ३३ जिलों में से एक है और ये कोटा मण्डल में आता है, झालावाड जिले का मुख्यालय झालावाड नगर में ही है, इस जिले का नाम झाला राजपूतो के कारन पड़ा था और ये १९४७ में कोटा जिले से कुछ तहसीलों को निकल कर बनाया गया था।

झालावाड़ जिले की जनसंख्या

झालावाड जिले का क्षेत्रफल ६९२८ वर्ग किलोमीटर है, २०११ की जनगणना के अनुसार झालावाड की जनसँख्या १४११३२७ है और जनसँख्या घनत्व २२७ व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है, झालावाड की साक्षरता ६२% है, महिला पुरुष अनुपात ९४५ महिलाये प्रति १००० पुरुष है और २००१ से २०११ के बीच जनसंख्या विकास दर २०% रही है।

झालावाड़ कितना किलोमीटर है

झालावाड भारत के पश्चिमी राज्य राजस्थान के दक्षिणी भाग में है, झालावाड के अक्षांस और देशांतर २४ डिग्री ५९ मिनट उत्तर से ७६ डिग्री १६ मिनट, झालावाड की समुद्र तल से ऊंचाई ३१२ मीटर है, जयपुर से झालावाड ३३६ किलोमीटर दक्षिण में है, दिल्ली से झालावाड ६०२ किलोमीटर दक्षिण में है।

झालावाड के पडोसी जिले

झालावाड के उत्तर में कोटा जिला है, पूर्वोत्तर में बारन जिला है, पूर्व से पश्चिम तक झालावाड मध्य प्रदेश के जिलों से घिरा हुआ है और मध्य प्रदेश के इन जिलों के नाम पूर्व से पश्चिम की ओर है गुना, राजगढ़, शाजापुर, रतलाम और मंदसौर जिले।

झालावाड़ जिले में

नाम झालावार
राज्य राजस्थान
क्षेत्र 6928 किमी²
झलावर की जनसंख्या 66, 9 1 9
अक्षांश और देशांतर 24.5 9 73 डिग्री नं, 76.1610 डिग्री ई
झलावर का एसटीडी कोड 7432
झलावार का पिन कोड 326001
जिला मजिस्ट्रेट (डीएम कलेक्टर) श्री ब्रह्माचरण
पुलिस अधीक्षक (एसपी / एसएसपी) राजेन्द्र सिंह
मुख्य विकास अधिकारी श्री वैभव गर्लिया
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अतुल तिवारी
संसद के सदस्य दुष्यंत सिंह
विधायक श्री कंवर लाल मीणा
उपखंडों की संख्या 7
तहसील की संख्या 9
गांवों की संख्या 160 9
रेलवे स्टेशन झलावर सिटी रेलवे स्टेशन
बस स्टेशन झालावार बस स्टेशन
झालावार में एयर पोर्ट राजा भोज हवाई अड्डे
झालावार में होटल की संख्या 6
डिग्री कॉलेजों की संख्या 1
अंतर कॉलेजों की संख्या 7
मेडिकल कॉलेजों की संख्या 3
इंजीनियरिंग कॉलेजों की संख्या 2
झालावार में कंप्यूटर केंद्र 32
जलावार में मॉल 3
झालावार में अस्पताल 31
झालावार में विवाह हॉल 2
नदी (ओं) पार्वती
उच्च मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग 12
ऊंचाई 312 मीटर (1,024 फीट)
घनत्व 227 व्यक्ति / वर्ग किलोमीटर
आधिकारिक वेबसाइट Http://www.jhalawar.rajasthan.gov.in/content/raj/jhalawar/en/home.html
साक्षरता दर 62.13%
बैंक आईसीआईसीआई बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, एक्सिस बैंक, सेंट्रल बैंक, स्टेट बैंक, एक्सिस बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा
प्रसिद्ध नेता (ओं) झला पृथ्वी सिंह
राजनीतिक दलों भाजपा, बसपा, सीपीआई, कांग्रेस
आरटीओ कोड आरजे 17
आधार कार्ड केंद्र 1
स्थानीय परिवहन टैक्सी, कार, बस, ट्रेन, हवाई अड्डे
मीडिया समाचार पत्र, ग्रामीण / शहरी होने के रेडियो, ट्रांजिस्टर, मीडिया, टेलीविजन
विकास 19.57%
यात्रा स्थलों गगन किले, पृथ्वी विलास पैलेस, भवानी नाट्य शाला, चंद्रभागा मंदिर, दिगंबर जैन मंदिर, मनोहर ठाणा किला, भीमसागर बांध, अतीश जैन मंदिर
आयुक्त राजेंद्र कुमार पारीक

 

झालावाड़ जिले का नक्शा


गूगल मैप द्वारा निर्मित झालावाड़ का मानचित्र, इस नक़्शे में झालावाड़ के महत्वपूर्ण स्थानों को दिखाया गया है

झालावाड़ जिले में कितनी तहसील है

झालावाड़ जिले में ७ तहसीलें है, इन ७ तहसीलों के नाम 1. अकलेरा 2. गंगधार 3. झालरापाटन 4. खानपुर 5. मनोहर थाना 6. पचपहाड़ और 7. पिरवा है, इन ७ तहसीलों में ग्रामो की संख्या के आधार पर झालरापाटन तहसील है और पचपहाड़ तहसील सबसे छोटी तहसील है।

झालावाड़ जिले में विधान सभा की सीटें

झालावाड़ जिले में ३ विधान सभा क्षेत्र है इन विधानसभा सीटों के नाम 1. झालरापाटन 2. खानपुर 3. मनोहर थाना , इन तीनो विधानसभा क्षेत्रो में कोई भी सीट अनुसूचित जाती या जनजाति के लिए आरक्छित नहीं है।

झालावाड़ जिले में कितने गांव है

झालावाड़ जिले में १५२८ गांव है जो की जिले की इन ७ तहसीलों के अंदर आते है, इन ग्रामो की संख्या तहसीलों के नाम के साथ इस प्रकार से है 1. अकलेरा में २५३ गांव है. 2. गंगधार तहसील में १८६ गांव है, 3. झालरापाटन में ३५२ गांव है, 4. खानपुर तहसील में २०४ गांव है, 5. मनोहर थाना में १८६ गांव है, 6. पचपहाड़ तहसील में १३६ गांव है और 7. पिरवा में २११ गांव है

झालावाड का इतिहास

झालावाड राजस्थान राज्य में स्थित झालावाड़ जिला का मुख्यालय है। यह झालावाड के हाडौती क्षेत्र का हिस्सा है। झालावाड के अलावा कोटा, बारां एवं बूंदी हाडौती क्षेत्र में आते हैं। राजस्थान के झालावाड़ ने यात्री की वजह से अपनी एक अलग पहचान बनाई है। राजस्थान की कला और संस्कृति को संजोए यह शहर अपने खूबसूरत सरोवरों, किला और मंदिरों के लिए जाना जाता है। झालावाड़ की नदियां और सरोवर इस क्षेत्र की दृश्यावली को भव्यता प्रदान करते हैं। यहां अनेक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल भी हैं, जो पर्यटकों को अपनी ओर खींचने में कामयाब होते हैं। इन दोनों शहरों की स्थापना 18वीं शताब्दी के अन्त में झाला राजपूतों द्वारा की गई थी। इसलिए इन्हें जुड़वा शहरभी कहा जाता है। इन दोनों शहरों के बीच 7 किमी की दूरी है। यह दोनों शहर झाला वंश के राजाओं की समृद्ध रियासत का हिस्सा था।

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