हजारीबाग जिला झारखंड के जिलों में एक जिला है, हजारीबाग जिला, उत्तरी छोटा नागपुर मंडल के अंतर्गत आता है और इसका मुख्यालय हज़ारीबाग में है, जिले में 2 उपमंडल है, 16 उप खंड और 5 विधान सभा क्षेत्र जो की हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र में आता है, 1337 ग्राम है और 257 ग्राम पंचायते है।
हजारीबाग जिला
हजारीबाग जिले का क्षेत्रफल 4,313 वर्ग किलोमीटर है, और २०११ की जनगणना के अनुसार हजारीबाग की जनसँख्या 1,734,005 और जनसँख्या घनत्व ४०३/km2 व्यक्ति [प्रति वर्ग किलोमीटर] है, हजारीबाग की साक्षरता 70.48% है, महिला पुरुष अनुपात यहाँ पर 946 महिलाये प्रति १००० पुरुषो पर है, जिले की जनसँख्या विकासदर २००१ से २०११ के बीच 25.48 % रहा है।
हजारीबाग भारत में कहाँ पर है
हजारीबाग जिला भारत के राज्यो में पूर्व की तरफ की अंदर की तरफ स्थित झारखंड राज्य में है, हजारीबाग जिला झारखंड के उत्तर भाग का जिला है इसीलिए इसके उत्तर पश्चिम में बिहार राज्य है और हजारीबाग 23 डिग्री 98 ‘और 24 डिग्री 8’ उत्तर अक्षांश और 85 डिग्री 35 ‘ पूर्वी देशांतर के बीच स्थित है, हजारीबाग की समुद्रतल से ऊंचाई 610 मीटर है, हजारीबाग रांची से 96 किलोमीटर उत्तर पूर्व की तरफ है और देश की राजधानी दिल्ली से 1145 किलोमीटर दक्षिण पूर्व की तरफ ही है।
हजारीबाग के पडोसी जिले
हजारीबाग के उत्तर पश्चिम में बिहार के जिले है जो की गया जिला, उत्तर में कोडरमा जिला है, पूर्व में गिरिडीह जिला है, दक्षिण पूर्व में बोकारो जिला है दक्षिण में रामगढ जिला, दक्षिण पश्चिम में रांची जिला है और पश्चिम में चतरा जिला है ।
Information about Hazaribagh in Hindi
नाम | हजारीबाग |
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मुख्यालय | उत्तर छोटा नागपुर मंडल |
प्रशासनिक प्रभाग | हजारीबाग |
राज्य | झारखंड |
क्षेत्रफल | 4,313 km2 (1,665 वर्ग मील) |
जनसंख्या (2011) | 1,734,005 |
पुरुष महिला अनुपात | 946 |
विकास | 25.75% |
साक्षरता दर | 70.48% |
जनसंख्या घनत्व | 403 / km2 (1040 / वर्ग मील) |
ऊंचाई | 610 मी (2000 फुट) |
अक्षांश और देशांतर | 23.98°N 85.35°E |
एसटीडी कोड | 06546 ‘ |
पिन कोड | 825301 |
संसद के सदस्य | 1 |
विधायक | 5 |
उप मंडल की संख्या | 3 |
खंडों की संख्या | 16 |
गांवों की संख्या | 1337 |
रेलवे स्टेशन | हजारीबाग रेलवे स्टेशन |
बस स्टेशन | हाँ |
एयर पोर्ट | बिरसा मुंडा हवाई अड्डा रांची (91 किमी) |
डिग्री कॉलेजों की संख्या | 11 |
अंतर कॉलेजों की संख्या | 23 |
प्राथमिक विद्यालय (पूर्व-प्राथमिक को शामिल करना) | 98 |
मध्य विद्यालय | 14 |
अस्पताल | 2 |
नदी (ओं) | कोनार नदी |
उच्च मार्ग | राष्ट्रीय राजमार्ग 33 |
आधिकारिक वेबसाइट | http://hazaribag.nic.in/ |
बैंक | 11 |
प्रसिद्ध नेता (ओं) | Yashwant Sinha |
आरटीओ कोड | JH 09 |
स्थानीय परिवहन | बस, टैक्सी आदि |
हजारीबाग का नक्शा मानचित्र मैप
गूगल मैप द्वारा निर्मित हजारीबाग का मानचित्र, इस नक़्शे में हजारीबाग के महत्वपूर्ण स्थानों को दिखाया हजारीबाग है
हजारीबाग जिले में कितनी तहसील है
हजारीबाग जिले में प्रशासनिक विभाजन तहसील के बजाये 16 ब्लॉक में किया गया है, इसका मुख्य अधिकारी भी ब्लॉक विकास अधिकारी होता है, इन ब्लॉक का नाम बारि, बड़कागौन, बरकाथा, बिसहुंघढ़, चालाकुशा, चेउपर्न, चर्चू, दडी, दारू, इचकक, काटकम्दाग, काटकमेसंदि, केरदारी, पादमा, सदर और तातियाजिया है।
हजारीबाग जिले में विधान सभा की सीटें
हजारीबाग जिले में 5 विधान सभा क्षेत्र है, जिनके नाम बरकाथा, बरही, बरकागांव, मंडू और हजारीबाग ये सभी हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा हैं।
हजारीबाग जिले में कितने गांव है
हजारीबाग जिले में 1337 गांव है 257 ग्राम पंचायतों के माध्यम से संचालित किये जाते, ग्राम पंचायतो के ऊपर खंड होती है, जो की जिले में 16 है ।
हजारीबाग का इतिहास
हजारीबाग का इतिहास व्यक्तिगत रूप से ज्यादा पुराना नहीं है, क्युकी बिहार और झारखण्ड के बनाये जाने से पहले भी हजारीबाग का अपना अस्तित्व नहीं था ये एक घने जंगलो का भाग था जिसमे जयत्र आदिवासी लोग रहते थे, और जो अपने अधिकारों के लिए सदैव सतर्क रहते थे। हजारीबाग का अपना इतिहास नहीं है वल्कि इसका इतिहास छोटा नागपुर के इतिहास में ही जुड़ा हुआ है।
हजारीबाग के इतिहास में अगर देखे तो भारत या बिहार में हुए राजनैतिक उथल पुथल का हजारीबाग पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा, जैसे १५२६ का तुर्को अफगान काल, १५५६ अकबर काल, बस जब अकबर ने १५८५ में छोटा नागपुर के राजा को अपने अधीन करने की कशिश की गयी तब ये क्षेत्र प्रभावित हुआ और राजा को १६१६ में नूरजहां के भाई और बिहार के गवर्नर ने हरा दिया और बनादि बना लिया, १२ साल के बाद उसे आजाद किया गया वो भी राजा की योग्यता के कारण, उन्होंने नकली हीरे में से असली हीरा देख कर बता दिया था।
१६३२ में छोटानागपुर की जागीर बिहार के गवर्नर को दे दी गयी १३६००० वार्षिक कर पर, इसे जिले की मान्यता अंग्रेजो के शासन काल में दी गयी थी, १८८८ में, उस से ये अभूत बड़ा जिला था, आज़ादी के बाद से इसका स्वरुप बहुत बदल गया है और वर्तमान स्वरुप १९७६ में गिरडीह जिला निकला गया,१९९९ में इससे चतरा और कोडरमा निकाले गए, १५ नवंबर २००० को जब बिहार से झारखण्ड अलग हुआ तो ये झारखण्ड में आ गया, फिर भी १२ सितंबर २००७ में हजारीबाग से एक और जिला निकाला गया जो की रामगढ जिला है।