ग्वालियर जिला मध्य प्रदेश के जिलों में एक जिला है, ग्वालियर जिला, ग्वालियर मंडल के अंतर्गत आता है और इसका मुख्यालय ग्वालियर में है, जिले में 3 उपमंडल या उपखण्ड है, 4 तहसील है, 6 विधान सभा क्षेत्र जो की ग्वालियर लोकसभा के अंतर्गत आती है, 417 ग्राम है और 715 ग्राम पंचायते भी है ।
ग्वालियर जिला
ग्वालियर जिले का क्षेत्रफल 35214 वर्ग किलोमीटर है, और २०११ की जनगणना के अनुसार ग्वालियर की जनसँख्या 12030543 और जनसँख्या घनत्व 380/km2 व्यक्ति [प्रति वर्ग किलोमीटर] है, ग्वालियर की साक्षरता 77.93% है, महिला पुरुष अनुपात यहाँ पर 862 महिलाये प्रति १००० पुरुषो पर है, जिले की जनसँख्या विकासदर २००१ से २०११ के बीच 24.41 % रहा है।
ग्वालियर भारत में कहाँ पर है
ग्वालियर जिला भारत के राज्यो में एकदम मध्य में स्थित मध्य प्रदेश राज्य में है, ग्वालियर जिला मध्य प्रदेश के उत्तरी छोर पर अंदर की तरफ स्थित एक जिला है, ग्वालियर 26.22 ° उत्तरी अक्षांस से 78.17° पूर्व देशांतर के बीच स्थित है, ग्वालियर की समुद्रतल से ऊंचाई 211 मीटर है, ग्वालियर भोपाल से 448 किलोमीटर उत्तर की तरफ राष्ट्रिय राजमार्ग 44 पर है और देश की राजधानी दिल्ली से 350 किलोमीटर दक्षिण की तरफ ही और ये यमुना एक्सप्रेस वे से भी जा सकते है।
ग्वालियर के पडोसी जिले
ग्वालियर के उत्तर में मोरेना जिला, उत्तर पूर्व में भिंड जिला है, पूर्व में दतिआ जिला है, दक्षिण में शिवपुरी जिला है और पश्चिम में शेओपुर जिला है ।
Information about Gwalior in Hindi
नाम | ग्वालियर |
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मुख्यालय | ग्वालियर |
प्रशासनिक प्रभाग | ग्वालियर डिवीजन |
राज्य | मध्य प्रदेश |
क्षेत्रफल | 5,214 किमी 2 (2,013 वर्ग मील) |
जनसंख्या (2011) | 2,030,543 |
पुरुष महिला अनुपात | 862 |
विकास | 24.41% |
साक्षरता दर | 77.93% |
जनसंख्या घनत्व | 390 / किमी 2 (1,000 / वर्ग मील) |
ऊंचाई | 211 मीटर (692 फीट) |
अक्षांश और देशांतर | 26.221521 ° उत्तर 78.178024 ° पूर्व |
एसटीडी कोड | +91-0751′ |
पिन कोड | 474001 to 474055 (HPO) |
संसद के सदस्य | 1 |
विधायक | 6 |
उप मंडल की संख्या | 3 |
खंडों की संख्या | 4 |
गांवों की संख्या | NA |
रेलवे स्टेशन | ग्वालियर रेलवे स्टेशन |
बस स्टेशन | हाँ |
एयर पोर्ट | ग्वालियर हवाई अड्डा |
डिग्री कॉलेजों की संख्या | 35 |
अंतर कॉलेजों की संख्या | 80 |
प्राथमिक विद्यालय (पूर्व-प्राथमिक को शामिल करना) | 1650 |
मध्य विद्यालय | 650 |
अस्पताल | 1 |
नदी (ओं) | NA |
उच्च मार्ग | NH-3, NH-75 |
आधिकारिक वेबसाइट | http://gwalior.nic.in/ |
बैंक | 14 |
प्रसिद्ध नेता (ओं) | NA |
आरटीओ कोड | MP-07 |
स्थानीय परिवहन | बस, टैक्सी आदि |
ग्वालियर का नक्शा मानचित्र मैप
गूगल मैप द्वारा निर्मित ग्वालियर का मानचित्र, इस नक़्शे में ग्वालियर के महत्वपूर्ण स्थानों को दिखाया है
ग्वालियर जिले में कितनी तहसील है
ग्वालियर जिले में प्रशासनिक विभाजन तहसील के साथ साथ उपखंड में भी किया गया है, इनके मुख्य अधिकारी तहसीलद्र और SDM होता है, ग्वालियर जिले में 3 उपखंड ग्वालियर, भितरवार और डबरा & मोरार, बरई, भितरवार और डबरा 4 तहसील है।
ग्वालियर जिले में विधान सभा और लोकसभा की सीटें
ग्वालियर जिले में 6 विधान सभा क्षेत्र है, 1. ग्वालियर रूरल 2. ग्वालियर 3. ग्वालियर ईस्ट 4. ग्वालियर साउथ 5. भितरवार और 6. डबरा और ये सभी विधानसभा सीटें ग्वालियर लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा हैं।
ग्वालियर जिले में कितने गांव है
ग्वालियर जिले में 417 पंचायतों के अंदर आने वाले 715 गांव है ।
ग्वालियर का इतिहास
बरवानी का इतिहास बहुत भव्य और विस्तृत है, यह मौर्य काल से सम्बंधित है, इसके बाद मुगलो का भी या पर अतिक्रमण रहा, अंग्रेजो के समय में ये एक रियासत में बदल चुकी थी।
बरवानी के नाम का इतिहास
ग्वालियर का इतिहास महात्मा गालव से सम्बंधित है, प्राचीन काल में महर्षि गालव यहाँ पर तपस्या किया करते थे इसीकारण इस स्थान को गालव की भमि कहा जाने लगा, बात उस समय की जब ८वी शताब्दी में यहाँ पर सूरज सेन यहाँ पर राज करते थे और उनकी एक बीमारी हुयी जिसका उपचार इक सन्यासी ग्वालिपा ने किया था उनके ही नाम पर इस स्थान का नाम ग्वालियर पड़ गया।
ग्वालियर पर कई राजाओ ने राज किया परन्तु मुख्य रूप से स्थायी राज मरहटों यानि की मराठो का ही रहा है जो की ज्योतिरादित्य के पूर्वज थे, इनके पूर्वजो की सबसे ज्यादा ख्याति कलंकित रानी लक्ष्य बायीं से छल करने के कारन हुयी थी।
ग्वालियर का प्राचीन मध्य और आधुनिक इतिहास
६थि शताब्दी में ग्वालियर पर नन्द वंश का अधिपत्य था जिसका सूत्र संचलन पाटलिपुत्र से होता था, इसके बाद नाग वंश का अधिपत्य हुआ उसके बाद पाहवा वंश का और इस तरह से कई छुटपुट राजाओ के अधीन रहकर ग्वालियर ने अपनी गरिमा खो दी थी, इसलिए जब गौस मुहम्मद ने यहाँ पर हमला किया तो राजा उत्तर न दे सके है जो किला बना हुआ था सबने उसमे शरण ली और उस किले की रक्षा कर रहे थे परिहार वंश के वीर, इसके बाद १३७५ ईस्वी में तोमर वंश के राजा वीर सिंह ने यहाँ पर राज किया, और तानसेन जी यही के रहने वाले थे।
1857 के युद्ध में ग्वालियर
1857 के युद्ध में ग्वालियर ने अंग्रेजो का साथ दिया, इसके बाद सिंधिया मराठो के ऊपर अंग्रेजो का वरदहस्त आ गया था और इसलिए इसे एक सुरक्षित रियासत मन गया १९४७ तक, १९४८ में ग्वालियर को अन्य रियासतों की तरह भारत में मिला लिया गया और ३१ अक्टूबर १९५६ तक जीवाजीराव इस प्रदेश के राजप्रमुख बने रहे।