दुर्ग जिला छत्तीसगढ़ के 27 जिलों में एक जिला है, दुर्ग दुर्ग मण्डल का जिला है और इसका मुख्यालय दुर्ग में है। इस जिले में कोई उपमंडल नहीं है, 13 ब्लॉक है, 1798 गांव है, 1 लोक सभा सीट है और 10 विधान सभा क्षेत्र है ।
दुर्ग जिले का क्षेत्रफल 2238.36 वर्ग किलोमीटर है, और २०११ की जनगणना के अनुसार दुर्ग की जनसँख्या 17,21,726 और जनसँख्या घनत्व 391/km2 व्यक्ति [प्रति वर्ग किलोमीटर] है, दुर्ग की साक्षरता 79.95 % है, महिला पुरुष अनुपात यहाँ पर 988 महिलाये प्रति १००० पुरुषो पर है, जिले की जनसँख्या विकासदर २००१ से २०११ के बीच 18.98 % रहा है।
दुर्ग भारत में कहाँ पर है
दुर्ग जिला भारत के राज्यो में दक्षिण पूर्व की तरफ की अंदर की तरफ स्थित छत्तीसगढ़ राज्य में है, दुर्ग जिला छत्तीसगढ़ के केंद्रीय भाग का जिला है, दुर्ग 20 ° 54 ‘ से 21 ° 32’ तक उत्तर अक्षांश और 81 ° 10 ‘ से 81 ° 36’ तक पूर्वी देशांतर में स्थित है, दुर्ग की समुद्रतल से ऊंचाई 317 मीटर है, दुर्ग रायपुर से 39 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम की तरफ है और देश की राजधानी दिल्ली से 1247 किलोमीटर दक्षिण पूर्व की तरफ ही है।
दुर्ग के पडोसी जिले
दुर्ग के उत्तर में बेमेतरा जिला है, पूर्व में रायपुर जिला है, दक्षिण पूर्व में धमतरी जिला है, दक्षिण में बालोद जिला और पश्चिम में राजनांदगाव जिला है ।
Information about Durg in Hindi
नाम | दुर्ग |
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मुख्यालय | दुर्ग |
राज्य | छत्तीसगढ़ |
क्षेत्र | 2238.36 किमी 2 |
दुर्ग की जनसंख्या | 17,21,726 |
पुरुष महिला अनुपात | 988 |
विकास | 18.98 प्रतिशत |
साक्षरता दर | 79% |
घनत्व | 391 / किमी 2 |
ऊंचाई | 317 मीटर |
अक्षांश और देशांतर | 20 ° 54 ‘और 21 ° 32’ उत्तर लेटिट्यूड और 81 ° 10 ‘और 81 ° 36’ पूर्व |
एसटीडी कोड दुर्ग | 788 |
पिन कोड दुर्ग | 491001 |
जिला मजिस्ट्रेट (डीएम कलेक्टर) | आर। शेंजेता, आईएएस |
पुलिस अधीक्षक (एसपी / एसएसपी) | आनंद छाबड़ा आईपीएस |
मुख्य विकास अधिकारी | |
मुख्य चिकित्सा अधिकारी | डॉ। चित्तीन देबबर्मा |
संसद के सदस्य | श्री मोहनलाल साहू |
विधायक | श्रीमती रामशीला साहू |
उपखंडों की संख्या | 0 |
तहसील की संख्या | 13 |
गांवों की संख्या | 17 9 8 |
रेलवे स्टेशन | दुर्ग रेलवे स्टेशन |
बस स्टेशन | भिलाई दुर्ग बस |
दुर्ग में एयर पोर्ट | रायपुर हवाई अड्डा (54 किमी) |
दुर्ग में होटल की संख्या | 40 |
डिग्री कॉलेजों की संख्या | 265 |
अंतर कॉलेजों की संख्या | 45 |
मेडिकल कॉलेजों की संख्या | 7 |
इंजीनियरिंग कॉलेजों की संख्या | 22 |
दुर्ग में कंप्यूटर केंद्र | 32 |
दुर्ग में मॉल | 1 |
दुर्ग में अस्पताल | 31 |
दुर्ग में विवाह हॉल | 17 |
नदी (ओं) | Seonath नदी |
उच्च मार्ग | राष्ट्रीय राजमार्ग 6 |
आधिकारिक वेबसाइट | Http://durg.gov.in/ |
बैंक | भारतीय स्टेट बैंक, एक्सिस बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, आईडीबीआई बैंक, इंडसइंड बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, सिंडिकेट बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (यूबीआई), इलाहाबाद बैंक |
प्रसिद्ध नेता (ओं) | |
राजनीतिक दलों | भाजपा, बसपा, सीपीआई, सीपीएम, कांग्रेस, एनसीपी |
आरटीओ कोड | सीजी -7 |
आधार कार्ड केंद्र | 1 |
स्थानीय परिवहन | कार और बाइक, बस, |
मीडिया | राष्ट्रीय समाचार चैनल और कुछ रेडियो चैनल |
यात्रा स्थलों | मैत्री बाग, तंदूला बांध, शिव मंदिर, चंडी मंदिर, पश्वरनाथ तीर्थ, सीता मय्या मंदिर, उवासगढ़म परशव तीर्थ, सीआदेवी मंदिर, गंगा माया मंदिर, देवबबिजा मंदिर, कुकरदेव मंदिर |
आयुक्त | श्री आर पी जैन |
दुर्ग का नक्शा मानचित्र मैप
गूगल मैप द्वारा निर्मित दुर्ग का मानचित्र, इस नक़्शे में दुर्ग के महत्वपूर्ण स्थानों को दिखाया दुर्ग है
दुर्ग जिले में कितनी तहसील है
दुर्ग जिले में 13 ब्लॉक या तहसीलें है, इन तहसीलों के नाम इस प्रकार से है 1. बालोद 2. बेमेतरा 3. बेरला 4. धंधा 5. डोंडी 6. डोंडी लुहरा 7. दुर्ग 8. गुंडरदेही 9. ग़ुरूर 10. नवग्रह 11. पतन 12. सजा 13. थानखंड़िए।
दुर्ग जिले में विधान सभा की सीटें
दुर्ग जिले में 11 विधान सभा सीट है, इस 11 विधान सभा क्षेत्रो के नाम इस प्रकार से है, 1. दुर्ग-ग्रामीण 2. दुर्ग शहर 3. भिलाई नगर 4. वैशाली नगर 5. आइवारा (एससी) 6. साजा 7. बामेटारा 8. नवागढ़ (एससी) 9. संजारी बलद 10. दोंदी लोहारा (एसटी) 11. गंदरदेह, इन 11 विधान सभा सीटों में 1 विधान सभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है और २ सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षितं है।
दुर्ग जिले में कितने गांव है
दुर्ग जिले में 1798 गांव है, जो की जिले की इन तहसीलों के अंदर आते है 1. बालोद 2. बेमेतरा 3. बेरला 4. धंधा 5. डोंडी 6. डोंडी लुहरा 7. दुर्ग 8. गुंडरदेही 9. ग़ुरूर 10. नवग्रह 11. पतन 12. सजा 13. थानखंड़िए
दुर्ग का इतिहास
दुर्ग का इतिहास अकेला नहीं है, दुर्ग के इतिहास में रायपुर और बिलासपुर का जिक्र होना जरुरी है, क्युकी दुर्ग जिला १ जनवरी १९०६ में रायपुर और बिलासपुर के कुछ भागो को मिलकर बनाया गया था, उस समय आज के राजनांदगाव और कबीरधाम भी दुर्ग जिले के अंतर्गत आते थे, तब कबीरधाम का नाम कवर्धा हुआ करता था।
२६ जनवरी १९७३ को दुर्ग जिले का पुनर विभाजन हुआ और इसमें अंदर से दो नए जिले निकल दिए गए, जो की कबीरधाम और राजनांदगाव है।
दुर्ग का इतिहास शुरू होता है १९०६ तब यह रायपुर जिले का एक भाग था, जब १९०६ में दुर्ग जिला बना तब इसमें रायपुर और बिलासपुर की २ तहसीलें बेमेतरा और बालोद मिलकर जिला बनाया गया था, जो की २०१२ में फिर से दुर्ग जिले से अलग कर के २ स्वतंत्र जिले बना दिए गए है।