बीकानेर जिला राजस्थान राज्य के बीकानेर मण्डल के अंतर्गत आता है, बीकानेर जिले का मुख्यालय बीकानेर नगर ही है, बीकानेर की स्थापना राव बीका ने की थी उनके ही नाम पर इस स्थान का नाम बीकानेर रखा गया था।
बीकानेर जिले का क्षेत्रफल ३०२४७ वर्ग किलोमीटर है, २०११ की जनगणना के अनुसार बीकानेर की जनसँख्या २३६७७४५ और जनसँख्या घनत्व ७८ व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है, बीकानेर की साक्षरता ६६% महिला पुरुष अनुपात ९०३ महिलाये प्रति १००० पुरुषो पर और २००२ से २०११ के बीच जनसँख्या विकास दर ४२% .
बीकानेर भारत में कहाँ पर है
बीकानेर जिला भारत के राजस्थान राज्य के उत्तर पश्चिमी भाग में है, बीकानेर के अक्षांस और देशांतर क्रमशः २८ डिग्री १ मिनट उत्तर से ७३ डिग्री १८ मिनट पूर्व तक है, बीकानेर की समुद्रतल से ऊंचाई २४२ मीटर है, बीकानेर जयपुर से ३३५ किलोमीटर उत्तर पश्चिम की तरफ है और दिल्ली से ४३४ किलोमीटर पश्चिम की तरफ है।
बीकानेर के पडोसी जिले
बीकानेर जिले के उत्तर में गंगानगर जिला है, उत्तर पूर्व में हनुमानगढ़ है, पूर्व में चूरू जिला है, दक्षिण पूर्व में चूरू जिला है, दक्षिण में जोधपुर जिला है, दक्षिण पश्चिम में जोधपुर और बाकि का पश्चिमी और पश्चिमोत्तर का भाग पाकिस्तान द्वारा जुड़ा हुआ है।
Information about Bikaner in Hindi
नाम | बीकानेर |
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राज्य | राजस्थान |
क्षेत्र | 155 किमी 2 (60 वर्ग मील) |
बीकानेर की जनसंख्या | 644,406 |
अक्षांश और देशांतर | 28.022 9 डिग्री एन, 73.311 9 डिग्री ई |
बीकानेर का एसटीडी कोड | +91 151 |
बीकानेर का पिन कोड | 334001 |
जिला मजिस्ट्रेट (डीएम कलेक्टर) | सुश्री। आर्टि डोग्रा |
पुलिस अधीक्षक (एसपी / एसएसपी) | डॉ। अभय सिंह सिंह केपोर |
मुख्य विकास अधिकारी | |
मुख्य चिकित्सा अधिकारी | डॉ रामबाबू जायसवाल, |
संसद के सदस्य | अर्जुन राम मेघवाल |
विधायक | सिद्धि कुमारी |
उपखंडों की संख्या | |
तहसील की संख्या | 8 |
गांवों की संख्या | 52 9 |
रेलवे स्टेशन | बीकानेर जंक्शन |
बस स्टेशन | बस स्टेशन |
बीकानेर में एयर पोर्ट | नल हवाई अड्डा |
बीकानेर में होटल की संख्या | 141 |
डिग्री कॉलेजों की संख्या | 2 |
अंतर कॉलेजों की संख्या | 54 |
मेडिकल कॉलेजों की संख्या | 8 |
इंजीनियरिंग कॉलेजों की संख्या | 26 |
बीकानेर में कंप्यूटर केंद्र | 81 |
बीकानेर में मॉल | 4 |
बीकानेर में अस्पताल | 52 |
बीकानेर में विवाह हॉल | 40 |
नदी (ओं) | अजमेर नदी |
उच्च मार्ग | राष्ट्रीय राजमार्ग 11 |
ऊंचाई | 242 मीटर (794 फीट) |
घनत्व | 4,200 / किमी 2 (11,000 / वर्ग मील) |
आधिकारिक वेबसाइट | Http://www.bikaner.rajasthan.gov.in/content/raj/bikaner/en/home.html# |
साक्षरता दर | 77.98% |
बैंक | स्टेट बैंक, एक्सिस बैंक, कैनरा बैंक, विजया बैंक, यूको बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, आईडीबीआई बैंक, इलाहाबाद बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, पंजाब नेशनल बैंक |
प्रसिद्ध नेता (ओं) | महाराजा सर गंगा सिंह |
राजनीतिक दलों | बीजेएस, सीपीआई, कांग्रेस, सपा, भाजपा |
आरटीओ कोड | आरजे -07 |
आधार कार्ड केंद्र | 12 |
स्थानीय परिवहन | कार, ट्रेन, बस और टैक्सी |
मीडिया | समाचार पत्र, ग्रामीण / शहरी होने के रेडियो, ट्रांजिस्टर, मीडिया, टेलीविजन |
विकास | 41.19% |
यात्रा स्थलों | जौनगढ़ किला, जैन मंदिर भंडार, ऊंट पर राष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र, लालगढ़ पैलेस और संग्रहालय, द रॉयल केनोटैफ, श्री लक्ष्मीननाथ मंदिर, गजेनर मंदिर, कोटे गेट, कोडमदेश्वर मंदिर, शिव बरदी मंदिर, स्काईबर्ड वाटर पार्क |
बीकानेऱ का नक्शा मानचित्र मैप
गूगल मैप द्वारा निर्मित बीकानेऱ का मानचित्र, इस नक़्शे में बीकानेऱ के महत्वपूर्ण स्थानों को दिखाया गया है
बीकानेऱ जिले में कितनी तहसील है
बीकानेर जिले में ८ तहसील है, इन ८ तहसीलों के नाम 1. बीकानेर 2. छतरगढ़ 3. खाजूवाला 4. कोलायत 5. लूणकरणसर 6. नोखा 7. पूगल और 8. श्रीडूंगरगढ़, in 8 तहसीलों में पूंगल और खाजूवाला तहसीलों की गिनती छोटी तहसीलों में है, जबकि कोलायत तहसील सबसे बड़ी तहसील है।
बीकानेऱ जिले में विधान सभा की सीटें
बीकानेर जिले में ६ विधानसभा क्षेत्र है, इन विधान सभा सीटों के नाम 1. बीकानेर वेस्ट, 2. बीकानेर ईस्ट, 3. कोलायत, 4. लूणकरणसर, 5. डूंगरगढ़, और 6. नोखा इन ६ विधानसभा सीटों में से कोलायत विधान सभा क्षेत्र अनुसूचित जाती के लिए आरक्छित है।
बीकानेऱ जिले में कितने गांव है
बीकानेर जिले में गांव है जो की जिले की ८ तहसीलों के अंतर्गत आते है, इन ग्रामो की संख्या तहसील के नाम के साथ 1. बीकानेर में १२५ गांव है, 2. छतरगढ़ तहसील में ६४ गांव है, 3. खाजूवाला में ५८ गांव है, 4. कोलायत तहसील में २३२ गांव है, 5. लूणकरणसर में १३९ गांव है, 6. नोखा तहसील में १४५ गांव है, 7. पूगल में ५८ गांव है और 8. श्रीडूंगरगढ़ तहसील में ९८ गांव है।
बीकानेर का इतिहास
बीकानेर राजस्थान राज्य का एक शहर है। बीकानेर राज्य का पुराना नाम जांगल देश था। इसके उत्तर में कुरु और मद्र देश थे, बीकानेर के राजा जंगल देश के स्वामी होने के कारण अब तक “जंगल धर बादशाह’ कहलाते हैं। बीकानेर राज्य तथा जोधपुर का उत्तरी भाग जांगल देश था राव बीका द्वारा १४८५ में इस शहर की स्थापना की गई। ऐसा कहा जाता है कि नेरा नामक व्यक्ति इस सम्पूर्ण जगह का मालिक था तथा उसने राव बीका को यह जगह इस शर्त पर दी की उसके नाम को नगर के नाम से जोड़ा जाए। इसी कारण इसका नाम बीका+नेर, बीकानेर पड़ा।
अक्षय तृतीया के यह दिन आज भी बीकानेर के लोग पतंग उड़ाकर स्मरण करते हैं। बीकानेर का इतिहास अन्य रियासतों की तरह राजाओं का इतिहास है। महाराजा गंगासिंह जी ने नवीन बीकानेर रेल नहर व अन्य आधारभूत व्यवस्थाओं से समृद्ध किया। बीकानेर की भुजिया मिठाई व जिप्सम तथा क्ले आज भी पूरे विश्व में अपनी विशिष्ट पहचान रखती हैं। यहां सभी धर्मों व जातियों के लोग शांति व सौहार्द्र के साथ रहते हैं यह यहां की दूसरी महत्वपूर्ण विशिष्टता है।
यदि इतिहास की बात चल रही हो तो इटली के टैसीटोरी का नाम भी बीकानेर से बहुत प्रेम से जुड़ा हुआ है। बीकानेर शहर के ५ द्वार आज भी आंतरिक नगर की परंपरा से जीवित जुड़े हैं। कोटगेट, जस्सूसरगेट, नत्थूसरगेट, गोगागेट व शीतलागेट इनके नाम हैं यहां के अधिकांश लोगों की भाषा मारवाड़ी है, जो राजपूताने में बोली जानेवाली भाषाओं में मुख्य है। यहां उसके भेद थली, बागड़ी तथा शेखावटी की भाषाएं हैं। उत्तरी भाग के लोग मिश्रित पंजाबी अथवा जाटों की भाषा बोलते हैं। यहां की लिपि नागरी है, जो बहुधा घसीट रुप में लिखी जाती है।
यहां के गलीचे एवं दरियां भी प्रसिद्ध है। इसके अतिरिक्त हाथी दांत की चूड़ियाँ, लाख की चूड़ियाँ तथा लाख से रंगी हुई लकड़ी के खिलौने तथा पलंग के पाये, सोने-चाँदी के ज़ेवर, ऊँट के चमड़े के बने हुए सुनहरी काम के तरह-तरह के सुन्दर कुप्पे, ऊँटो की काठियां, लाल मिट्टी के बर्त्तन आदि यहां बहुत अच्छे बनाए जाते हैं।