भोपाल जिला मध्य प्रदेश के जिलों में एक जिला है, भोपाल जिला, भोपाल मंडल के अंतर्गत आता है और इसका मुख्यालय भोपाल में है, जिले में २ उपमंडल है, २ उप खंड है, 8 विधान सभा क्षेत्र जो की भोपाल लोकसभा के अंतर्गत आती है, 506 ग्राम है और १०२ ग्राम पंचायते भी है ।
भोपाल जिला
भोपाल जिले का क्षेत्रफल 2772 वर्ग किलोमीटर है, और २०११ की जनगणना के अनुसार भोपाल की जनसँख्या 2371061 और जनसँख्या घनत्व 855/km2 व्यक्ति [प्रति वर्ग किलोमीटर] है, भोपाल की साक्षरता 80.37% है, महिला पुरुष अनुपात यहाँ पर 911 महिलाये प्रति १००० पुरुषो पर है, जिले की जनसँख्या विकासदर २००१ से २०११ के बीच 28.46 % रहा है।
भोपाल भारत में कहाँ पर है
भोपाल जिला भारत के राज्यो में एकदम मध्य में स्थित मध्य प्रदेश राज्य में है, भोपाल जिला मध्य प्रदेश के मध्य पश्चिम भाग की तरफ का जिला है भोपाल 23.15 ° उत्तरी अक्षांस से 77.25° पूर्व देशांतर के बीच स्थित है, भोपाल की समुद्रतल से ऊंचाई 527 मीटर है, भोपाल भोपाल से 0 किलोमीटर है और देश की राजधानी दिल्ली से 785 किलोमीटर दक्षिण की तरफ ही और ये राष्ट्रिय राजमार्ग 44 पर है।
भोपाल के पडोसी जिले
भोपाल के उत्तर में गुना जिला, उत्तर पूर्व में विदिशा जिला है, दक्षिण पूर्व में रायसेन जिला है, दक्षिण पश्चिम में सीहोर जिला है और उत्तर पश्चिम में राजगढ़ जिला है ।
Information about Bhopal in Hindi
नाम | भोपाल |
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मुख्यालय | भोपाल |
प्रशासनिक प्रभाग | भोपाल डिवीजन |
राज्य | मध्य प्रदेश |
क्षेत्रफल | 2,772 किमी 2 (1,070 वर्ग मील) |
जनसंख्या (2011) | 2,371,061 |
पुरुष महिला अनुपात | 911 |
विकास | 28.46% |
साक्षरता दर | 80.37% |
जनसंख्या घनत्व | 855 / किमी 2 (2210 / वर्ग मील) |
ऊंचाई | 527 मीटर (1,72 9 फीट) |
अक्षांश और देशांतर | 23.15 ° उत्तर 77.25 ° पूर्व |
एसटीडी कोड | +91-0755′ |
पिन कोड | 462001 to 462046 |
संसद के सदस्य | 1 |
विधायक | 8 |
उप मंडल की संख्या | 2 |
खंडों की संख्या | 2 |
गांवों की संख्या | 506 |
रेलवे स्टेशन | भोपाल रेलवे स्टेशन |
बस स्टेशन | हाँ |
एयर पोर्ट | राजा भोज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा भोपाल |
डिग्री कॉलेजों की संख्या | 17 |
अंतर कॉलेजों की संख्या | 60 |
प्राथमिक विद्यालय (पूर्व-प्राथमिक को शामिल करना) | 700 |
मध्य विद्यालय | 371 |
अस्पताल | 100 |
नदी (ओं) | NA |
उच्च मार्ग | NH 44 and SH 19 |
आधिकारिक वेबसाइट | http://bhopal.nic.in |
बैंक | 42 |
प्रसिद्ध नेता (ओं) | Najma Heptulla |
आरटीओ कोड | MP-01,-MP-02,MP-03,MP-04 |
स्थानीय परिवहन | बस, टैक्सी आदि |
भोपाल का नक्शा मानचित्र मैप
गूगल मैप द्वारा निर्मित भोपाल का मानचित्र, इस नक़्शे में भोपाल के महत्वपूर्ण स्थानों को दिखाया है
भोपाल जिले में कितनी तहसील है
भोपाल जिले में प्रशासनिक विभाजन तहसील के साथ साथ ब्लॉक में भी किया गया है, इनके मुख्य अधिकारी तहसीलद्र और ब्लॉक विकास अधिकारी होता है, भोपाल जिले में 2 ब्लॉक बेरसिया और फांडा & बेरसिया और हजुर तहसील है।
भोपाल जिले में विधान सभा और लोकसभा की सीटें
भोपाल जिले में 8 विधान सभा क्षेत्र है, बेरसिया, भोपाल उत्तर, नरेला, भोपाल दक्षिण-पश्चिम, भोपाल मध्य, गोविंदपुरा, हजूर और सेहोर और ये सभी विधानसभा सीटें भोपाल लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा हैं।
भोपाल जिले में कितने गांव है
भोपाल जिले में 102 पंचायतों के अंदर आने वाले 506 गांव है ।
भोपाल का इतिहास
भोपाल का इतिहास बहुत ही भव्य और प्राचीन है इतिहासकारो के अनुशार भोपाल नगर की स्थापना ११वी शताब्दी में परमार राजा भोज ने की थी और उस समय इस इस राज्य की राजधानी धार हुआ करती थी, कुछ मुग़ल परस्त इतिहासकारो का ये मत है की भोपाल को वर्तमान स्वरुप में लाने का श्रेय मुगल सेना का पश्तून कमांडर दोस्त मुहम्मद खान को जाता है जो की १८वी सदी की बात है।
अंग्रेजो के समय में भोपाल पर राज्य यह की चार बेगमो ने किया था उनका कार्यकाल १८१९ से १९२६ तक रहा इनके नाम इस प्रकार से है, कसीदा बेगम, सिकंदर बेगम, शाहजहां बेगम और सुल्तान जहाँ बेगम इसके बाद इनके बेटे को राज सत्ता चली गयी।
स्वतंत्र के बाद भोपाल का इतिहास
हैदराबाद के बाद भोपाल दूसरा मुस्लिम बाहुल्य राज्य था, यहाँ के आखरी नवाब ने भी बहुत कोशिश की की उनके राज्य को को एक स्वतंत्र राज्य बना रहने दिया जाए, लेकिन यहाँ की जनता भारत सरकार में विलय चाहती थी जिसका नेतृत्व भारत के भविसगामी राष्ट्रपति श्री शंकर दयाल शर्मा कर रहे थे, आखिर उनके विरोध के आगे नवाब झुक गया और भोपाल को ३० अप्रैल १९४९ में भारत गणराज्य में जोड़ दिया गया।
भोपाल के जिले बनने का इतिहास
भोपाल को भारत गणराज्य में शामिल तो कर लिया गया लेकिन १९५६ तक इसे भोपाल राज्य के ने नाम से ही जाना जाता रहा, १९५६ में राज्य पुनर्गठन आयोग के गाथा हुआ और तब मध्य प्रदेश राज्य अस्तित्व में आया, और उस समय भोपाल को सीहोर जिले में जोड़ दिया गया और साथ ही भोपाल को मध्य प्रदेश की राजधानी भी बना दिया गया क्युकी सभी कार्यालय यहाँ पर पहले से ही बने हुए थे, परन्तु राजकम और अन्य समस्याओ के चलते सरकार को लगा की भोपाल को एक पूर्ण जिला बना दिया जाना चाहिए और मध्य प्रदेश सरकार ने २ अक्टूबर १९७२ को इसे सीहोर से अलग कर के एक जिला बना दिया।