प्रधान मंत्री मुद्रा योजना – मुद्रा बैंक

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, एक ऐसी योजना है जिसमे भारत देश के नागरिक अपना खुद का व्यवसाय खोलने के लिए बैंक के द्वारा निर्धारित मानको के आधार पर लोन न लेकर प्रधान मंत्री द्वारा दी गयी व्याजदरो पर लोन लेकर अपना व्यवसाय शुरू कर सकते है, इसके लिए भारत के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी ने ८ अप्रैल २०१५ को 20 हजार करोड़ रुपए के कॉर्पस फंड और 3,000 करोड़ रुपए के क्रेडिट गारंटी कॉर्पस के साथ इस माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी लिमिटेड (मुद्रा) बैंक का उद्घाटन किया, इस योजना की जानकारी सबसे पहले भारत के वित्त मंत्री अरुण जेटली जी ने अपने बजट भाषण में दी थी।

मुद्रा बैंक क्या है

मुद्रा बैंक में प्रयुक्त शब्द मुद्रा वास्तव में वो मुद्रा नहीं है जिसको हम लोग अपने दैनिक जीवन में जानते है, अंग्रेजी के एक लंबे नाम का संक्षिप्त नाम है, मुद्रा का पूरा नाम MUDRA ही है जिसका पूरा वर्णन इस प्रकार से है “माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी” और इसी में अगर शब्द बैंक भी जोड़ दिया जाये तो पूरा मतलब हुआ एक ऐसी बैंक से जो इस प्रकार की संपत्ति को अपने पास रखती है।

प्रधान मंत्री मुद्रा बैंक योजना के उद्देश्य

इस योजना को लेन से पहले भारत सरकार ने ‘NSSO’ की २०१३ की रिपोर्ट का अध्ध्य्यन किया और सुमे पाया की देश में ५ करोड़ से ज्यादा एकल स्वामित्व वाले लघु उद्योग है जो की और भी ज्यादा हो सकते है या इन उद्योगों से ज्यादा रिजगार मिल सकते है अगर इन उद्योगों को समय से सरकार की तरफ से कुछ सहायता मिल जाये, इस अध्ययन के बाद भारत सरकार ने निम्न उद्देश्यों को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना का उद्घाटन किया :

1. सूक्ष्म वित्त के ऋणदाता और कर्जगृहिता का नियमन और सूक्ष्म वित्त प्रणाली में नियमन और समावेशी भागीदारी को सुनिश्चित करते हुए उसे स्थायित्व प्रदान करना।
2. सूक्ष्म वित्त संस्थाओं (एमएफआई) और छोटे व्यापारियों, रिटेलर्स, स्वसहायता समूहों और व्यक्तियों को उधार देने वाली एजेंसियों को वित्त एवं उधार गतिविधियों में सहयोग देना।
3. सभी एमएफआई को रजिस्टर करना और पहली बार प्रदर्शन के स्तर (परफॉर्मंस रेटिंग) और अधिमान्यता की प्रणाली शुरू करना। इससे कर्ज लेने से पहले आकलन और उस एमएफआई तक पहुंचने में मदद मिलेगी, जो उनकी जरूरतों को पूरी करते हो और जिसका पुराना रिकॉर्ड सबसे ज्यादा संतोषजनक है। इससे एमएफआई में प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी। इसका फायदा कर्ज लेने वालों को मिलेगा।
4. कर्ज लेने वालों को ढांचागत दिशानिर्देश उपलब्ध कराना, जिन पर अमल करते हुए व्यापार में नाकामी से बचा जा सके या समय पर उचित कदम उठाए जा सके। डिफॉल्ट के केस में बकाया पैसे की वसूली के लिए किस स्वीकार्य प्रक्रिया या दिशानिर्देशों का पालन करना है, उसे बनाने में मुद्रा मदद करेगा।
5. मानकीकृत नियम-पत्र तैयार करना, जो भविष्य में सूक्ष्म व्यवसाय की रीढ़ बनेगा।
6. सूक्ष्य व्यवसायों को दिए जाने वाले कर्ज के लिए गारंटी देने के लिए क्रेडिट गारंटी स्कीम बनाएगा।
7. वितरित की गई पूंजी की निगरानी, कर्ज लेने और देने की प्रक्रिया में मदद के लिए उचित तकनीक मुहैया कराएगा।
8. छोटे और सूक्ष्म व्यवसायों को प्रभावी ढंग से छोटे कर्ज मुहैया कराने की प्रभावी प्रणाली विकसित करने के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत उपयुक्त ढांचा तैयार करना।

प्रधान मंत्री मुद्रा योजना में लोन कैसे मिलता है

प्रधान मंत्री मुद्रा योजना के अंतर्गत आप लोन कैसे है, यहाँ पर एक विडियो के माध्यम से बताया गया है, आप इस विडियो को पूरी तरह से देखिए और समझिये प्रधान मंत्री मुद्रा योजना से जुड़ने की :

प्रधान मंत्री मुद्रा योजना के लाभ

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के लाभ सभी व्यवसाइयों के लिए है जो अपना खुद का कोई भी कारोबार शुरू करने जा रहे है या कर रहे है, इस योजना में ३ तरह के लोन उपलब्ध है [१] शिशु [२] किशोर [३] तरुण, इनके नाम के अनुरूप दी जनि वाली रासी में भी परिवर्तन है शिशु में ५०००० तक, किशोर में ५१००० से ५ लाख तक और तरुण में ५००००० से ऊपर परन्तु १०००००० तक के ऋण उपलब्ध है

प्रधान मंत्री मुद्रा योजना की व्याज दर

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में व्याज की दर १०% प्रति सालाना है, परंतु इसकी व्याजदर दूसरे साल से शुरू होती है और पहले १ साल आपसे किसी भी रकार का कर नहीं लगेगा, अर्थात पहले साल अगरआप अपना व्यवसाय जमा पाते हो तभी आपसे अगले साल कर लगेगा और ब्याज भी, अन्यथा आप बैंक को लिख कर देदो की नुकशान हुआ है मेरे साथ कुछ रियायत बरते [सम्पूर्ण साक्ष्य नहीं है टीवी समाचार के आधार पर ]

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